श्री गायत्री माता आरती: महत्व, विधि, और दिव्य लाभ
परिचय
नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे श्री गायत्री माता आरती के बारे में। गायत्री माता को वेदों की जननी माना जाता है, वह परम शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत हैं। उनकी आरती एक भक्ति गीत है जो ज्ञान, बुद्धि और दिव्य आशीर्वाद की कामना करता है। आइए, श्री गायत्री माता आरती की महिमा और उसकी विधि पर प्रकाश डालें।
आरती:
जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री ।
दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे ।
भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि ।
अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता ।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे ।
कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी ।
जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे ।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै ।
विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये ।
शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता ॥
श्री गायत्री माता आरती का महत्व
- दिव्य ज्ञान की प्राप्ति: गायत्री माता आरती करने से भक्तों के मन में आध्यात्मिक प्रकाश जगता है।
- नकारात्मकता से मुक्ति: यह आरती नकारात्मक विचारों या प्रभावों को दूर कर मन में शुद्धता लाती है।
- विद्या और बुद्धि में वृद्धि: जो भक्त नियमित रूप से आरती करते हैं, उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।
- मनोकामना पूर्ति: सच्चे मन से की गई गायत्री माता की आरती से भक्तों की जायज मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आरती की विधि
- शुद्धि: आरती से पहले शुद्धता का पालन करें। स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहन लें।
- पूजा स्थान: स्वच्छ आसन पर पूजा स्थल स्थापित करें। गायत्री माता की तस्वीर या मूर्ति रखें।
- पूजन सामग्री: अगरबत्ती, दीपक, फूल, चंदन, रोली, अक्षत (चावल), आदि पूजा में शामिल करें।
- आरती: श्रद्धा भाव से दीपक जलाएं और आरती प्रारम्भ करें।
श्री गायत्री माता आरती के लाभ
- आत्मिक शांति और उन्नति में सहायक।
- जीवन में सकारात्मकता और उद्देश्य की भावना पैदा करता है।
- एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करता है।
- व्यक्तिगत विकास और कल्याण की भावना को बढ़ावा देता है।
FAQs
- गायत्री माता आरती का सबसे अच्छा समय क्या है? सुबह और शाम को आरती करना शुभ माना जाता है।
- क्या मैं घर पर गायत्री माता आरती कर सकता हूं? जी हाँ! घर पर नियमित रूप से करना श्रेष्ठ माना गया है।
निष्कर्ष
प्रिय मित्रों, गायत्री माता आरती केवल एक भक्ति गीत नहीं है। यह एक शक्तिशाली साधन है आंतरिक शांति, ज्ञान और दिव्य ऊर्जा को आकर्षित करने का। इस आरती को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें, और माँ गायत्री के आशीर्वाद से अपना जीवन बदलें।
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