महाशिवरात्रि में क्या खाएं और क्या ना खाएं(What to eat and what not to eat during Mahashivratri)

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

महाशिवरात्रि में क्या खाएं और क्या ना खाएं(What to eat and what not to eat during Mahashivratri)

प्रस्तावना

नमस्कार दोस्तों! भगवान शिव को समर्पित पावन पर्व ‘महाशिवरात्रि’ आने वाला है। व्रत और उपवास के लिए वर्ष का यह श्रेष्ठ दिन माना जाता है। इस दिन यदि नियमानुसार व्रत रखा जाए तो भगवान शिव की कृपा से मनोकामना पूर्ण होती है। आइए, इसी विषय पर बात करते हुए यह जानें कि महाशिवरात्रि के व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं।

महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए?

चलिए, अब बात करते हैं उन खाद्य पदार्थों के बारे में जो महाशिवरात्रि के व्रत में ग्रहण किए जा सकते हैं:

  • फल: सभी तरह के फल आपके व्रत के लिए उत्तम विकल्प हैं। मौसमी फल खाने से पेट भरा रहता है और शक्ति मिलती है। केला, सेब, संतरा, अंगूर, पपीता आदि फल ले सकते हैं।
  • दूध और डेयरी पदार्थ: दूध, दही, पनीर इत्यादि भी व्रत में ले सकते हैं। दूध पीने से शरीर में ताकत आती है।
  • साबूदाना: साबूदाने से बनी खिचड़ी, पापड़ या वड़ा व्रत में अच्छे से खाए जा सकते हैं। साबूदाना ऊर्जा से भरपूर होता है।
  • सूखे मेवे (ड्राई फ्रूट्स): काजू, बादाम , किशमिश, पिस्ता आदि भी व्रत में स्वीकार्य हैं। ये पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी हैं।
  • कुट्टू का आटा: कुट्टू का आटा गेहूं के आटे का उत्तम विकल्प है। इसकी पकोड़ी, पराठे, पूड़ी आदि बनाई जा सकती है।
  • सिंघाड़े का आटा: इसके आटे की पूरीयां और पकौड़े व्रत के दौरान खाए जा सकते हैं।
  • आलू: सब्जियों के साथ या फिर चिप्स बनाकर आलू को भी व्रत के भोजन में शामिल किया जा सकता है।
  • मखाना: मखाना को घी में भूनकर या खीर बनाकर खाएं, यह व्रत के दौरान उत्तम भोजन देता है।

व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?

अब बात करते हैं उन खाद्य पदार्थों की जो महाशिवरात्रि के व्रत में पूरी तरह वर्जित हैं:

  • अन्न-धान्य: गेहूं, चावल, मैदा, सूजी, जौ, मक्की इत्यादि से बने उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए। यहां तक कि रोजमर्रा में प्रयोग होने वाले मसालों में भी मेथीदाना, हींग और राई का इस्तेमाल भी वर्जित है।
  • दालें: सभी तरह की दालें जैसे अरहर, मूंग, उड़द, चना इत्यादि व्रत में खाना निषेध है।
  • लहसुन-प्याज: व्रत के दौरान सात्विक आहार भी लिया जाता है, ताकि मन भक्ति में लगा रहे। लहसुन-प्याज तामसी प्रकृति के होने के कारण वर्जित हैं।
  • तेल-नमक: कुछ भक्त निर्जला व्रत रखते हैं और कुछ सेंधा नमक के साथ फल ग्रहण करते हैं । यह व्यक्ति के आधार पर होता है कि वह किस प्रकार व्रत करता है, किंतु साधारण तेल और नमक वर्जित होता है।

महाशिवरात्रि, भगवान शिव को समर्पित एक पावन पर्व है। यह व्रत हिंदुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

  • पापों का नाश: महाशिवरात्रि व्रत को पापों का नाश करने वाला माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • मनोकामना पूर्ण: महाशिवरात्रि व्रत मनोकामना पूर्ण करने वाला माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • आध्यात्मिक उन्नति: महाशिवरात्रि व्रत आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति का मन शांत होता है और उसे आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है।
  • सुख-समृद्धि: महाशिवरात्रि व्रत सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • व्रत का आरंभ: महाशिवरात्रि व्रत सूर्योदय से प्रारंभ होता है और अगले दिन सूर्योदय तक रहता है।
  • पूजा: व्रत के दौरान भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं।
  • जागरण: कुछ भक्त पूरी रात जागरण करते हैं और भगवान शिव का भजन-कीर्तन करते हैं।
  • व्रत का पारण: अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
  • महाशिवरात्रि के एक दिन पहले सात्विक और हल्का भोजन करें।
  • खाने में सेंधा नमक इस्तेमाल करें।
  • पूरे दिन मन में भगवान शिव का सुमिरन करते रहें।
  • हो सके तो निर्जला व्रत रखें या फलाहार पर रहें।
  • भूख लगने पर फल, दूध और मेवे खाएं।
  • शिवरात्रि की रात में भजन-कीर्तन में सम्मिलित हों।

1. रमा देवी:

रमा देवी पिछले 20 वर्षों से महाशिवरात्रि का व्रत रख रही हैं। वह कहती हैं कि व्रत में फल, दूध, दही, और साबूदाना जैसे सात्विक भोजन ग्रहण करने से उन्हें व्रत रखने में आसानी होती है। रमा देवी का मानना ​​है कि व्रत के दौरान तामसी भोजन, जैसे कि लहसुन, प्याज, और मांस का सेवन करने से मन अशांत होता है और व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है।

2. शिवम शर्मा:

शिवम शर्मा एक युवा छात्र हैं जो पिछले 5 वर्षों से महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं। वह कहते हैं कि व्रत के दौरान निर्जला रहना उनके लिए थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन भगवान शिव की कृपा से वह व्रत पूरा कर लेते हैं। शिवम का अनुभव है कि व्रत के दौरान पानी पीने से उन्हें कमजोरी महसूस होती है, इसलिए वह केवल फल और दूध का सेवन करते हैं।

3. रीना गुप्ता:

रीना गुप्ता एक गृहिणी हैं जो पिछले 10 वर्षों से महाशिवरात्रि का व्रत रख रही हैं। वह कहती हैं कि व्रत के दौरान कुट्टू और सिंघाड़े के आटे से बनी चीजें खाने से उन्हें पेट भरने का एहसास होता है। रीना का मानना ​​है कि व्रत के दौरान भोजन में संयम रखना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे मन शांत रहता है और भगवान शिव की आराधना में एकाग्रता बढ़ती है।

दोस्तों, महाशिवरात्रि का व्रत हमारे मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है। यह भगवान शिव के प्रति हमारी अटूट श्रद्धा और भक्ति को दर्शाने का एक सुंदर तरीका है। इस व्रत को रखकर हम उनके और निकट हो सकते हैं और जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए शांति एवं शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आप शिव की कृपा पाना चाहते हैं, यदि आप अपने भीतर सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो इस महाशिवरात्रि पर सच्ची श्रद्धा से व्रत रखें। यह एक ऐसा पर्व है जो आपके जीवन में अद्भुत परिवर्तन और आशीर्वाद ला सकता है।

हर हर महादेव!

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A1. महाशिवरात्रि व्रत में सात्विक और हल्का भोजन करना चाहिए। कुछ श्रेष्ठ विकल्पों में शामिल हैं:

  • फल: मौसमी फल जैसे किला, सेब, संतरा, अंगूर, पपीता आदि।
  • दूध और डेयरी पदार्थ: दूध, दही, पनीर, खीर
  • साबूदाना: खिचड़ी, पापड़, वड़ा
  • सूखे मेवे (ड्राई फ्रूट्स): काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता
  • कुट्टू का आटा: पकोड़ी, पराठे, पूड़ी
  • सिंघाड़े का आटा: पूरीयां, पकौड़े
  • आलू: सब्जियों के साथ या चिप्स
  • मखाना: घी में भूनकर या खीर

A2. महाशिवरात्रि व्रत में तामसी भोजन नहीं खाना चाहिए।

  • अन्न-धान्य: गेहूं, चावल, मैदा, सूजी, जौ, मक्की
  • दालें: अरहर, मूंग, उड़द, चना
  • लहसुन-प्याज:
  • तेल-नमक:

A3. निर्जला व्रत रखते हुए केवल पानी पीना चाहिए।

A4. व्रत के दौरान प्यास लगने पर आप पानी पी सकते हैं। इसके अलावा, आप नारियल पानी, छाछ, या फल का रस भी पी सकते हैं।

A5. व्रत का पारण धीरे-धीरे करना चाहिए। आप फलों, दूध और डेयरी पदार्थों से शुरुआत कर सकते हैं।

यह भी ध्यान रखें:

  • व्रत रखने से पहले अपनी शारीरिक क्षमता का आकलन करें।
  • यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
  • व्रत के दौरान पानी पीना न भूलें।

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