श्री बाबा बालक नाथ आरती: पूर्ण गाइड

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

Baba Balak Nath Aarti

प्रस्तावना

नमस्कार दोस्तों! क्या आप आध्यात्मिक शक्ति और भक्ति में गहरी आस्था रखते हैं? यदि हाँ, तो आप अवश्य ही भारत के प्रसिद्ध देवता, बाबा बालक नाथ जी के बारे में जानते होंगे। उनकी दिव्य आरती एक भक्तिपूर्ण अनुष्ठान है जो आपको उनकी ऊर्जा से जोड़ता है। आइए, आज के इस ब्लॉग में बाबा बालक नाथ आरती के महत्व, कथा, पूजा विधि तथा इससे मिलने वाले अद्भुत लाभों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

बाबा बालक नाथ आरती का महत्व

  • इच्छाओं की पूर्ति: बाबा बालक नाथ जी को प्रसन्न करने के लिए आरती की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से उनकी आरती गाते हैं, बाबा उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं।
  • नकारात्मक ऊर्जा का नाश: बाबा की आरती को बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और आत्मा को सात्विक भावों से भर देती है।
  • बाधाओं का निवारण: अगर आपके जीवन में कोई बाधाएं आ रही हैं, तो इस आरती को करने से बाबा बालक नाथ जी उन बाधाओं को दूर कर आपका मार्ग प्रशस्त करते हैं।
  • शांति और समृद्धि: इस आरती का पाठ करने से मन में शांति मिलती है। इसके प्रभाव से घर में सदैव सुख-समृद्धि का वास होता है।

बाबा बालक नाथ आरती के बोल

ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया,
दस जनों की नैया,
भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

बालक उमर सुहानी,
नाम बालक नाथा,
अमर हुए शंकर से,
सुन के अमर गाथा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

शीश पे बाल सुनैहरी,
गले रुद्राक्षी माला,
हाथ में झोली चिमटा,
आसन मृगशाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

सुंदर सेली सिंगी,
वैरागन सोहे,
गऊ पालक रखवालक,
भगतन मन मोहे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

अंग भभूत रमाई,
मूर्ति प्रभु रंगी,
भय भज्जन दुःख नाशक,
भरथरी के संगी ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

रोट चढ़त रविवार को,
फल, फूल मिश्री मेवा,
धुप दीप कुदनुं से,
आनंद सिद्ध देवा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

भक्तन हित अवतार लियो,
प्रभु देख के कल्लू काला,
दुष्ट दमन शत्रुहन,
सबके प्रतिपाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

श्री बालक नाथ जी की आरती,
जो कोई नित गावे,
कहते है सेवक तेरे,
मन वाच्छित फल पावे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया,
भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

बाबा बालक नाथ आरती : पूजा विधि

  1. किसी पवित्र स्थान पर बाबा बालक नाथ जी की तस्वीर या प्रतिमा को स्थापित करें।
  2. दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती से वातावरण को शुद्ध करें।
  3. ताजे फूल और प्रसाद के रूप में फल या मिठाई चढ़ाएं।
  4. फिर पूरे श्रद्धा भाव से बाबा बालक नाथ जी की आरती गाएं।
  5. आरती के पश्चात प्रसाद को ग्रहण करें और सभी में बांटें।

बाबा बालक नाथ जी आरती की कथा

ऐसी मान्यता है कि प्राचीन समय में एक भक्त दम्पत्ति थे जिनकी कोई संतान नहीं थी। उन्होंने भगवान शिव की कठोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भोलेनाथ बाल रूप में उनके घर प्रकट हुए। उन्होंने उस बालक का नाम ‘बालक नाथ’ रखा। बालक नाथ जी बड़े होकर एक महान सिद्ध योगी बने और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के देवस्थान नामक स्थान पर उन्होंने अपनी धूनी रमाई। आज वहां एक भव्य मंदिर है जहां लाखों भक्त बाबा का दर्शन करने आते हैं।

बाबा बालक नाथ जी आरती करने के लाभ

  • पारिवारिक क्लेश दूर होते हैं।
  • नौकरी और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
  • जीवन में आने वाली विभिन्न परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति होती है
  • मानसिक शांति और संतुष्टि मिलती है।

भक्तों के अनुभव

बाबा बालक नाथ जी के भक्तों ने आरती करने के अनेक चमत्कारी अनुभव साझा किए हैं। कई भक्तों का कहना है कि नियमित आरती से उनके दुःख दूर हुए और जीवन में सकारात्मक बदलाव आए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  • बाबा बालक नाथ आरती करने का सबसे अच्छा समय क्या है? सुबह और शाम आरती करने का आदर्श समय माना जाता है।
  • क्या आरती के लिए कोई विशेष दिन होता है? हालांकि आप किसी भी दिन आरती कर सकते हैं, गुरुवार और रविवार बाबा बालक नाथ पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं।
  • आरती के कितने बार पाठ करना चाहिए? आप इसे सुविधानुसार जितनी बार चाहें उतनी बार गा सकते हैं।

उपसंहार

मित्रों, बाबा बालक नाथ जी की आरती आपका हृदय भक्ति से भर देती है और आपको आध्यात्मिक रूप से प्रेरित करती है। आशा करता हूँ, यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी सिद्ध हुआ होगा! यदि आपके मन में आरती से संबंधित कोई प्रश्न हों, तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें। ओम नमः शिवाय!


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