चैत्र नवरात्रि 2024: नवरात्रि व्रत में खाने से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान (Vrat food guidelines)

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नमस्कार दोस्तों!

नवरात्रि का पावन त्योहार नजदीक आ रहा है। कई भक्त इस दौरान व्रत रखकर देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करते हैं। व्रत के दौरान खानपान को लेकर कई सवाल और शंकाएं होती हैं। आज हम आपको नवरात्रि व्रत में खाने से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताएंगे, ताकि आपका व्रत सुगम और फलदायी हो।

व्रत में कितनी बार खाना चाहिए?

व्रत में आप अपनी सुविधानुसार एक या दो बार भोजन कर सकते हैं। यदि आप एक बार भोजन करते हैं, तो सुबह स्नान और पूजा के बाद फल, दूध, दही, साबूदाना खिचड़ी, कुट्टू की पूड़ी-सब्जी आदि ग्रहण कर सकते हैं। यदि आप दो बार भोजन करते हैं, तो सुबह हल्का नाश्ता और शाम को फलाहार कर सकते हैं।

व्रत में क्या खा सकते हैं?

व्रत में सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए, जो शरीर और मन को शुद्ध करता है। यहाँ कुछ खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है जो आप व्रत में खा सकते हैं:

फल:

  • सभी मौसमी फल जैसे सेब, केला, अंगूर, संतरा, अनार, खरबूजा, तरबूज, पपीता, आदि।
  • सूखे मेवे जैसे किशमिश, खजूर, अंजीर, बादाम, अखरोट, पिस्ता, आदि।

दूध और डेयरी उत्पाद:

  • दूध
  • दही
  • पनीर
  • छाछ
  • मक्खन
  • खोया

अनाज और आटे:

  • साबूदाना
  • कुट्टू का आटा
  • सिंघाड़े का आटा
  • राजगिरा का आटा
  • व्रत के चावल (समा चावल)
  • पानीपुरी के लिए साबूदाना व्रत के चावल

सब्जियां:

  • आलू
  • टमाटर
  • शकरकंद
  • अरबी
  • लौकी
  • खीरा
  • कद्दू
  • पालक
  • मेथी
  • धनिया
  • पुदीना
  • आदि।

मसाले:

  • सेंधा नमक
  • जीरा
  • जीरा पाउडर
  • हरी इलायची
  • काली मिर्च पाउडर
  • दालचीनी
  • अजवाइन
  • लौंग
  • काली मिर्च

अन्य:

  • मखाने
  • व्रत वाली चाय (बिना दूध के)
  • व्रत वाली मिठाई (गुड़ से बनी)
  • रॉक सॉल्ट

यहाँ कुछ स्वादिष्ट व्रत व्यंजनों के उदाहरण दिए गए हैं:

  • साबूदाना खिचड़ी
  • कुट्टू की पूड़ी-सब्जी
  • सिंघाड़े की पूरी-सब्जी
  • राजगिरा की रोटी-सब्जी
  • व्रत वाली खिचड़ी
  • व्रत वाली दाल
  • व्रत वाली सब्जी
  • व्रत वाली मिठाई

इन व्यंजनों को आप अपनी पसंद और सुविधानुसार बना सकते हैं।

व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?

व्रत में सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए, जो शरीर और मन को शुद्ध करता है। वहीं, कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन व्रत में वर्जित माना जाता है, क्योंकि वे मन में विकार उत्पन्न करते हैं और व्रत के फल को कम करते हैं।

अनाज:

  • गेहूं
  • चावल
  • दाल
  • चना
  • मक्का
  • बाजरा
  • जौ
  • आदि।

मांसाहारी भोजन:

  • मांस
  • मछली
  • अंडे
  • चिकन
  • मटन
  • आदि।

मसाले:

  • प्याज
  • लहसुन
  • अदरक
  • हल्दी
  • लाल मिर्च
  • गरम मसाला
  • आदि।

अन्य:

  • चाय
  • कॉफी
  • शराब
  • तंबाकू
  • गुटखा
  • पान
  • आदि।

यहाँ कुछ तामसिक भोजन के उदाहरण दिए गए हैं:

  • बासी भोजन
  • तला हुआ भोजन
  • मसालेदार भोजन
  • अत्यधिक मीठा भोजन
  • अत्यधिक नमकीन भोजन
  • अत्यधिक तेल या घी वाला भोजन
  • आदि।
  • भोजन हमेशा साफ-सुथरे और स्वच्छ स्थान पर बनाना चाहिए।
  • भोजन ग्रहण करने से पहले हाथ-पैर धोकर स्नान करना चाहिए।
  • भोजन ग्रहण करते समय मन शांत और एकाग्र होना चाहिए।
  • भोजन को धीरे-धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए।
  • भोजन के बाद धन्यवाद और आभार व्यक्त करना चाहिए।

खाने में किस तेल का प्रयोग करें?

अगर बात करें, कि व्रत का भोजन बनाने के लिए किस तेल का प्रयोग करना चाहिए तो सबसे बेहतर रहेगा अगर आप खाना शुद्ध घी में बनाएं। अगर ऐसा संभव नहीं है तो सूरजमुखी का तेल, मूंगफली का तेल या नारियल के शुद्ध तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं। यह ध्यान रखें कि सरसों के तेल का सेवन बिल्कुल न करें।

प्याज और लहसुन क्यों नहीं खाया जाता?

प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन माना जाता है। इनके सेवन से मन में विकार उत्पन्न होते हैं। नवरात्रि व्रत में मन की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति पर ध्यान दिया जाता है। इसलिए व्रत में प्याज और लहसुन का सेवन नहीं किया जाता।


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