बगलामुखी चालीसा: शत्रुओं पर विजय और जीवन में सफलता का महामंत्र
परिचय
नमस्कार दोस्तों! क्या आपके जीवन में मुश्किलें और विरोधी आपके कदम-कदम पर बाधा बन रहे हैं? क्या लगातार परेशानियों से मन निराश हो चुका है? अगर हां, तो आज मैं आपको एक अद्भुत स्तोत्र के बारे में बताने जा रहा हूं – बगलामुखी चालीसा। दस महाविद्याओं में से एक, देवी बगलामुखी का यह शक्तिशाली स्तोत्र शत्रुओं का नाश करने, बुरे प्रभावों को दूर करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए जाना जाता है। आइए, गहराई से जानते हैं इस चालीसा को!
हिंदू धर्म में, मां बगलामुखी को ‘स्तंभन शक्ति’ के रूप में जाना जाता है। उनका पीला स्वरूप ज्ञान और शुभता से जुड़ा है। माना जाता है कि मां बगलामुखी अपने भक्तों के शत्रुओं, झूठे मुकदमों, और नकारात्मक ऊर्जाओं को स्तंभित कर देती हैं। बगलामुखी शब्द का अर्थ है “दुश्मन को नियंत्रित करने वाली देवी”।
बगलामुखी चालीसा
॥ दोहा ॥
सिर नवाइ बगलामुखी,
लिखूं चालीसा आज ॥
कृपा करहु मोपर सदा,
पूरन हो मम काज ॥
॥ चौपाई ॥
जय जय जय श्री बगला माता ।
आदिशक्ति सब जग की त्राता ॥
बगला सम तब आनन माता ।
एहि ते भयउ नाम विख्याता ॥
शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी ।
असतुति करहिं देव नर-नारी ॥
पीतवसन तन पर तव राजै ।
हाथहिं मुद्गर गदा विराजै ॥ 4 ॥
तीन नयन गल चम्पक माला ।
अमित तेज प्रकटत है भाला ॥
रत्न-जटित सिंहासन सोहै ।
शोभा निरखि सकल जन मोहै ॥
आसन पीतवर्ण महारानी ।
भक्तन की तुम हो वरदानी ॥
सुर नर नाग करत सब वन्दन ॥ 8 ॥
एहि विधि ध्यान हृदय में राखै ।
वेद पुराण संत अस भाखै ॥
अब पूजा विधि करौं प्रकाशा ।
जाके किये होत दुख-नाशा ॥
प्रथमहिं पीत ध्वजा फहरावै ।
पीतवसन देवी पहिरावै ॥
कुंकुम अक्षत मोदक बेसन ।
अबिर गुलाल सुपारी चन्दन ॥ 12 ॥
माल्य हरिद्रा अरु फल पाना ।
सबहिं चढ़इ धरै उर ध्याना ॥
धूप दीप कर्पूर की बाती ।
प्रेम-सहित तब करै आरती ॥
अस्तुति करै हाथ दोउ जोरे ।
पुरवहु मातु मनोरथ मोरे ॥
मातु भगति तब सब सुख खानी ।
करहुं कृपा मोपर जनजानी ॥ 16 ॥
त्रिविध ताप सब दुख नशावहु ।
तिमिर मिटाकर ज्ञान बढ़ावहु ॥
बार-बार मैं बिनवहुं तोहीं ।
अविरल भगति ज्ञान दो मोहीं ॥
पूजनांत में हवन करावै ।
सा नर मनवांछित फल पावै ॥
सर्षप होम करै जो कोई ।
ताके वश सचराचर होई ॥ 20 ॥
तिल तण्डुल संग क्षीर मिरावै ।
भक्ति प्रेम से हवन करावै ॥
दुख दरिद्र व्यापै नहिं सोई ।
निश्चय सुख-सम्पत्ति सब होई ॥
फूल अशोक हवन जो करई ।
ताके गृह सुख-सम्पत्ति भरई ॥
फल सेमर का होम करीजै ।
निश्चय वाको रिपु सब छीजै ॥ 24 ॥
गुग्गुल घृत होमै जो कोई ।
तेहि के वश में राजा होई ॥
गुग्गुल तिल संग होम करावै ।
ताको सकल बंध कट जावै ॥
बीलाक्षर का पाठ जो करहीं ।
बीज मंत्र तुम्हरो उच्चरहीं ॥
एक मास निशि जो कर जापा ।
तेहि कर मिटत सकल संतापा ॥ 28 ॥
घर की शुद्ध भूमि जहं होई ।
साध्का जाप करै तहं सोई ॥
सेइ इच्छित फल निश्चय पावै ।
यामै नहिं कदु संशय लावै ॥
अथवा तीर नदी के जाई ।
साधक जाप करै मन लाई ॥
दस सहस्र जप करै जो कोई ।
सक काज तेहि कर सिधि होई ॥ 32 ॥
जाप करै जो लक्षहिं बारा ।
ताकर होय सुयशविस्तारा ॥
जो तव नाम जपै मन लाई ।
अल्पकाल महं रिपुहिं नसाई ॥
सप्तरात्रि जो पापहिं नामा ।
वाको पूरन हो सब कामा ॥
नव दिन जाप करे जो कोई ।
व्याधि रहित ताकर तन होई ॥ 36 ॥
ध्यान करै जो बन्ध्या नारी ।
पावै पुत्रादिक फल चारी ॥
प्रातः सायं अरु मध्याना ।
धरे ध्यान होवैकल्याना ॥
कहं लगि महिमा कहौं तिहारी ।
नाम सदा शुभ मंगलकारी ॥
पाठ करै जो नित्या चालीसा ।
तेहि पर कृपा करहिं गौरीशा ॥ 40 ॥
॥ दोहा ॥
सन्तशरण को तनय हूं,
कुलपति मिश्र सुनाम ।
हरिद्वार मण्डल बसूं ,
धाम हरिपुर ग्राम ॥
उन्नीस सौ पिचानबे सन् की,
श्रावण शुक्ला मास ।
चालीसा रचना कियौ,
तव चरणन को दास ॥
बगलामुखी चालीसा का महत्व
चालीसा बगलामुखी , देवी की स्तुति करने और उनका आशीर्वाद पाने का एक शक्तिशाली तरीका है। इस चालीसा के नियमित पाठ से मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभ हैं:
- शत्रुओं से रक्षा: मां बगलामुखी का आह्वान करने से आपके सभी शत्रु, चाहे वे दृश्य हों या अदृश्य, स्थिर हो जाते हैं।
- नकारात्मकता से मुक्ति: यह चालीसा जीवन में आने वाली बाधाओं, नकारात्मक प्रभावों और नकारात्मक लोगों से रक्षा करता है।
- अदालती मामलों में जीत: बगलामुखी चालीसा का पाठ उन लोगों के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है जो झूठे कानूनी मामलों में फंसे हैं।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: जब पूरी श्रद्धा के साथ इस चालीसा का पाठ किया जाता है तो देवी आपके जीवन से सभी बाधाओं को दूर करती हैं और आपकी इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।
बगलामुखी चालीसा पाठ की विधि
- समय: बगलामुखी चालीसा के पाठ के लिए गुरुवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। हालांकि, आप इसे किसी भी दिन कर सकते हैं।
- शुद्धि: पाठ शुरू करने से पहले स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल: मां बगलामुखी की तस्वीर या मूर्ति के सामने एक स्वच्छ स्थान पर बैठ जाएं।
- आसन: पीले रंग का आसन उपयोग करें।
- सामग्री: हल्दी, पीले फूल, पीले फल और मिठाइयां देवी को अर्पित करें।
- पाठ और ध्यान: पूरी श्रद्धा और एकाग्रता के साथ चालीसा का पाठ करें। पाठ के दौरान देवी के पीले रूप का ध्यान करें।
मां बगलामुखी मंत्र
बगलामुखी मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है। इस मंत्र का सही उच्चारण के साथ जप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यहां है मां बगलामुखी का मूल मंत्र:
“ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।”
बगलामुखी पूजा के लाभ
- जीवन में स्थिरता और सकारात्मकता में वृद्धि।
- भयमुक्त जीवन, मानसिक शांति, और बेहतर निर्णय लेने की क्षमता।
- समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति।
- आध्यात्मिक जागृति और आत्म-साक्षात्कार की यात्रा में सहायक।
बगलामुखी पूजा से जुड़े कुछ प्रश्न (FAQs)
- बगलामुखी चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए? आप प्रतिदिन बगलामुखी चालीसा का पाठ कर सकते हैं। सर्वोत्तम परिणाम के लिए कम से कम 40 दिनों तक पाठ करने की सलाह दी जाती है।
- क्या बगलामुखी पूजा घर पर की जा सकती है? हां, आप घर पर बगलामुखी पूजा कर सकते हैं। ध्यान रहे कि पूजा स्थल स्वच्छ हो और दीपक जलाकर पूजन किया जाए।
- क्या कोई विशेष आहार संबंधी सावधानियां हैं? मांसाहारी भोजन और शराब से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
मां बगलामुखी में अपार शक्ति है। इस चालीसा के जाप से असंख्य लोगों को उनके जीवन की चुनौतियों से पार पाने में मदद मिली है। सोशल मीडिया या अध्यात्म पर केंद्रित मंचों पर आप ऐसे अनुभवों के बारे में पढ़ सकते हैं।
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