नवरात्रि में अखंड ज्योति (Akhand Jyoti): 9 दिनों तक माता रानी की कृपा पाने का अद्भुत उपाय
नवरात्रि (Navratri) का पावन पर्व आने वाला है, और इस दौरान भक्त माता रानी की आराधना के लिए अनेक उपाय करते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण उपाय है अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) का प्रज्वलन। माना जाता है कि 9 दिनों तक लगातार जलने वाली यह ज्योति माता रानी को प्रसन्न करती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
इस लेख में हम आपको अखंड ज्योति जलाने से जुड़ी हर जानकारी देंगे। इसमें शामिल हैं:
- अखंड ज्योति का अर्थ और महत्व
- नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के नियम
- घर में अखंड ज्योति जलाने की विधि
- अखंड ज्योति जलाते समय किन सावधानियों का ध्यान रखें
- अगर दीपक बुझ जाए तो क्या करें
- अगर घर में नहीं जला रहे हैं अखंड ज्योति तो क्या करें
तो चलिए शुरू करते हैं:
1. अखंड ज्योति का अर्थ और महत्व
अखंड ज्योति का अर्थ है वह ज्योति जो कभी खंडित न हो, यानी एक बार प्रज्वलित होने के बाद 9 दिनों तक लगातार जलती रहे। यह माता रानी का स्वरूप मानी जाती है और इसकी रोशनी भक्तों के जीवन के सभी अंधकारों को दूर करती है।
अखंड ज्योति जलाने के अनेक लाभ हैं:
- यह माता रानी को प्रसन्न करती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
- यह घर में सुख-शांति और समृद्धि लाती है।
- यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती है।
- यह भक्तों के मन में एकाग्रता और भक्ति भावना को बढ़ाती है।
2. नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के नियम
- दीपक:
- मिट्टी या तांबे का दीपक इस्तेमाल करें।
- दीपक खंडित न हो।
- मिट्टी के दीपक को 1 दिन पहले पानी में भिगोकर रखें।
- बाती:
- रुई या सूती मौली से बाती बनाएं।
- बाती सिंथेटिक धागे से न बनी हो।
- बाती की लंबाई सवा हाथ (हाथ से लेकर कोहनी तक) होनी चाहिए।
- घी:
- शुद्ध गाय का घी या तिल का तेल इस्तेमाल करें।
- दीपक में घी ऊपर तक न भरें।
- अन्य:
- दीपक को हवा से बचाएं।
- दीपक में कालिख जमने पर उसे हटा दें।
- दीपक बुझने पर माता रानी से क्षमा मांगकर उसे दोबारा जलाएं।
3. घर में अखंड ज्योति जलाने की विधि
- चौकी पर अष्टदल (8 पंखुड़ियों वाला फूल) बनाएं।
- इस अष्टदल पर दीपक रखें।
- दीपक में घी/तेल और बाती डालें।
- दीपक को प्रज्वलित करें और मंत्र बोलें:
“भो दीप देवस्वरुपस्त्वं कर्म साक्षी सविघ्नकृत। यावत्कर्म समाप्तिः स्यात् तावत्वं सुस्थिरो भव॥”
- दीपक को तिलक लगाएं और भोग अर्पित करें।
- माता रानी से दीपक की रक्षा की प्रार्थना करें।
4. अखंड ज्योति जलाते समय किन सावधानियों का ध्यान रखें
- दीपक को हवा से बचाएं: हवा से दीपक बुझ सकता है, इसलिए इसे हवादार जगह से दूर रखें।
- दीपक को सुरक्षित स्थान पर रखें: दीपक को बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें।
- दीपक के आसपास ज्वलनशील पदार्थ न रखें: दीपक के आसपास ज्वलनशील पदार्थ रखने से आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- दीपक को नियमित रूप से देखभाल करें: दीपक में घी/तेल कम होने पर उसे भरें और बाती को नियमित रूप से बदलें।
- दीपक बुझने पर तुरंत उसे जलाएं: अगर दीपक बुझ जाए तो तुरंत उसे जलाएं और माता रानी से क्षमा मांगें।
- दीपक के आसपास सफाई रखें: दीपक के आसपास का क्षेत्र साफ रखें।
- ध्यान रखें: दीपक को जलाने और बुझाने के दौरान सावधानी बरतें।
5. अगर दीपक बुझ जाए तो क्या करें
अगर दीपक बुझ जाए तो घबराएं नहीं। तुरंत उसे जलाएं और माता रानी से क्षमा मांगें। यदि दीपक बार-बार बुझ रहा है तो इसका कारण जानने का प्रयास करें।
6. अगर घर में नहीं जला रहे हैं अखंड ज्योति तो क्या करें
अगर आप घर में अखंड ज्योति नहीं जला सकते हैं तो आप मंदिर में जाकर भी ज्योति प्रज्वलित कर सकते हैं। आप किसी योग्य ब्राह्मण या पंडित से भी सलाह ले सकते हैं।
नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाना माता रानी की कृपा प्राप्त करने का एक अद्भुत उपाय है। यदि आप इस उपाय को विधि-विधान से करते हैं तो माता रानी आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
- अखंड ज्योति जलाने का शुभ समय: घटस्थापना के दिन
- अखंड ज्योति जलाने की अवधि: 9 दिन
- अखंड ज्योति जलाने के लिए आवश्यक सामग्री: दीपक, घी/तेल, बाती, चौकी, अष्टदल, तिलक, भोग
यह भी ध्यान रखें:
- यदि आप घर से बाहर जाते हैं तो दीपक को बुझाकर ना जाएं।
- यदि आप घर से लंबे समय के लिए बाहर जा रहे हैं तो किसी को दीपक की देखभाल करने के लिए कहें।
नवरात्रि की शुभकामनाएं!
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