जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा! श्री गणेश आरती के लाभ और महत्व
गणेश जी, जिन्हें विघ्नहर्ता और रिद्धि-सिद्धि के दाता के रूप में जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे अधिक पूजनीय देवताओं में से एक हैं। श्री गणेश आरती भगवान गणेश की स्तुति करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए गाई जाती है।
श्री गणेश आरती के फायदे
- बाधाओं को दूर करती है: ऐसा माना जाता है कि श्री गणेश आरती गाने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- सफलता और समृद्धि: इस आरती को करने से भक्तों को सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
- मन की शांति: श्री गणेश जी की आरती करने से मन को शांति मिलती है।
श्री गणेश आरती कैसे करें
श्री गणेश आरती सुबह और शाम दोनों समय करना शुभ माना जाता है। आरती करने से पहले, भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने एक दीपक जलाएं और कुछ फूल अर्पित करें। इसके बाद, पूरी श्रद्धा के साथ आरती गाएं।
आरती के बोल
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
—– Additional —–
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
श्री गणेश आरती का महत्व
श्री गणेश आरती हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसे रोजाना गाकर सभी का कल्याण होता है। इस आरती के जरिए गणपति बप्पा से विनती की जाती है कि हमारे जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करें और हमें अपनी कृपा से सफलता और समृद्धि प्रदान करें।
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