महा शिवरात्रि (MahaShivratri): तिथि, व्रत, और कथाएं

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

mahashivratri

Fri, 8 Mar, 2024, 9:57 pm – Sat, 9 Mar, 2024, 6:17 pm

महा शिवरात्रि 2023: तिथि

इस वर्ष महा शिवरात्रि 18 फरवरी 2023, शनिवार के दिन पड़ रही है।

नमस्कार! क्या आप इस बार की महा शिवरात्रि को अति विशेष बनाना चाहते हैं? क्या आप अपने जीवन में भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाना चाहते हैं? अगर आपका जवाब है ‘हां’, तो आप एकदम सही जगह पर हैं। महा शिवरात्रि, हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है जो भगवान शिव को समर्पित होता है।

इस लेख में, हम महा शिवरात्रि के महत्व, पौराणिक कथाओं, पूजा विधि, व्रत के लाभ आदि के बारे में सब कुछ जानेंगे!

महा शिवरात्रि: एक परिचय

महा शिवरात्रि, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘शिव की महान रात’, प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास (फरवरी-मार्च) के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव, सृष्टि, स्थिति, और संहार के देवता, ने ‘तांडव’ किया था – जो नृत्य सृजन का प्रतीक है। उनके भक्त इस दिन उपवास करते हैं, पूरी रात जागरण करते हैं, और मंत्रों के जाप और शिवलिंग (शिव का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व) पर अभिषेक जैसे अनुष्ठानों से उनकी पूजा करते हैं।

तिथि

महा शिवरात्रि हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। तिथि का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।

इस रात को शुभ क्यों माना जाता है?

  • ज्योतिषीय संरेखण (Astrological Alignment): इस रात चंद्रमा की विशेष स्थिति होती है, जो ध्यान और आत्मिक साधना के लिए उत्तम वातावरण उत्पन्न करती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार महीने को दो पक्षों में बांटा जाता है, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। महाशिवरात्रि हमेशा कृष्ण पक्ष के दौरान आती है।
  • प्रतीकात्मकता (Symbolism): कृष्ण पक्ष चंद्रमा के घटते चरण (waning phase) का समय होता है, जो सांसारिक मोह-माया के प्रति लगाव कम होने और आतंरिक जागृति का प्रतीक होता है। महाशिवरात्रि अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का उत्सव है।

महा शिवरात्रि की गणना कैसे की जाती है?

हिंदू पंचांग एक चंद्र-सौर कैलेंडर (lunisolar calendar) होता है, जिसका अर्थ है कि तिथियों की गणना सूर्य और चंद्रमा दोनों की स्थिति के आधार पर की जाती है। प्रत्येक मास में एक कृष्ण पक्ष होता है और प्रत्येक कृष्ण पक्ष की 14वीं तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है।

महा शिवरात्रि की कथाएं

महा शिवरात्रि के साथ अनेक दिलचस्प पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं। उनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • समुद्र मंथन: देवताओं और असुरों द्वारा किए गए समुद्र मंथन से एक घातक जहर ‘हलाहल’ निकला, जो पूरी सृष्टि के विनाश का कारण बन सकता था। भगवान शिव आगे आए, उन्होंने उस विष को ग्रहण किया और उसे अपने कंठ में रखा। इस वजह से उनका कंठ नीला हो गया और उन्हें ‘नीलकंठ’ नाम मिला। माना जाता हाई कि महा शिवरात्रि की रात को भगवान शिव ने ये करुणा दिखा कर समूचे संसार को विनाश से बचाया था।
  • शिकारी की कथा: एक दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, एक शिकारी अनजाने में बिल्व वृक्ष पर चढ़कर बेलपत्र भगवान शिव पर गिराता रहा, शिकारी पूरी रात भूखा-प्यासा रहा जो कि व्रत और शिव कृपा पाने के समान था। भगवान शिव उसके समर्पण से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और उसे मोक्ष प्रदान किया।
  • शिव-पार्वती विवाह कुछ परंपराओं में, महा शिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक भी माना जाता है।

पूजा की विधि

महा शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने के लिए इन चरणों का पालन करें:

  1. स्नान और शुद्धि: प्रातः काल उठ कर स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. संकल्प: भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें।
  3. शिवलिंग अभिषेक: जल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। साथ ही, बिल्वपत्र, धतूरा, फूल, फल आदि भी शिवलिंग पर अर्पित करें।
  4. पूजा और मंत्र जाप: चंदन, अक्षत, दीप, धूप आदि से भगवान शिव की पूजा करें। ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें या शिव चालीसा का पाठ करें।
  5. रात्रि जागरण भगवान शिव के भजन सुनें या गाएं। शिव पुराण या अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।
  6. आरती और प्रसाद: आरती करें और शिव जी को भोग लगाएं।
  7. व्रत पारण (वैकल्पिक): यदि आपने व्रत रखा है, तो अगले दिन प्रातः स्नान आदि के बाद ही व्रत तोड़ कर भोजन करें।

शिवरात्रि व्रत का महत्व और लाभ

महाशिवरात्रि पर, भगवान शिव की श्रद्धा से व्रत रखने के अनेक लाभ हैं:

  • मन की शांति: शिवरात्रि का व्रत और भक्ति करने से मन शांत होता है और आंतरिक शांति का अनुभव होता है।
  • पापों से मुक्ति: ऐसा माना जाता है कि, महा शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति के पाप कम होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति में सहायता मिलती है।
  • इच्छापूर्ति: महाशिवरात्रि पर व्रत और पूजा करके व्यक्ति अपनी मनोकामनाओं को भोलेनाथ के समक्ष रख सकता है।
  • आध्यात्मिक विकास: शिवरात्रि एक आध्यात्मिक पर्व है, इसे मनाने से व्यक्ति की आध्यात्मिकता बढ़ती है और वो ईश्वर के और करीब जाता है।

महा शिवरात्रि के विशेष मंत्र

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के आशीर्वाद और उनकी दिव्य ऊर्जा से जुड़ने के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। यहां कुछ सबसे लोकप्रिय महाशिवरात्रि मंत्र दिए गए हैं:

  • ॐ नमः शिवाय: यह प्रसिद्ध पंचाक्षर मंत्र भगवान शिव को समर्पित है। इसका अर्थ है “मैं शिव को नमन करता हूं”। इसमें परिवर्तन, विनाश, और नयी शुरुआत की शक्तियां समाई हैं।
  • महामृत्युंजय मंत्र: यह शक्तिशाली मंत्र भगवान शिव को ‘मृत्यु को जीतने वाले’ के रूप में संबोधित करता है। इसे रोगों से मुक्ति, लंबी उम्र व आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ माना जाता है।
  • शिव तांडव स्तोत्रम्: इस मंत्र में भगवान शिव के तांडव नृत्य का वर्णन है जो सृष्टि, पालन, और संहार के चक्र का प्रतीक है।

उपसंहार

महा शिवरात्रि हमें याद दिलाती है कि हम सब में परिवर्तन और आध्यात्मिक उन्नति की क्षमता है। जैसे चंद्रमा घटता और बढ़ता है, वैसे ही हम भी अपनी चुनौतियों से पार पा सकते हैं और अपनी आंतरिक शक्ति को फिर से जगा सकते हैं।

भगवान शिव के दिव्य गुणों का ध्यान करें – करुणा, क्षमा और विनाश जो नए सृजन का मार्ग प्रशस्त करता है। महाशिवरात्रि केवल एक पर्व नहीं बल्कि हमारी अपनी आंतरिक यात्रा का प्रतिबिंब है। आइए, हम इस अवसर का उपयोग आत्म-अवलोकन और हमारी उच्चतम क्षमता तक पहुंचने के प्रयास में करें।

भगवान शिव आप सभी को आशीर्वाद दें! हर हर महादेव!

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  • क्या महा शिवरात्रि पर व्रत करना अनिवार्य है? व्रत करना अनिवार्य नहीं है। आप अपनी श्रद्धा, सामर्थ्य के अनुसार, और स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए व्रत रख सकते हैं। भगवान शिव की सामान्य पूजा भी आपको उनका आशीर्वाद देती है।
  • शिवरात्रि व्रत के दौरान क्या खा सकते हैं? यदि आप व्रत कर रहे हैं, तो आप फलाहार (फल, दूध, आदि) कर सकते हैं । कुछ भक्त निर्जला व्रत या केवल एक समय भोजन भी करते हैं।
  • शिवलिंग पर क्या चढ़ाया जाता है? जल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, फूल, फल इत्यादि शिवलिंग पर चढ़ाए जाते हैं।
  • क्या महा शिवरात्रि पर विवाहित लोग भी व्रत रख सकते हैं? हां, विवाहित लोग भी महा शिवरात्रि का व्रत रख सकते हैं ।

0 टिप्पणियाँ

प्रातिक्रिया दे

Avatar placeholder

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

hi_INहिन्दी