माँ दुर्गा आरती(Maa Durga Aarti):अर्थ, महत्व, और लाभ

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

माँ दुर्गा आरती(Maa Durga Aarti):अर्थ, महत्व, और लाभ

नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे हमारी आराध्या, जगत की जननी, माँ दुर्गा की। इनके स्वरूप में ही वो आदिशक्ति हैं, जो संसार को चलाती हैं। उनकी आरती और चालीसा के पाठ से हमारे जीवन में सकारात्मकता, शक्ति और उनका दिव्य आशीर्वाद मिलता है। आइए, जानते हैं माँ की आरती और स्तुति के बारे में!

माँ दुर्गा की आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

तेरे भक्त जनो पर,
भीर पडी है भारी माँ ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह सवारी ।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टो को पलमे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

माँ बेटे का है इस जग मे,
बडा ही निर्मल नाता ।
पूत – कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करूणा दरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियो के दुखडे निवारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

नही मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को सवांरती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

—– Addition —-
चरण शरण मे खडे तुम्हारी,
ले पूजा की थाली ।
वरद हस्त सर पर रख दो,
मॉ सकंट हरने वाली ।
मॉ भर दो भक्ति रस प्याली,
अष्ट भुजाओ वाली,
भक्तो के कारज तू ही सारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

आरती का अर्थ

माँ दुर्गा की इस आरती के जरिये हम उनकी महिमा का गुणगान करते हैं। इसमें हम:

  • उन्हें जगत की माता मानकर जयकारा लगाते हैं: माँ दुर्गा को जगत जननी (अम्बे) माना जाता है। आरती की पहली ही पंक्ति उनकी इसी शक्ति और करुणा को दर्शाती है।
  • विभिन्न रूपों का वर्णन करते हैं: आरती में हम उन्हें गौरी (पार्वती) और श्यामा (काली) भी कहते हैं, जो उनके शांत और उग्र दोनों रूपों का प्रतीक है।
  • उनके श्रृंगार की प्रशंसा करते हैं: माँ के माथे के सिंदूर, नाक-कान के कुंडल, गले के हार आदि का वर्णन भी किया गया है।

आरती का महत्व

माँ दुर्गा की आरती का हमारे जीवन में गहरा महत्व है:

  • भक्ति और शांति: आरती करने से मन में ममतामयी माँ के प्रति भक्ति जागती है और एक आंतरिक शांति का एहसास होता है।
  • आध्यात्मिक जुड़ाव: आरती हमें देवी शक्ति से जोड़ती है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और आत्मबल बढ़ता है।
  • नकारात्मकता से मुक्ति: आरती में माँ से सभी संकटों और बुराइयों से रक्षा की प्रार्थना की जाती है।

आरती करने की विधि

  1. सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  2. माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को एक चौकी पर स्थापित करें।
  3. माँ के सामने दीपक, धूप, अगरबत्ती जलाएं और फूल अर्पित करें।
  4. आरती के दीपक में घी या तेल अवश्य डालें।
  5. शंख बजाएं और फिर विनम्र भाव से आरती शुरू करें।

आरती के लाभ

माँ दुर्गा की “अम्बे तू है जगदम्बे काली” आरती, एक स्तुति गीत है जो माँ की शक्ति और करुणा का गुणगान करता है। इस आरती को करने से कई लाभ मिलते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

आरती करने से मन में भक्ति भाव जागृत होता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। माँ दुर्गा की स्तुति करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।

आरती में माँ दुर्गा से सभी संकटों और बुराइयों से रक्षा करने की प्रार्थना की जाती है। आरती करने से नकारात्मक विचारों और ऊर्जाओं से मुक्ति मिलती है।

आरती करने से मन में शांति और आनंद का अनुभव होता है। माँ दुर्गा की स्तुति करने से मन को एकाग्र करने में मदद मिलती है और चिंता, तनाव, और भय से मुक्ति मिलती है।

माँ दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है। आरती करने से माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुरक्षा और रक्षा का अनुभव होता है।

आरती करने से मन में सकारात्मक विचारों का विकास होता है। माँ दुर्गा की स्तुति करने से आत्मविश्वास और आत्मबल बढ़ता है।

माँ दुर्गा को भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली देवी माना जाता है। आरती करने से माँ की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

आरती करने से मन और शरीर दोनों को स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। आरती करने से मन शांत होता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

आरती करने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता का माहौल बनता है। माँ दुर्गा की कृपा से परिवार के सदस्यों में प्रेम और एकता बढ़ती है।

आरती करने से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है। माँ दुर्गा की स्तुति करने से मन में ज्ञान का प्रकाश होता है।

आरती करने से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। माँ दुर्गा की स्तुति करने से मन में भक्ति भाव जागृत होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

भक्तों की कहानियां और उनका अनुभव

माँ दुर्गा, जिन्हें जगदंबा काली भी कहा जाता है, शक्ति और करुणा की देवी हैं। सदियों से, भक्तों ने अपनी समस्याओं और संकटों से मुक्ति पाने के लिए माँ दुर्गा की आराधना की है।

यहाँ कुछ भक्तों की कहानियां और उनके अनुभव दिए गए हैं, जिन्होंने माँ दुर्गा की आरती करके जीवन में सकारात्मक बदलाव अनुभव किए हैं:

रमा देवी एक गृहिणी थीं, जो अपने परिवार की देखभाल में बहुत व्यस्त रहती थीं। वे हमेशा थकान और तनाव महसूस करती थीं। एक दिन उन्होंने माँ दुर्गा की आरती करना शुरू किया। आरती करने से उन्हें मानसिक शांति और आनंद का अनुभव हुआ। वे धीरे-धीरे तनाव और थकान से मुक्त हो गईं।

रवि कुमार एक छात्र थे, जो अपनी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने माँ दुर्गा की आरती करना शुरू किया और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए। उन्हें आत्मविश्वास और एकाग्रता में भी वृद्धि महसूस हुई।

सुनील कुमार एक व्यापारी थे, जिन्हें अपने व्यवसाय में बहुत परेशानी हो रही थी। उन्होंने माँ दुर्गा की आरती करना शुरू किया और धीरे-धीरे उनके व्यवसाय में सुधार हुआ। उन्हें आर्थिक लाभ और सफलता प्राप्त हुई।

रीना शर्मा एक गायिका थीं, जिन्हें अपनी आवाज में सुधार करना था। उन्होंने माँ दुर्गा की आरती करना शुरू किया और उनकी आवाज में मधुरता और सुंदरता आ गई। उन्हें गायन में भी सफलता प्राप्त हुई।

राजेश कुमार एक युवा थे, जो गलत संगत में पड़ गए थे। उन्होंने माँ दुर्गा की आरती करना शुरू किया और धीरे-धीरे वे गलत संगत से दूर हो गए। उन्हें जीवन में सही रास्ता दिखाई दिया।

यह कुछ भक्तों की कहानियां और उनके अनुभव हैं, जिन्होंने माँ दुर्गा की आरती करके जीवन में सकारात्मक बदलाव अनुभव किए हैं। यदि आप भी जीवन में किसी समस्या या संकट का सामना कर रहे हैं, तो आप भी माँ दुर्गा की आरती कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

माँ दुर्गा की आरती एक ऐसा शक्तिशाली साधन है जो भक्तों को उनकी शक्ति और करुणा से जोड़ता है। इसके नियमित अभ्यास से हमें आध्यात्मिक विकास, मानसिक शांति, बुराइयों से सुरक्षा और मनोकामनाओं की पूर्ति मिलती है। क्या आप भी आरती के माध्यम से माँ जगदंबा से जुड़ने और उनके आशीर्वाद को अनुभव करने के लिए तैयार हैं?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

सुबह और शाम आरती के लिए उत्तम समय हैं, लेकिन आप अपनी श्रद्धा के अनुसार दिन में कभी भी आरती कर सकते हैं।

हाँ, आप मानसिक रूप से माँ का ध्यान करते हुए भी आरती कर सकते हैं। भावना सबसे ज़रूरी है।

आरती से घर का वातावरण शुद्ध होता है, मन में अच्छे विचार आते हैं, और परिवार में एकता बढ़ती है।

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