खाटू श्याम आरती

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खाटू श्याम आरती

श्री खाटू श्याम जी,

श्री खाटू श्याम जी, जिन्हें प्रेम से श्याम बाबा भी कहा जाता है, भगवान कृष्ण के महान परपोते माने जाते हैं। महाभारत की कथा के अनुसार, बर्बरीक (खाटू श्याम जी का मूल नाम) भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र थे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ योद्धाओं में से एक माना जाता था।

महाभारत युद्ध से पूर्व, श्री कृष्ण ने सभी योद्धाओं से यह दान मांगा कि वे युद्ध में किसका साथ देंगे। बर्बरीक ने अपनी क्षमताओं पर गर्व करते हुए घोषणा की कि वे हारने वाले पक्ष का साथ देंगे। यह सुनकर भगवान कृष्ण ने उनसे यह जानना चाहा कि युद्ध में वे कितना समय लेंगे। बर्बरीक ने कहा कि वे तीन बाणों से ही युद्ध को समाप्त कर सकते हैं।

यह सुनकर कृष्ण जान गए कि यदि बर्बरीक युद्ध में आए, तो उनका एक पक्ष को चुनना निश्चित है। यह महाभारत के युद्ध को एक ही पल में समाप्त कर सकता था। इस दुविधा से निकलने के लिए, श्री कृष्ण ने बर्बरीक से उनका शीश दान में मांग लिया। बर्बरीक ने, बिना हिचकिचाए, अपना शीश काट कर दान कर दिया। उनकी महान भक्ति से प्रसन्न होकर, कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में उनकी पूजा ‘श्याम’ के नाम से की जाएगी।

खाटू श्याम आरती

श्री खाटू श्याम जी के भक्त पूरे दिल से उनकी आरती करते हैं। माना जाता है कि उनकी आरती करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइये, विस्तार से जानते है खाटू श्याम जी की आरती के बारे में।

आरती का महत्व

हिंदू धर्म में, आरती किसी भी पूजा की समाप्ति का प्रतीक है। यह देवी-देवताओं के प्रति सम्मान और भक्ति व्यक्त करने का एक तरीका है। आरती के दौरान देवताओं की मूर्तियों के चारों ओर दीया घुमाया जाता है, इससे उस स्थान पर पवित्रता का वातावरण बनता है।

खाटू श्याम आरती पाठ

ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
श्री श्याम विनती: हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये!

खाटू श्याम जी की पूजा सामग्री

  • श्याम बाबा की मूर्ति या चित्र
  • शुद्ध जल से भरा कलश
  • रोली, मौली, चावल
  • दीपक, घी, रुई
  • धूप, अगरबत्ती, कपूर
  • फूल, हार, फल , मिठाई
  • प्रसाद (चूरमा, मेवा आदि)

आरती करने की विधि

  1. सबसे पहले श्री खाटू श्याम जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  2. चौकी पर मूर्ति/तस्वीर स्थापित करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं।
  3. अब शंख बजाएं।
  4. अब हाथ में जल लेकर, श्याम बाबा का ध्यान करते हुए जल को अपने आसपास छिड़कें।
  5. अब आरती की थाल तैयार करें जिसमें फूल, धूप, अगरबत्ती, कपूर आदि रखें।
  6. श्रद्धापूर्वक आरती का दीप जलाएं और खाटू श्याम जी का ध्यान करते हुए आरती शुरू करें।
  7. आरती के बाद प्रसाद बांटे, और स्वयं ग्रहण करें।

खाटू श्याम जी की आरती की कथा

ऐसा माना जाता है कि श्याम बाबा को मीठा बहुत प्रिय था। एक बार, एक गरीब ब्राह्मण ने भक्तिभाव से श्याम बाबा की पूजा की। ब्राह्मण के पास अपनी बेटी की शादी के लिए कुछ नहीं था। उसकी प्रार्थना सुनकर, श्याम बाबा ने उसके घर के सामने लगी बेर की झाड़ी को सोने से लाद दिया। इस चमत्कार से ब्राह्मण धनवान हो गया और अपनी बेटी की शादी में कोई कमी ना रही। श्याम बाबा की इस कृपा से वह इतना अभिभूत हुआ कि खाटू श्याम जी की महिमा को गीतों के माध्यम से व्यक्त करने लगा। इस तरह खाटू श्याम आरती की शुरुआत हुई।

श्री खाटू श्याम मंत्र

खाटू श्याम जी को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र भी है।

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा

माना जाता है कि इस मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में सभी बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

खाटू श्याम जी की आरती के लाभ

  • जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • भय और चिंता दूर होती है।
  • सभी तरह के संकटों से रक्षा होती है।
  • भक्तिभाव में वृद्धि होती है।
  • जीवन में सकारात्मकता आती है।

खाटू श्याम जी का प्रसिद्ध मंदिर

खाटू श्याम जी का विश्व-प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में खाटू गांव में स्थित है। लाखों भक्त हर साल उनके दर्शन करने आते हैं। विशेष रूप से, फाल्गुन माह (फरवरी-मार्च) में यहां विशाल मेला लगता है जिसमें देशभर से साधु-संत और भक्त समूह आते हैं।

खाटू श्याम दर्शन से जुड़ी भक्तों की कहानियां

कई भक्त अपनी दिलचस्प कहानियां साझा करते हैं कि कैसे खाटू श्याम जी की कृपा से उनके जीवन में चमत्कार हुए हैं। इन कहानियों को सुनकर लोगों की भक्ति और विश्वास और मज़बूत हो जाता है।

खाटू श्याम से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं

  • हारे का सहारा: खाटू श्याम जी को हारे हुए व्यक्ति का सहारा माना जाता है। जो भी व्यक्ति हताश होता है, खाटू श्याम जी के दरबार में आकर आश्रय लेता है, उसकी सभी मनोकामनाएं और कष्ट श्याम बाबा दूर कर देते हैं।
  • शीश के दानी: श्याम बाबा ने महाभारत युद्ध से पहले स्वेच्छा से अपना शीश दान कर दिया था, इसलिए इन्हें “शीश के दानी” के नाम से भी जाना जाता है।
  • कलियुग के अवतार: श्री कृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया था वे कलयुग में उनके ‘श्याम’ नाम से पूजे जाएंगे। इस प्रकार खाटू श्याम जी भगवान कृष्ण के कलयुगी अवतार माने जाते हैं।

ध्यान देने योग्य बातें

  • खाटू श्याम जी की पूजा और आरती करते समय मन में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति होनी चाहिए।
  • पूजा के दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  • प्रसाद ग्रहण करने से पहले श्याम बाबा को भोग ज़रूर लगाएं।

भक्तों के लिए कुछ उपयोगी सुझाव

  • खाटू श्याम मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय कोई भी नशीली वस्तु का सेवन न करें।
  • मंदिर प्रांगण में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें
  • मंदिर परिसर में किसी भी तरह का लड़ाई-झगड़ा न करें। हर व्यक्ति का आदर करें।
  • भीड़भाड़ से बचने के लिए पहले से आरती का समय और मंदिर के व्यस्त समय के बारे में पता कर लें।

निष्कर्ष

खाटू श्याम जी की शरण में आने से भक्तों को असीम शांति और कृपा की प्राप्ति होती है। उनका नाम लेने मात्र से सारे संकट दूर हो जाते हैं। यदि आप सच्चे मन से उनकी आरती करते हैं और अपने जीवन में धार्मिकता और सद्कर्मों का पालन करते हैं, तो आपका जीवन अवश्य ही धन्य हो जाएगा। जय श्री श्याम!

खाटू श्याम भक्तों के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQS)

  • खाटू श्याम मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय क्या है? यद्यपि आप वर्ष के किसी भी समय जा सकते हैं, सर्दियों के महीने मौसम के लिहाज से सबसे सुखद होते हैं। भीड़ से बचने के लिए सप्ताह के दिनों में यात्रा करने का प्रयास करें।
  • खाटू श्याम मंदिर में दर्शन के लिए कोई विशिष्ट पोशाक है? कोई विशेष पोशाक ज़रूरी नहीं है, लेकिन साफ-सुथरे और ढीले कपड़े पहनना उचित है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते उतारना न भूलें।
  • खाटू श्याम जी को क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है? श्याम बाबा को मीठे का भोग विशेष प्रिय है। इसलिए भक्त अक्सर उन्हें चूरमा, लड्डू, फल और अन्य मिठाइयाँ अर्पित करते हैं।
  • क्या खाटू श्याम मंदिर में रहने के लिए कोई सुविधा है? हां, मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित धर्मशालाएं हैं जहां भक्त मामूली शुल्क पर रह सकते हैं। आस-पास कई निजी होटल और गेस्टहाउस भी उपलब्ध हैं।
  • खाटू श्याम मंदिर कैसे पहुंचे? निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन जयपुर में हैं। वहां से, आप खाटू के लिए बस या टैक्सी आसानी से ले सकते हैं।

श्याम बाबा की लीला

दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि खाटू श्याम जी और उनकी अद्भुत आरती के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। याद रखें, सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती। खाटू श्याम जी उन सभी की रक्षा करते हैं जो पूरे विश्वास के साथ उनकी शरण में आते हैं।

यदि आप भाग्यशाली हैं कि आप खाटू श्याम जी के मंदिर में जा सकते हैं, तो यह अनुभव निश्चित रूप से आपके जीवन को बदल देगा। और यदि नहीं, तो घर में पूरी श्रद्धा से उनकी आरती करने से भी आपको उतना ही आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होगी।

जय श्री श्याम!


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