खाटू श्याम चालीसा (Khatu Shyam Chalisa): हारे का सहारा, श्याम बाबा की शरण

पर user द्वारा प्रकाशित

कौन हैं खाटू श्याम जी?

खाटू श्याम जी भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार हैं। महाभारत युद्ध में बर्बरीक, भीम के पौत्र ने अपनी वीरता और बलिदान से महादेव को प्रसन्न कर लिया। तब भगवान कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलयुग में उनका नाम ‘श्याम’ से जाना जाएगा और उनकी भक्तों के दिलों में पूजा जाएगी। राजस्थान के सीकर ज़िले में खाटू उनका प्रसिद्द धाम है। उन्हें “हारे का सहारा”, “लखदातार”, और “श्याम सरकार” सहित कई नामों से श्रद्धा से स्मरण किया जाता है।

खाटू श्याम चालीसा

खाटू श्याम चालीसा को भगवान श्याम को समर्पित स्तुति का एक संग्रह है। भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि इस चालीसा का पाठ करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, संकट दूर होते हैं, और श्याम बाबा की असीम कृपा उन पर बरसती है।

पूर्ण खाटू श्याम चालीसा

॥ दोहा॥
श्री गुरु चरणन ध्यान धर,
सुमीर सच्चिदानंद ।
श्याम चालीसा भजत हूँ,
रच चौपाई छंद ।

॥ चौपाई ॥
श्याम-श्याम भजि बारंबारा ।
सहज ही हो भवसागर पारा ॥

इन सम देव न दूजा कोई ।
दिन दयालु न दाता होई ॥

भीम सुपुत्र अहिलावाती जाया ।
कही भीम का पौत्र कहलाया ॥

यह सब कथा कही कल्पांतर ।
तनिक न मानो इसमें अंतर ॥

बर्बरीक विष्णु अवतारा ।
भक्तन हेतु मनुज तन धारा ॥

बासुदेव देवकी प्यारे ।
जसुमति मैया नंद दुलारे ॥

मधुसूदन गोपाल मुरारी ।
वृजकिशोर गोवर्धन धारी ॥

सियाराम श्री हरि गोबिंदा ।
दिनपाल श्री बाल मुकुंदा ॥

दामोदर रण छोड़ बिहारी ।
नाथ द्वारिकाधीश खरारी ॥

राधाबल्लभ रुक्मणि कंता ।
गोपी बल्लभ कंस हनंता ॥ 10

मनमोहन चित चोर कहाए ।
माखन चोरि-चारि कर खाए ॥

मुरलीधर यदुपति घनश्यामा ।
कृष्ण पतित पावन अभिरामा ॥

मायापति लक्ष्मीपति ईशा ।
पुरुषोत्तम केशव जगदीशा ॥

विश्वपति जय भुवन पसारा ।
दीनबंधु भक्तन रखवारा ॥

प्रभु का भेद न कोई पाया ।
शेष महेश थके मुनिराया ॥

नारद शारद ऋषि योगिंदरर ।
श्याम-श्याम सब रटत निरंतर ॥

कवि कोदी करी कनन गिनंता ।
नाम अपार अथाह अनंता ॥

हर सृष्टी हर सुग में भाई ।
ये अवतार भक्त सुखदाई ॥

ह्रदय माहि करि देखु विचारा ।
श्याम भजे तो हो निस्तारा ॥

कौर पढ़ावत गणिका तारी ।
भीलनी की भक्ति बलिहारी ॥ 20

सती अहिल्या गौतम नारी ।
भई श्रापवश शिला दुलारी ॥

श्याम चरण रज चित लाई ।
पहुंची पति लोक में जाही ॥

अजामिल अरु सदन कसाई ।
नाम प्रताप परम गति पाई ॥

जाके श्याम नाम अधारा ।
सुख लहहि दुःख दूर हो सारा ॥

श्याम सलोवन है अति सुंदर ।
मोर मुकुट सिर तन पीतांबर ॥

गले बैजंती माल सुहाई ।
छवि अनूप भक्तन मान भाई ॥

श्याम-श्याम सुमिरहु दिन-राती ।
श्याम दुपहरि कर परभाती ॥

श्याम सारथी जिस रथ के ।
रोड़े दूर होए उस पथ के ॥

श्याम भक्त न कही पर हारा ।
भीर परि तब श्याम पुकारा ॥

रसना श्याम नाम रस पी ले ।
जी ले श्याम नाम के ही ले ॥ 30

संसारी सुख भोग मिलेगा ।
अंत श्याम सुख योग मिलेगा ॥

श्याम प्रभु हैं तन के काले ।
मन के गोरे भोले-भाले ॥

श्याम संत भक्तन हितकारी ।
रोग-दोष अध नाशे भारी ॥

प्रेम सहित जब नाम पुकारा ।
भक्त लगत श्याम को प्यारा ॥

खाटू में हैं मथुरावासी ।
पारब्रह्म पूर्ण अविनाशी ॥

सुधा तान भरि मुरली बजाई ।
चहु दिशि जहां सुनी पाई ॥

वृद्ध-बाल जेते नारि नर ।
मुग्ध भये सुनि बंशी स्वर ॥

हड़बड़ कर सब पहुंचे जाई ।
खाटू में जहां श्याम कन्हाई ॥

जिसने श्याम स्वरूप निहारा ।
भव भय से पाया छुटकारा ॥

॥ दोहा ॥
श्याम सलोने संवारे,
बर्बरीक तनुधार ।
इच्छा पूर्ण भक्त की,
करो न लाओ बार
॥ इति श्री खाटू श्याम चालीसा ॥

खाटू श्याम चालीसा का महत्व

खाटू श्याम चालीसा को समर्पित स्तुति का एक संग्रह है। भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि इस चालीसा का पाठ करने से:

  • मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण: श्याम बाबा भक्तों की मुश्किलें दूर करते हैं और उनकी सभी जायज मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
  • संकटों से मिलता है छुटकारा: हारे का सहारा बनके खाटू श्याम भक्तों को उनकी जीवन की चुनौतियों से उबारते हैं।
  • बाबा की कृपा बरसती है: चालीसा के माध्यम से हम श्याम बाबा से जुड़ते हैं और उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  • मन को शांति मिलती है: चालीसा पाठ से भक्ति भाव बढ़ता है और मन में असीम शांति और सकारात्मकता आती है।

खाटू श्याम चालीसा पाठ की विधि

  1. शुद्धिकरण: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना शुभदायक माना जाता है।
  2. पूजा स्थान: घर के मंदिर या एक साफ़ स्थान पर खाटू श्याम बाबा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  3. दीपक एवं धूप: घी का दीपक जलाएं और धूप या अगरबत्ती से वातावरण को भक्तिमय बनाएं।
  4. अर्पण करें: श्याम बाबा को पुष्प, जल, मिठाई आदि श्रद्धा से अर्पित करें।
  5. पाठ आरंभ करें: संपूर्ण एकाग्रता और भक्ति भाव से खाटू श्याम चालीसा का पाठ शुरू करें।
  6. आरती और प्रसाद: पाठ पूर्ण होने पर खाटू श्याम जी की आरती करें और वितरित करने के लिए प्रसाद तैयार करें।

पाठ का उत्तम समय:

यूं तो आप किसी भी दिन खाटू श्याम चालीसा का जाप कर सकते हैं। लेकिन एकादशी तिथि और खाटू श्याम मेले के दौरान इसका पाठ विशेष फलदायी माना जाता है।

खाटू श्याम मेला

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से द्वादशी तक सीकर के खाटू गांव में भव्य खाटू श्याम मेला लगता है। देशभर से लाखों भक्त बाबा श्याम के दर पर शीश नवाने पहुंचते हैं।


0 टिप्पणियाँ

प्रातिक्रिया दे

Avatar placeholder

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

hi_INहिन्दी