श्री ललिता माता की आरती

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे दिव्य माता श्री ललिता देवी की, जो त्रिपुर सुंदरी के रूप में भी जानी जाती हैं। ललिता माता असीम करुणा, सौंदर्य और शक्ति का प्रतीक हैं। उनकी आरती करना एक अत्यंत फलदायी और आध्यात्मिक रूप से उत्थान करने वाला अनुभव है। आइए, इस ब्लॉग में श्री ललिता माता की आरती से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से जानें।

श्री ललिता माता की आरती

श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी ।
राजेश्वरी जय नमो नमः ॥करुणामयी सकल अघ हारिणी ।
अमृत वर्षिणी नमो नमः ॥

जय शरणं वरणं नमो नमः ।
श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी ॥

अशुभ विनाशिनी, सब सुख दायिनी ।
खल-दल नाशिनी नमो नमः ॥

भण्डासुर वधकारिणी जय माँ ।
करुणा कलिते नमो नम: ॥

जय शरणं वरणं नमो नमः ।
श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी ॥

भव भय हारिणी, कष्ट निवारिणी ।
शरण गति दो नमो नमः ॥

शिव भामिनी साधक मन हारिणी ।
आदि शक्ति जय नमो नमः ॥

जय शरणं वरणं नमो नमः ।
जय त्रिपुर सुन्दरी नमो नमः ॥

श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी ।
राजेश्वरी जय नमो नमः ॥

श्री ललिता माता की आरती का महत्व

  • मां की कृपा: ललिता माता की आरती करने से उनकी दिव्य कृपा प्राप्त होती है।
  • मनोकामना पूर्ति: इस आरती से भक्तों की सात्विक मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • नकारात्मकता से मुक्ति: यह आरती नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करती है और सकारात्मकता का संचार करती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: भक्तों का आध्यात्मिक विकास तेज होता है
  • शांति और समृद्धि: इस आरती से घर में शांति और समृद्धि आती है।

ललिता माता पूजा सामग्री

  • ललिता माता की प्रतिमा या तस्वीर
  • लाल फूल (विशेष रूप से गुलाब या कमल)
  • कुमकुम
  • धूप, दीपक, और अगरबत्ती
  • शुद्ध घी
  • नैवेद्यम (प्रसाद)
  • श्री यंत्र (वैकल्पिक)
  • लाल वस्त्र

आरती की पूजा विधि

  1. शुद्धिकरण: सबसे पहले खुद को और पूजा स्थान को शुद्ध करें।
  2. संकल्प: एक संकल्प लें, पूजा का उद्देश्य मन में स्पष्ट करें।
  3. आसन: एक आसन बिछाकर उस पर बैठ जाएं।
  4. माता की प्रतिमा या तस्वीर: श्री ललिता माता की एक प्रतिमा या फोटो को सामने रखें।
  5. पूजन सामग्री: फूल, धूप, दीप, अगरबत्ती, चंदन, रोली, प्रसाद इत्यादि पूजा के लिए तैयार रखें।
  6. आरती: पूरी श्रद्धा से श्री ललिता माता की आरती गाएं।
  7. पुष्पांजलि और प्रसाद: माता को फूल और प्रसाद अर्पित करें।

ललिता माता की कथा (संक्षिप्त में)

देवी पुराण और ललिता सहस्रनाम में ललिता माता की उत्पत्ति और शक्तियों का विस्तृत वर्णन मिलता है।

एक कथा के अनुसार:

भंडासुर नामक एक राक्षस ने अपनी शक्तियों से तीनों लोकों में भयंकर उत्पात मचा रखा था। देवतागण भयभीत होकर भगवान शिव और माता पार्वती की शरण में गए। भगवान शिव ने देवताओं को आश्वस्त किया और देवी पार्वती ने त्रिपुर सुंदरी देवी का रूप धारण कर भंडासुर का वध किया।

इस युद्ध में:

  • भगवान विष्णु ने देवी का वाहन, सिंह, प्रदान किया।
  • भगवान ब्रह्मा ने देवी को आयुध प्रदान किए।
  • इंद्र ने देवी को अपना वज्र प्रदान किया।
  • वरुण देव ने देवी को जल प्रदान किया।
  • कुबेर देव ने देवी को धन-धान्य प्रदान किया।
  • अन्य देवताओं ने भी देवी को अपने-अपने आशीर्वाद प्रदान किए।

इस प्रकार देवी ललिता ने भंडासुर का वध कर देवताओं और त्रिलोकों को उसकी क्रूरता से मुक्ति दिलाई।

की आरती के लाभ

  • मन की शांति: ललिता माता की आरती करने से मन को असीम शांति मिलती है।
  • बाधाएं दूर होना: इस आरती से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होकर मार्ग प्रशस्त होता है।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि: माता की कृपा से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • परिवार में सुख-समृद्धि: माता ललिता की कृपा से परिवार में सदैव सुख और समृद्धि बनी रहती है।
  • रोगों से मुक्ति: मान्यता है कि नियमित रूप से यह आरती करने से असाध्य रोग भी दूर हो जाते हैं।

ललिता माता से जुड़े भक्तों के अनुभव

श्री ललिता माता की असीम कृपा है। सदियों से, दुनिया भर के भक्तों ने उनकी पूजा करते हुए अलौकिक अनुभव प्राप्त किए हैं। कुछ भक्तों का कहना है कि नियमित रूप से आरती करने से उनके पुराने रोग दूर हो गए, तो कुछ धन-धान्य में वृद्धि का अनुभव करते हैं। इन अनुभवों से यह स्पष्ट है कि माता ललिता अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  • श्री ललिता माता की आरती के लिए सबसे अच्छा समय क्या है? सुबह और शाम आरती के लिए सबसे शुभ समय हैं। हालांकि, आप इसे दिन के किसी भी समय श्रद्धा के साथ कर सकते हैं।
  • आरती के लिए सबसे अनुकूल दिन कौन-सा है? शुक्रवार और नवरात्रि के दिन श्री ललिता माता की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
  • क्या मैं घर पर श्री ललita माता की आरती कर सकता हूं? जी हां, बिलकुल। श्री ललिता माता की आरती आप घर पर श्रद्धा से कर सकते हैं।
  • आरती करते समय ध्यान देने योग्य बातें क्या हैं? आरती करते समय साफ मन, श्रद्धा और भक्ति का होना सबसे महत्वपूर्ण है। आरती के शब्दings को शुद्ध और स्पष्ट उच्चारण के साथ गाएं।

निष्कर्ष

प्रिय मित्रों, श्री ललिता माता, जो परम दिव्य मां हैं, उनकी शरण में जाने से जीवन में अद्भुत आशीर्वाद मिलते हैं। उनकी आरती आध्यात्मिकता के पथ पर आगे बढ़ने और जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की शक्ति पाने का उत्तम तरीका है। इस आरती को पूरी श्रद्धा के साथ करें और माता के दिव्य आशीर्वाद से अपने जीवन को प्रकाशित करें!

आप सभी को मेरी ओर से अनंत शुभकामनाएं! जय माता दी!

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