भारत माता की आरती: भक्ति और देशभक्ति का उत्सव
परिचय
नमस्ते दोस्तों! भारत में, हम अपनी मातृभूमि को “भारत माता” के रूप में पूजते हैं – एक जीवनदायी शक्ति, एक मातृ देवी। भारत माता की आरती एक ऐसा मार्मिक अनुष्ठान है जिसके माध्यम से हम देश के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा और प्रेम व्यक्त करते हैं। क्या आप भारत माता की आरती के गहरे आध्यात्मिक महत्व और इसे करने की विधि के बारे में उत्सुक हैं? तो चलिए आज इस ब्लॉग में एक साथ अन्वेषण करते हैं।
आरती
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की ।
आरती भारत माता की,
ज़गत के भाग्य विधाता की ।
सिर पर हिम गिरिवर सोहै,
चरण को रत्नाकर धोए,
देवता गोदी में सोए,
रहे आनंद, हुए न द्वन्द,
समर्पित छंद,
बोलो जय बुद्धिप्रदाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।
जगत में लगती है न्यारी,
बनी है इसकी छवि न्यारी,
कि दुनियाँ देख जले सारी,
देखकर झलक,
झुकी है पलक, बढ़ी है ललक,
कृपा बरसे जहाँ दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।
गोद गंगा जमुना लहरे,
भगवा फहर फहर फहरे,
लगे हैं घाव बहुत गहरे,
हुए हैं खण्ड, करेंगे अखण्ड,
देकर दंड मौत परदेशी दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।
पले जहाँ रघुकुल भूषण राम,
बजाये बँसी जहाँ घनश्याम,
जहाँ का कण कण तीरथ धाम,
बड़े हर धर्म, साथ शुभ कर्म,
लढे बेशर्म बनी श्री राम दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।
बड़े हिन्दू का स्वाभिमान ,
किया केशव ने जीवनदान,
बढाया माधव ने भी मान,
चलेंगे साथ,
हाथ में हाथ, उठाकर माथ,
शपथ गीता गौमाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।
भारत माता की आरती का महत्व
भारतमाता की आरती के पीछे का अर्थ बहुत गहरा है। इस अनुष्ठान के जरिए हम कुछ इस तरह से करते हैं:
- देशभक्ति की अभिव्यक्ति: आरती हमारी मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम और सम्मान का प्रतीक है।
- पूजा-अर्चना: हम भारत माता को एक दिव्य मां के समान पूजते हैं ।
- बलिदान का सम्मान: हम स्वतंत्रता सेनानियों के निस्वार्थ बलिदानों और हमारे राष्ट्र के निर्माण की दिशा में उनके योगदान को याद करते हैं।
- आध्यात्मिक संबंध : आरती भारत से हमारे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करती है।
भारत माता की आरती करने की विधि (Puja Vidhi)
आरती मंदिरों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य सार्वजनिक आयोजनों में की जाती है। यहाँ इसे करने का तरीका बताया गया है:
- पूजन सामग्री इकट्ठा करें: एक थाली, दीया, घी, अगरबत्ती, फूल, फल, मिठाई और भारत माता की तस्वीर या मूर्ति।
- स्नान करें और साफ कपड़े पहनें: आरती करने से पहले खुद को साफ करना एक शुद्ध भावना पैदा करता है।
- भारत माता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें: पूजा स्थल तैयार करें और भारत माता की प्रतिमा को श्रद्धा के साथ सामने रखें।
- दीया जलाएं: तेल के दीये में घी और बत्ती रखें।
- अगरबत्तियां जलाएं: सुगंधित वातावरण बनाने के लिए अगरबत्तियां जलाएं।
- आरती करें: भारत माता की छवि के चारों ओर आरती की थाली को गोलाकार गति में घुमाते हुए आरती का गायन करें।
- पुष्प अर्पित करें: भारत माता के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए फूल अर्पित करें।
- प्रसाद चढ़ाएं: फल और मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।
- ध्यान करें: कुछ क्षण भारत माता के रूप पर और हमारे देश के प्रति अपने प्रेम पर मनन करें।
भारत माता की आरती से जुड़ी कथाएँ (Stories)
आरती से कई मार्मिक कहानियां जुड़ी हुई हैं। यहां कुछ ऐसे हैं जो आपके दिल को छू जाएंगे:
- स्वतंत्रता सेनानियों की भक्ति: कहा जाता है कि भारत माता की आरती ने कई स्वतंत्रता सेनानियों को उनकी लड़ाई के दौरान गहरी प्रेरणा और साहस प्रदान किया।
- सामुदायिक सद्भाव की कहानियां: ऐसे कई उदाहरण हैं जहां विभिन्न धर्मों के लोग भारत माता के लिए समान भक्तिभाव के साथ एक साथ आरती करने के लिए एकत्र हुए हैं।
- व्यक्तिगत परिवर्तन के किस्से: कुछ लोग साझा करते हैं कि कैसे भारत माता की आरती में भाग लेने से उनमें सामाजिक जिम्मेदारी और देश सेवा की भावना पैदा हुई।
निष्कर्ष
भारत माता की आरती सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान से कहीं बढ़कर है। यह हमारी साझा भारतीय पहचान और राष्ट्रीय गौरव का उत्सव है। हम जितना अधिक अपने देश का सम्मान करते हैं और उसकी परवाह करते हैं, उतना ही यह फलेगा-फूलेगा।
मैं आपको प्रोत्साहित करता हूं कि इस खूबसूरत परंपरा में भाग लें और भारत माता की आरती के माध्यम से अपनी देशभक्ति की भावना को व्यक्त करें। क्या आप किसी भी व्यक्तिगत अनुभव को साझा करना चाहेंगे जिससे आपको भारत माता की आरती में भाग लेने से फायदा हुआ हो? मुझे नीचे कमेंट में बताएं!
जय हिन्द! भारत माता की जय!
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