Kuber Chalisa: Guidance for wealth, prosperity and happiness
Introduction
Hello Friends! Do you wish for financial prosperity and happiness and prosperity in life? If yes, then reciting Kuber Chalisa can be extremely beneficial for you. Kuber Dev, who is known as the God of wealth, worships him and showers his blessings on the devotees. Come, today let us know in detail about the importance, recitation method, benefits and other interesting information of Kuber Chalisa.
In Hindu mythology, Kubera is portrayed as the king of the Yakshas and the god of wealth. He is the son of Vishvasrava and grandson of Lord Brahma. His residence is in Alkapuri, which is famous as the Golden City. According to folklore, the gods often seek financial help from Kubera in difficult times.
Kuber Chalisa
॥ दोहा ॥
जैसे अटल हिमालय,
और जैसे अडिग सुमेर ।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पे,
अविचल खडे कुबेर ॥विघ्न हरण मंगल करण,
सुनो शरणागत की टेर ।
भक्त हेतु वितरण करो,
धन माया के ढेर ॥
॥ चौपाई ॥
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी ।
धन माया के तुम अधिकारी ॥
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।
पवन वेग सम सम तनु बलधारी ॥
स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी ।
सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी ॥
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी ।
सेनापति बने युद्ध में धनुधारी ॥4॥
महा योद्धा बन शस्त्र धारैं ।
युद्ध करैं शत्रु को मारैं ॥
सदा विजयी कभी ना हारैं ।
भगत जनों के संकट टारैं ॥
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता ।
पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता ॥
विश्रवा पिता इडविडा जी माता ।
विभीषण भगत आपके भ्राता ॥8॥
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया ।
घोर तपस्या करी तन को सुखाया ॥
शिव वरदान मिले देवत्य पाया ।
अमृत पान करी अमर हुई काया ॥
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में ।
देवी देवता सब फिरैं साथ में ॥
पीताम्बर वस्त्र पहने गात में ।
बल शक्ति पूरी यक्ष जात में ॥12॥
स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं ।
त्रिशूल गदा हाथ में साजैं ॥
शंख मृदंग नगारे बाजैं ।
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं ॥
चौंसठ योगनी मंगल गावैं ।
ऋद्धि-सिद्धि नित भोग लगावैं ॥
दास दासनी सिर छत्र फिरावैं ।
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं ॥16॥
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं ।
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं ॥
पुरुषों में जैसे भीम बली हैं ।
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं ॥
भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं ।
पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं ॥
नागों में जैसे शेष बड़े हैं ।
वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं ॥20॥
कांधे धनुष हाथ में भाला ।
गले फूलों की पहनी माला ॥
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला ।
दूर-दूर तक होए उजाला ॥
कुबेर देव को जो मन में धारे ।
सदा विजय हो कभी न हारे ॥
बिगड़े काम बन जाएं सारे ।
अन्न धन के रहें भरे भण्डारे ॥24॥
कुबेर गरीब को आप उभारैं ।
कुबेरकर्ज को शीघ्र उतारैं ॥
कुबेर भगत के संकट टारैं ।
कुबेरशत्रु को क्षण में मारैं ॥
शीघ्र धनी जो होना चाहे ।
क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं ॥
यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं ।
दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं ॥28॥
भूत प्रेत को कुबेर भगावैं ।
अड़े काम को कुबेर बनावैं ॥
रोग शोक को कुबेर नशावैं ।
कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं ॥
कुबेर चढ़े को और चढ़ादे ।
कुबेरगिरे को पुन: उठा दे ॥
कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे ।
कुबेर भूले को राह बता दे ॥32॥
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे ।
भूखे की भूख कुबेर मिटा दे ॥
रोगी का रोग कुबेर घटा दे ।
दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे ॥
बांझ की गोद कुबेर भरा दे ।
कारोबार को कुबेर बढ़ा दे ॥
कारागार से कुबेर छुड़ा दे ।
चोर ठगों से कुबेर बचा दे ॥36॥
कोर्ट केस में कुबेर जितावै ।
जो कुबेर को मन में ध्यावै ॥
चुनाव में जीत कुबेर करावैं ।
मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं ॥
पाठ करे जो नित मन लाई ।
उसकी कला हो सदा सवाई ॥
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई ।
उसका जीवन चले सुखदाई ॥40॥
जो कुबेर का पाठ करावै ।
उसका बेड़ा पार लगावै ॥
उजड़े घर को पुन: बसावै ।
शत्रु को भी मित्र बनावै ॥
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई ।
सब सुख भोद पदार्थ पाई ॥
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई ।
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई ॥44॥
॥ दोहा ॥
शिव भक्तों में अग्रणी,
श्री यक्षराज कुबेर ।
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर,
कर दो दूर अंधेर ॥
कर दो दूर अंधेर अब,
जरा करो ना देर ।
शरण पड़ा हूं आपकी,
दया की दृष्टि फेर ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥
Importance of reciting Kuber Chalisa
- Wealth and Prosperity: Regular recitation of Kuber Chalisa brings wealth, material happiness and financial stability to the devotees.
- Freedom from Debt: This stotra is also considered auspicious for the people burdened with debt.
- Good luck and success: By the grace of Kuber Dev, obstacles are removed, which leads to success in life.
- Peace of mind: Reciting Chalisa brings positive energy and gives peace to the mind.
Kuber Chalisa method
- First of all, find a quiet place and sit and face east.
- Install the picture or idol of Kuber deity in front of you.
- Light a ghee lamp and incense sticks.
- Offer clean water, flowers, fruits etc. to Lord Kuber.
- Take a resolution and recite Kuber Chalisa with devotion.
- At the end of the lesson, perform Aarti of Kuber Dev.
Kuber Chalisa Puja material
- Kuber Dev idol or picture
- lamp and ghee/oil
- incense sticks
- Flowers (especially yellow flowers)
- Rice
- fruits and sweets
- Sunlight
- Ganga water
Benefits of Kuber Puja
- Obstacles in the path of wealth are removed.
- Prosperity and splendor come to the house.
- The financial condition of the person improves.
- Business increases.
- Gets relief from mental worries.
FAQs
- When is the ideal time to perform Kuber Chalisa? Morning or evening is considered the best time for worship. Kuber Puja on Friday gives special results.
- How many times should Kuber Chalisa be recited? Ideally, you should recite Kuber Chalisa daily.
- Is there any specific Kuber Mantra? Yes, Kuber Mantra – “Om Yakshay Kuberaya Vaishravanaya Dhandhaanyadhipataye Dhandhaanyasamriddhi Me Dehi Dapay Swaha”
Story of Kuber Puja
Many interesting stories related to Kuber can be read in the Puranas. Even Ravana, who was the king of Lanka, was Kubera’s half brother.
Experiences of Devotees
Devotees who regularly recite Kuber Chalisa have shared many experiences of positive changes in their lives. Stories ranging from solutions to financial problems to overall prosperity are often heard.
Conclusion
Friends, Kuber Chalisa is a wonderful hymn for those who wish for wealth. By reciting it with true heart and devotion, you can make your life happy by getting the blessings of Kuber Dev.
0 टिप्पणियाँ