श्री बाल कृष्ण जी की आरती: कृपा और भक्ति का दिव्य संगम
परिचय
आज हम आपको श्री बाल कृष्ण जी की आरती के बारे में विस्तार से बताएंगे। यह दिव्य आरती न केवल भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है, बल्कि भगवान कृष्ण की अनंत कृपा और आशीर्वाद भी प्राप्त कराती है।
बाल कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। उनकी मधुर मुस्कान, मोहक लीलाएं, और दिव्य शक्तियां भक्तों को अत्यंत प्रिय हैं। वे प्रेम, शक्ति, ज्ञान और दया के प्रतीक हैं। बाल कृष्ण जी की आरती उनके प्रति हमारी भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।
श्री बाल कृष्ण जी की आरती के भावपूर्ण बोल
आरती
आरती बाल कृष्ण की कीजै,
अपना जन्म सफल कर लीजै ॥
श्री यशोदा का परम दुलारा,
बाबा के अँखियन का तारा ।
गोपियन के प्राणन से प्यारा,
इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥
॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥
बलदाऊ के छोटे भैया,
कनुआ कहि कहि बोले मैया ।
परम मुदित मन लेत बलैया,
अपना सरबस इनको दीजै ॥
॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥
श्री राधावर कृष्ण कन्हैया,
ब्रज जन को नवनीत खवैया ।
देखत ही मन लेत चुरैया,
यह छवि नैनन में भरि लीजै ॥
॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥
तोतली बोलन मधुर सुहावै,
सखन संग खेलत सुख पावै ।
सोई सुक्ति जो इनको ध्यावे,
अब इनको अपना करि लीजै ॥
॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै,
अपना जन्म सफल कर लीजै ॥
आरती बालकृष्ण जी: महत्व और लाभ
श्री बाल कृष्ण जी की आरती का महत्व अनेक स्तरों पर है:
- आध्यात्मिक शुद्धि: आरती करते समय हम भगवान कृष्ण के बाल रूप का ध्यान करते हैं, जिससे मन शांत और शुद्ध होता है।
- नकारात्मकता का नाश: आरती की ज्योति नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मकता का संचार करती है।
- कृपा प्राप्ति: भक्तिभाव से की गई आरती भगवान कृष्ण को प्रसन्न करती है और उनकी कृपा प्राप्त होती है।
- मनोकामना पूर्ति: सच्चे मन से की गई आरती से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- जीवन में मंगल: बाल कृष्ण जी की आरती करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।
आरती बालकृष्ण जी की पूजा विधि
बाल कृष्ण जी की आरती करने के लिए आपको कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होगी:
आवश्यक पूजन सामग्री
- दीपक: शुद्ध घी या तेल से भरा हुआ
- बत्ती: रुई की बत्ती
- धूप: अगरबत्ती या धूपबत्ती
- फूल: माला या चंदन का टीका
- फल: भोग के लिए कोई भी फल
- मिठाई: प्रसाद के लिए लड्डू या पेड़ा
- चावल: अक्षत
- जल: गंगाजल या शुद्ध जल
- कपूर: आरती आरंभ करने के लिए
- घंटी: आरती समाप्त करने के लिए
पूजा की सरल विधि
- दीपक प्रज्वलित करें: सबसे पहले, शुद्ध घी या तेल से भरा हुआ दीपक जलाएं।
- बत्ती लगाएं: दीपक में रुई की बत्ती लगाएं और जलाएं।
- धूप जलाएं: अगरबत्ती या धूपबत्ती जलाकर भगवान कृष्ण को धूप अर्पित करें।
- फूल अर्पित करें: भगवान कृष्ण को माला या चंदन का टीका अर्पित करें।
- भोग लगाएं: भगवान कृष्ण को कोई भी फल, लड्डू या पेड़ा भोग के रूप में अर्पित करें।
- अक्षत और जल अर्पित करें: भगवान कृष्ण को अक्षत और जल अर्पित करें।
- आरती गाएं: भक्तिभाव से बाल कृष्ण जी की आरती गाएं।
- घंटी बजाएं: आरती समाप्त होने पर घंटी बजाकर भगवान कृष्ण को नमस्कार करें।
श्री बालकृष्ण जी की आरती से जुड़ी कथा
ऐसी मान्यता है कि श्री बाल कृष्ण जी की आरती सबसे पहले यशोदा मैया ने गाई थी। जब बालक कृष्ण को नज़र लग जाती थी, तो यशोदा मैया उनकी आरती करके उतारती थीं। इसीलिए आरती को नज़र उतारने का एक प्रभावी तरीका भी माना जाता है।
भक्तों के अनुभव: बालकृष्ण जी की आरती से मिली कृपा
श्री बाल कृष्ण जी की भक्ति में अपार शक्ति है। भक्तों के जीवन में उनकी कृपा के अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं। भक्त बताते हैं कि बालकृष्ण जी की आरती करने से उन्हें मानसिक शांति, चिंताओं से मुक्ति, और जीवन में सफलता मिली है। कई बार आरती से मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
आरती बालकृष्ण जी: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- आरती करने का सबसे अच्छा समय क्या है? सुबह और शाम आरती करने का सबसे अच्छा समय होता है। यदि संभव हो तो आप जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के बाल रूप की विशेष रूप से आरती कर सकते हैं।
- क्या बिना दीपक के आरती की जा सकती है? आरती में दीपक का विशेष महत्व होता है। अगर किसी कारण से दीपक जलाना संभव न हो तो आप हाथ में थाली लेकर कपूर जलाकर आरती कर सकते हैं। मन में पूरी श्रद्धा रखें और कपूर के ज्योति को ही दीपक की दिव्य ज्योति मानें।
- क्या घर के मंदिर में बालकृष्ण जी की मूर्ति रख सकते हैं? जी हाँ, घर के मंदिर में बालकृष्ण जी की मूर्ति या तस्वीर ज़रूर रख सकते हैं। बस ध्यान रहे कि उनकी नियमित पूजा-अर्चना की जाए और उनकी सेवा में कभी कोताही न हो।
निष्कर्ष
प्रिय भक्तों, बाल कृष्ण जी की आरती करने से न सिर्फ आप उनकी असीम कृपा के पात्र बनते हैं, बल्कि आपके हृदय में उनके प्रति अगाध प्रेम और भक्ति की भावना जागृत होती है। अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और जीवन में दिव्य आनंद की प्राप्ति करें।
जय श्री बाल कृष्ण!
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