शनि चालीसा: शनि देव की कृपा पाने का अचूक उपाय

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

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नमस्कार दोस्तों! क्या आप जीवन में आने वाली समस्याओं से परेशान हैं? क्या आपको लगता है शनि देव आपसे नाराज़ चल रहे हैं? अगर हाँ, तो शनि चालीसा का नियमित पाठ आपके लिए बेहद लाभकारी हो सकता है।

शनि चालीसा, शनि देव को समर्पित एक भक्ति स्तोत्र है। इसकी 40 चौपाइयां हैं, जो शनि देव के वैभव का गुणगान करती हैं और उनसे जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करती हैं। हनुमान चालीसा की तरह, शनि चालीसा भी हिंदू धर्म में बेहद लोकप्रिय और कारगर मानी जाती है।

शनि चालीसा

॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज ।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥

॥ चौपाई ॥
जयति जयति शनिदेव दयाला ।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै ।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै ॥

परम विशाल मनोहर भाला ।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके ।
हिय माल मुक्तन मणि दमके ॥ ४॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा ।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥

पिंगल, कृष्णों, छाया नन्दन ।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन ॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा ।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं ।
रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ॥ ८॥

पर्वतहू तृण होई निहारत ।
तृणहू को पर्वत करि डारत ॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो ।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो ॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई ।
मातु जानकी गई चुराई ॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा ।
मचिगा दल में हाहाकारा ॥ १२॥

रावण की गतिमति बौराई ।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥

दियो कीट करि कंचन लंका ।
बजि बजरंग बीर की डंका ॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा ।
चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी ।
हाथ पैर डरवाय तोरी ॥ १६॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो ।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों ।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों ॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी ।
आपहुं भरे डोम घर पानी ॥

तैसे नल पर दशा सिरानी ।
भूंजीमीन कूद गई पानी ॥ २०॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई ।
पारवती को सती कराई ॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा ।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी ।
बची द्रौपदी होति उघारी ॥

कौरव के भी गति मति मारयो ।
युद्ध महाभारत करि डारयो ॥ २४॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला ।
लेकर कूदि परयो पाताला ॥

शेष देवलखि विनती लाई ।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई ॥

वाहन प्रभु के सात सजाना ।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना ॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी ।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ॥ २८॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं ।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं ॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा ।
सिंह सिद्धकर राज समाजा ॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै ।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै ॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी ।
चोरी आदि होय डर भारी ॥ ३२॥

तैसहि चारि चरण यह नामा ।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा ॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं ।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं ॥

समता ताम्र रजत शुभकारी ।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी ॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै ।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥ ३६॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला ।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई ।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत ।
दीप दान दै बहु सुख पावत ॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा ।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥ ४०॥

॥ दोहा ॥
पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार ।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥

शनि चालीसा पाठ के लाभ

  • शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
  • शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में आने वाली विभिन्न बाधाएं दूर होती हैं।
  • मन को शांति मिलती है तथा आत्मिक बल बढ़ता है।
  • स्वास्थ्य में सुधार होता है
  • करियर और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है।

शनि चालीसा पाठ विधि

  1. शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. किसी शांत जगह पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. अपने सामने शनि देव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  4. दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  5. शनिदेव को फूल और प्रसाद अर्पित करें (काला तिल विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है)
  6. इसके बाद शुद्ध मन से शनि चालीसा का पाठ करें।
  7. पाठ पूर्ण होने के बाद शनि देव की आरती करें।

चालीसा जुड़े कुछ प्रश्न (FAQs)

  • क्या महिलाएं भी शनि चालीसा का पाठ कर सकती हैं? हां, महिलाएं भी शनि चालीसा पढ़ सकती हैं। इसमें कोई वर्जना नहीं है।
  • कितनी बार शनि चालीसा का पाठ करें? शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ लाभकारी होता है। इसे जितनी बार चाहें पढ़ सकते हैं।
  • पाठ के समय क्या पहनें? यदि संभव हो, तो पाठ के समय नीले या काले वस्त्र पहनने से शनि देव की कृपा विशेष रूप से मिलती है।

भक्तों के अनुभव

अनेक भक्तों ने साझा किया है कि कैसे शनि चालीसा के नियमित पाठ से उनके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन आए हैं। कुछ लोगों को शनि दोष से मुक्ति मिली, तो कुछ को अचानक ही बड़ी सफलताओं ने छुआ।

निष्कर्ष

दोस्तों, शनि चालीसा किसी जादू की छड़ी की तरह काम नहीं करती। परन्तु, यह निश्चित है कि सच्चे मन और श्रद्धा से किया पाठ शनि देव की कृपा पाने में अवश्य सहायक है। क्यों न आप भी इस शनिवार से शनि चालीसा पाठ आरंभ करके देखें?


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