श्री बृहस्पति देव की आरती(Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti): अर्थ, महत्व, और लाभ

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

Brihaspati-Dev-Aarti

नमस्कार दोस्तों! बृहस्पति देव, जिन्हें गुरु ग्रह के देवता भी माना जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ज्ञान, शिक्षा, समृद्धि, और सौभाग्य के कारक माने जाने वाले बृहस्पति देव, भक्तों के जीवन पर गहरा शुभ प्रभाव डालते हैं। इसीलिए, बृहस्पतिवार को श्री बृहस्पति देव की आरती का विशेष महत्व है। आइए इस आरती के शब्दों, भाव और फल के बारे में गहराई से जानें।

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा,
ऊँ जय वृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटा‌ओ,
संतन सुखकारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

जो को‌ई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय ।
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥

श्री बृहस्पति देव की आरती का अर्थ

  • भक्ति और आत्म-समर्पण: आरती के आरंभिक श्लोक भक्त की श्रद्धा और बृहस्पति देव के प्रति पूर्ण समर्पण का भाव दर्शाते हैं। इसमें साधक अपनी समस्त भौतिक और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु देव की शरण का आह्वान करता है।
  • बृहस्पति देव की शक्ति: आरती में बृहस्पति देव को जगत के पालनहार, सुख-संपदा के स्वामी, पापों का नाश करने वाले, और मनोकामनाएं पूर्ण करने वाले रूप में स्तुति की गई है। यह बृहस्पति देव के प्रभाव और उनकी जीवन पर पड़ने वाली अनुकूल शक्ति की ओर इशारा करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: आरती ज्ञान, विद्या, और ‘चरणामृत’ के रूप में आध्यात्मिक सफाई और पापों से मुक्ति का भी उल्लेख करती है। यह सुझाव देता है कि बृहस्पति देव की पूजा व्यक्ति के न केवल भौतिक, बल्कि आध्यात्मिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

श्री बृहस्पति देव की आरती का महत्व

  • ज्ञान और शिक्षा में वृद्धि: बृहस्पति देव ज्ञान के प्रतीक हैं। उनकी आरती करने से विद्या प्राप्ति और शिक्षा में सफलता का आशीर्वाद मिलता है।
  • समृद्धि और सौभाग्य: बृहस्पति देव भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि के भी कारक हैं। उनकी पूजा से जीवन में सुख-शांति आती है, धन-संपत्ति बढ़ती है, और सौभाग्य प्राप्त होता है।
  • संकटों से छुटकारा: बृहस्पति देव को अत्यंत शुभ माना जाता है, उनकी पूजा से कुंडली के बृहस्पति दोष सहित अनेक संकटों का निवारण होता है।
  • मनोकामनाओं की पूर्ति: सच्चे मन से की गई बृहस्पति देव की आरती मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।

बृहस्पतिवार को आरती करने की विधि

  1. सुबह स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
  2. बृहस्पति देव की प्रतिमा या तस्वीर के सामने पूजा स्थल स्थापित करें।
  3. दीपक जलाएं, धूप-अगरबत्ती करें, पीले फूल और फल अर्पित करें।
  4. केले के पत्ते पर हल्दी से रंगा चावल (अक्षत) रखें।
  5. शुद्ध मन से श्री बृहस्पति देव की आरती गाएं।
  6. अंत में बृहस्पति देव के मंत्रों का जाप करें।

बृहस्पति देव के मंत्र

  • बृहस्पति गायत्री मंत्र: ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरवे नम:
  • बृहस्पति बीज मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः

श्री बृहस्पति देव की आरती गाने के लाभ

  • बृहस्पति देव को ज्ञान और शिक्षा का देवता माना जाता है। उनकी आरती गाने से ज्ञान, बुद्धि, और स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है।
  • विद्यार्थियों को शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए बृहस्पति देव की आरती गाने की सलाह दी जाती है।
  • बृहस्पति देव को धन-संपदा और समृद्धि का कारक माना जाता है। उनकी आरती गाने से जीवन में सुख-शांति, धन-संपदा, और समृद्धि आती है।
  • व्यापारियों को व्यापार में सफलता प्राप्त करने के लिए बृहस्पति देव की आरती गाने की सलाह दी जाती है।
  • बृहस्पति देव को अत्यंत शुभ ग्रह माना जाता है। उनकी आरती गाने से कुंडली के बृहस्पति दोष सहित अनेक संकटों का निवारण होता है।
  • बृहस्पति देव की आरती गाने से रोग, शत्रु, और अन्य बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  • सच्चे मन से की गई बृहस्पति देव की आरती मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।
  • बृहस्पति देव की आरती गाने से विवाह, नौकरी, और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  • बृहस्पति देव को ‘गुरु’ भी कहा जाता है। उनकी आरती गाने से आध्यात्मिक ज्ञान, भक्ति, और आत्म-संयम में वृद्धि होती है।
  • बृहस्पति देव की आरती गाने से मन शांत होता है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।
  • बृहस्पति देव को स्वास्थ्य का कारक भी माना जाता है। उनकी आरती गाने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • बृहस्पति देव की आरती गाने से मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • बृहस्पति देव को ‘देवताओं का गुरु’ भी कहा जाता है। उनकी आरती गाने से सामाजिक प्रतिष्ठा, सम्मान, और मान-मर्यादा में वृद्धि होती है।
  • बृहस्पति देव की आरती गाने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का माहौल बनता है।

भक्तों की कहानियां और उनका अनुभव

श्रीमती रीना शर्मा, जो एक शिक्षिका हैं, बताती हैं कि कैसे बृहस्पति देव की आरती ने उन्हें अपनी शिक्षा में सफलता प्राप्त करने में मदद की। वे कहती हैं कि जब वे अपनी शिक्षा में परेशानी का सामना कर रही थीं, तब उन्होंने बृहस्पति देव की आरती गाने का फैसला किया। कुछ ही महीनों में, उन्होंने अपनी शिक्षा में उल्लेखनीय सुधार देखा और अपनी कक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त किया।

श्री रमेश कुमार, जो एक व्यवसायी हैं, बताते हैं कि कैसे बृहस्पति देव की आरती ने उन्हें अपने व्यापार में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में मदद की। वे कहते हैं कि जब उनका व्यापार घाटे में चल रहा था, तब उन्होंने बृहस्पति देव की आरती गाने का फैसला किया। कुछ ही समय में, उन्होंने अपने व्यापार में सुधार देखा और उनकी आय में वृद्धि हुई।

श्रीमती नीलम गुप्ता, जो एक गृहिणी हैं, बताती हैं कि कैसे बृहस्पति देव की आरती ने उन्हें अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त करने में मदद की। वे कहती हैं कि जब उनके परिवार में कलह और अशांति का माहौल था, तब उन्होंने बृहस्पति देव की आरती गाने का फैसला किया। कुछ ही महीनों में, उनके परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का माहौल बन गया।

श्री अमित अग्रवाल, जो एक छात्र हैं, बताते हैं कि कैसे बृहस्पति देव की आरती ने उन्हें अपनी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में मदद की। वे कहते हैं कि जब वे अपनी परीक्षा को लेकर चिंतित थे, तब उन्होंने बृहस्पति देव की आरती गाने का फैसला किया। परीक्षा में उन्हें अच्छे अंक प्राप्त हुए और वे सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हुए।

निष्कर्ष:

श्री बृहस्पति देव की आरती ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य का मार्ग है। यह भक्तों को ज्ञान और शिक्षा प्राप्त करने, धन-संपदा और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करने, संकटों से मुक्ति पाने, मनोकामनाओं की पूर्ति करने, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करने में मदद करती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

श्री बृहस्पति देव की आरती में बृहस्पति देव के प्रति समर्पण, ज्ञान, शिक्षा, धन, और संपत्ति प्राप्ति की प्रार्थना, देवता का वर्णन और आरती का फल दर्शाया गया है।

बृहस्पतिवार को बृहस्पति देव की आरती गाने का विशेष महत्व है। इसके अलावा, आप अपनी सुविधानुसार किसी भी समय आरती ग सकते हैं।

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • बृहस्पति देव की प्रतिमा या तस्वीर के सामने पूजा स्थल स्थापित करें।
  • दीपक जलाएं, धूप-अगरबत्ती करें, पीले फूल और फल अर्पित करें।
  • केले के पत्ते पर हल्दी से रंगा चावल (अक्षत) रखें।
  • शुद्ध मन से श्री बृहस्पति देव की आरती गाएं।
  • अंत में बृहस्पति देव के मंत्रों का जाप करें।
  • बृहस्पति गायत्री मंत्र: ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरवे नम:
  • बृहस्पति बीज मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः

ये भी देखें:-


0 टिप्पणियाँ

प्रातिक्रिया दे

Avatar placeholder

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

hi_INहिन्दी