कन्याओं की पूजा(Kanya Poojan):चैत्र नवरात्रि- 2024

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Kanya Pujan - Navratri

नमस्कार दोस्तों!

चैत्र नवरात्रि 2024 जल्द ही आने वाली है। यह न केवल देवी दुर्गा की भक्ति का समय है, बल्कि कन्या पूजन का भी विशेष अवसर है। कन्या पूजन को कुमारिका भोज के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें नौ बाल-कन्याओं को माँ का स्वरूप मानकर पूजा जाता है और भोजन कराया जाता है।

नवरात्रि 2024: तिथियां

चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ घटस्थापना के साथ होता है, आइए इस वर्ष की तिथियों पर एक नज़र डालें:

  • चैत्र नवरात्रि प्रारंभ: 9 अप्रैल 2024
  • चैत्र नवरात्रि समाप्ति: 17 अप्रैल 2024
  • घटस्थापना: 9 अप्रैल 2024

कन्या पूजन का महत्व:

नौ दिनों तक हम नवरात्र में माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। बाल कन्याओं में भी मातारानी का ही वास होता हैं। इसलिये उनके प्रतीकात्मक रूप में नौ कन्याओं के पूजन तथा उन्हें भोजन खिलाने की परंपरा का निर्वहन किया जाता हैं। इस प्रकार भक्तजन मातारानी के प्रति अपनी श्रद्धा व आस्था को प्रकट करते हैं और माँ की असीम कृपा के अधिकारी बनते हैं।

कन्या पूजन कैसे करें:

  • प्रातः काल स्नान करके मातारानी की पूजा-अर्चना करें।
  • भोजन तैयार करें। कन्याभोज में खीर, पूरी, देसी चने और हलवा आदि अवश्य शामिल करें।
  • कन्याओं को बुलाकर शुद्ध जल से उनके पांव धोएं।
  • सभी कन्याओं का रोली और अक्षत से तिलक करें।
  • स्नेहपूर्वक उनको भोजन कराएं।
  • नौ कन्याओं के साथ एक छोटे बालक को भी भोज कराने का प्रचलन है, जिसे कंजक कहा जाता है जिसे भैरव बाबा का स्वरूप माना जाता है।

इस बात का रखें ध्यान:

  • कन्या पूजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा देने का विशेष महत्व होता है।
  • आप अपनी क्षमता के अनुसार कन्याओं को विदा करते समय अनाज, रुपया या वस्त्र आदि भेंट करें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें।

कन्या पूजन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • कन्या पूजन नवरात्रि की अष्टमी और नवमी के दिन करना सबसे अधिक शुभ और फलकारी माना जाता है।
  • यदि आप अष्टमी और नवमी पर किसी कारणवश कन्या पूजन नहीं कर पा रहे हैं तो नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान कन्या पूजन किसी भी दिन कर सकते हैं।
  • अगर आपको नौ कन्याएं नहीं मिल रही हैं तो आप जितनी कन्याएं हैं उनका ही पूजन कर लें। बाकी कन्याओं के हिस्से का भोजन गाय को खिला दें।

कन्या पूजन के लाभ:

  • कन्या पूजन से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
  • माँ दुर्गा की कृपा बरसती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • मन को शांति मिलती है।

कन्या पूजन की विधि:

1. तैयारी:

  • नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन का आयोजन करें।
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को साफ करें और देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • कन्याओं के बैठने के लिए आसन बिछाएं।
  • पूजा सामग्री इकट्ठा करें।

2. पूजा सामग्री:

  • कम से कम 9 कन्याओं के लिए भोजन (खीर, पूरी, सब्जी, मिठाई आदि)।
  • दक्षिणा के लिए रुपये, फल, वस्त्र आदि।
  • रोली, अक्षत, चंदन, फूल, दीप, अगरबत्ती आदि।
  • कन्याओं के पैर धोने के लिए थाली, पानी, और तौलिया।

3. पूजन विधि:

  • देवी दुर्गा की पूजा करें।
  • कन्याओं को बुलाकर उनका स्वागत करें।
  • कन्याओं के पैर धोएं और उन्हें आसन पर बिठाएं।
  • कन्याओं का तिलक करें और उन्हें चंदन लगाएं।
  • कन्याओं को फल, फूल और मिठाई भेंट करें।
  • कन्याओं को भोजन कराएं।
  • कन्याओं को दक्षिणा दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

4. कन्या पूजन के मंत्र:

  • “ॐ जय देवी दुर्गे, भवानी, भवानी, शंकर प्रिया।
  • नमस्ते देवी दुर्गे, सर्वशक्तिमयी।
  • या देवी सर्वभूतेषु, माँ दुर्गा रूपेण संस्थिता।
  • नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

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