बुधवार की आरती: बुद्धि के देवता श्री गणेश को प्रसन्न करने का मार्ग

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

budhwar ki aarti

परिचय

नमस्कार दोस्तों! हम सब जानते हैं कि सप्ताह के प्रत्येक दिन का एक विशेष महत्व होता है। उसी तरह, बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जो ज्ञान, बुद्धि, और शुभता के देवता हैं। बुधवार की आरती कर हम जीवन में सफलता की कामना और विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

बुधवार की आरती और मंत्र

आरती युगलकिशोर की कीजै।
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥

गौर श्याम मुख निरखन लीजै।
हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै॥

गौर श्याम मुख निरखन लीजै।
हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै॥
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥
आरती युगलकिशोर की कीजै।

रवि शशि कोटि बदन की शोभा।
ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥
रवि शशि कोटि बदन की शोभा।
ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥
आरती युगलकिशोर की कीजै।

ओढ़े नील पीत पट सारी।
कुंज बिहारी गिरिवरधारी॥
ओढ़े नील पीत पट सारी।
कुंज बिहारी गिरिवरधारी॥
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥
आरती युगलकिशोर की कीजै।

फूलन सेज फूल की माला।
रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला॥
फूलन सेज फूल की माला।
रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला॥
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥
आरती युगलकिशोर की कीजै।

कंचन थार कपूर की बाती।
हरि आए निर्मल भई छाती॥
कंचन थार कपूर की बाती।
हरि आए निर्मल भई छाती॥
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥
आरती युगलकिशोर की कीजै।

श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी।
आरती करें सकल ब्रज नारी॥
श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी।
आरती करें सकल ब्रज नारी॥
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥
आरती युगलकिशोर की कीजै।

नंदनंदन बृजभान किशोरी।
परमानंद स्वामी अविचल जोरी॥
नंदनंदन बृजभान किशोरी।
परमानंद स्वामी अविचल जोरी॥
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥
आरती युगलकिशोर की कीजै।

आरती युगलकिशोर की कीजै।
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥
आरती युगलकिशोर की कीजै।
तन मन भी न्यौछावर कीजै॥

बुधवार की आरती का महत्व

  • बुद्धि और विवेक: भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से हमारी बुद्धि तेज होती है और हम सही निर्णय ले पाते हैं।
  • बाधाओं से मुक्ति: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, अर्थात् वे हमारे जीवन की बाधाओं को दूर करते हैं।
  • सौभाग्य और समृद्धि: बुधवार की आरती से जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होती है, और कार्यक्षेत्र में भी सफलता मिलती है।

बुधवार की आरती की पूजा विधि

  1. शुद्धिकरण: सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें। पूजा स्थल को भी साफ कर लें।
  2. संकल्प: एक पात्र में जल लेकर गणेश जी का ध्यान करें और पूजा का संकल्प लें।
  3. आसन व दीप प्रज्वलन: गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने एक आसन बिछाएं। एक घी का दीपक जलाएं।
  4. आवाहन और पूजन: गणेश जी की प्रतिमा को जल, अक्षत, फूल, दूर्वा, चंदन, रोली, आदि से पूजा करें।
  5. आरती और मंत्र: गणेश जी की आरती गाएं। यदि कोई विशेष गणेश मंत्र जानते हों तो उसका जाप भी करें।
  6. प्रसाद: गणेश जी को मिठाई या मोदक का भोग लगाएं।
  7. क्षमा याचना: अंत में गणेश जी से पूजा में हुई किसी भी त्रुटि के लिए क्षमा मांगें।

आरती से जुड़ी कथा

एक बार एक बुढ़िया बुधवार के दिन सादगी से गणेश जी की पूजा करती थी। इससे उसके घर में सुख-समृद्धि आ गई। उसकी पड़ोसन इसे देखकर जलने लगी। उसने एक दिन बुढ़िया के पूजा स्थल को दूषित कर दिया। क्रोध में आकर बुढ़िया ने पड़ोसन को शाप दे दिया, जिससे उसका सब कुछ नष्ट हो गया। पड़ोसन ने बुढ़िया से माफी मांगी और स्वयं भी गणपति जी का व्रत व पूजा शुरू की। इससे उसे पुनः धन-धान्य की प्राप्ति हुई।

बुधवार की आरती से मिलने वाले लाभ

  • जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की शक्ति मिलती है।
  • पढ़ाई-लिखाई में सफलता और एकाग्रता मिलती है।
  • व्यापार में उन्नति प्राप्त होती है।
  • मन में शांति और सकारात्मकता आती है।

गणेश जी की पूजा में प्रयुक्त होने वाली सामग्री (पूजन सामग्री)

  • गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर
  • दीपक और घी
  • कुमकुम, हल्दी, चंदन
  • फूल (विशेषकर लाल रंग के फूल और दूर्वा घास )
  • अक्षत (साबुत चावल)
  • धूप / अगरबत्ती
  • फल और मिठाई (मोदक अतिप्रिय)
  • जल पात्र और चम्मच

आरती से जुड़े कुछ प्रश्न (FAQs)

1. बुधवार की आरती किस समय करनी चाहिए?

उत्तर: गणेश जी की पूजा प्रातःकाल यानी सुबह के समय करना अति उत्तम माना जाता है। परंतु बुधवार के दिन कभी भी आरती की जा सकती है।

2. क्या बुधवार का व्रत भी रखा जा सकता है?

उत्तर: हां, बुधवार का व्रत रखा जा सकता है। ऐसा करने से बुध ग्रह के अनिष्ट प्रभाव दूर होते हैं और भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

3. बुधवार को गणेश जी को कौन से फूल विशेष रूप से चढ़ाने चाहिए?

उत्तर: गणेश जी को लाल रंग के फूल अत्यंत प्रिय हैं, जैसे कि गुलाब या गुड़हल। इसके अलावा, दूर्वा घास चढ़ाना अति शुभ माना जाता है।

4. क्या बुधवार की आरती से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं?

उत्तर: सच्चे मन और श्रद्धा के साथ बुधवार की आरती और व्रत करने से भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। श्री गणेश कष्टों को दूर कर शुभ फल देते हैं।

निष्कर्ष

प्रिय पाठकों, मुझे आशा है कि यह लेख आपको बुधवार की आरती के बारे में विस्तृत जानकारी दे पाया होगा। गणेश जी सभी के प्रिय हैं, वह प्रथम पूज्य हैं। उनका आशीर्वाद हम सभी पर सदैव बना रहे! यदि जानकारी अच्छी लगे तो इसे दूसरों के साथ भी साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त कर सकें।

अंत में, यहां गणेश जी के कुछ अन्य लोकप्रिय मंत्र दिए गए हैं:

  • गणेश गायत्री मंत्र: “ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्।”
  • सिद्धि मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा”

जय गणेश!


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