लक्ष्मीजी आरती (Laxmi Mata Aarti):अर्थ, महत्व, और लाभ

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लक्ष्मीजी आरती (Laxmi Mata Aarti):अर्थ, महत्व, और लाभ

नमस्कार दोस्तों! क्या आप अपने जीवन में धन, समृद्धि और सौभाग्य की कामना करते हैं? यदि हाँ, तो लक्ष्मी आरती को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। हिंदू धर्म में, देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। लक्ष्मी आरती देवी लक्ष्मी की एक भक्ति स्तुति है जो भक्तों को उनके आशीर्वाद से भर देती है। आइए, लक्ष्मी आरती के महत्व, इसे करने की विधि और इसके बोलों की गहराई में उतरें।

लक्ष्मी माता आरती

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥

पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

लक्ष्मी आरती देवी लक्ष्मी की भक्ति स्तुति है जो भक्तों को उनके आशीर्वाद से भर देती है। आरती में देवी लक्ष्मी के गुणों और महिमा का वर्णन किया गया है। आरती के बोल भक्तों को प्रेरणा देते हैं और उन्हें देवी लक्ष्मी के प्रति समर्पित करते हैं। लक्ष्मी आरती का अर्थ है देवी लक्ष्मी का प्रकाशमय स्वागत करना। आरती के माध्यम से, भक्त देवी लक्ष्मी को अपनी कृपा और आशीर्वाद प्रदान करने के लिए प्रार्थना करते हैं।

  • दीप जलाना: दीप देवी लक्ष्मी के प्रकाश का प्रतीक है। यह ज्ञान, आशा और सकारात्मकता का प्रतीक भी है।
  • फूल अर्पित करना: फूल देवी लक्ष्मी को समर्पित किए जाते हैं। वे सुंदरता, शुद्धता और भक्ति का प्रतीक हैं।
  • अगरबत्ती जलाना: अगरबत्ती का उपयोग वातावरण को सुगंधित करने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए किया जाता है। यह मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद करता है।
  • नारियल अर्पित करना: नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक है। यह समृद्धि, उर्वरता और शुभता का प्रतीक है।
  • फल और मिठाई अर्पित करना: फल और मिठाई देवी लक्ष्मी को भोग के रूप में अर्पित किए जाते हैं। वे कृतज्ञता और समर्पण का प्रतीक हैं।
  • पान अर्पित करना: पान देवी लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है। यह सम्मान और सौभाग्य का प्रतीक है।
  • सुगंधित जल अर्पित करना: सुगंधित जल देवी लक्ष्मी को स्नान कराने के लिए उपयोग किया जाता है। यह शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है।
  • मंत्र और स्तोत्र का जाप करना: मंत्र और स्तोत्र देवी लक्ष्मी की शक्ति और ऊर्जा को आकर्षित करने का एक तरीका है। वे भक्त को देवी लक्ष्मी से जुड़ने में मदद करते हैं।
  • धन और संपत्ति की प्राप्ति: लक्ष्मी आरती को नियमित रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में धन और संपत्ति की वर्षा होती है।
  • सौभाग्य: माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद सौभाग्य और अच्छे भाग्य को आकर्षित करता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: माना जाता है कि लक्ष्मी आरती के सकारात्मक कंपन नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाते हैं।
  • आध्यात्मिक विकास: लक्ष्मी आरती भक्ति की भावना पैदा करती है और भक्त को दिव्य के करीब लाती है।
  • दीपावली का महत्व: दीपावली के शुभ अवसर पर लक्ष्मी आरती विशेष महत्व रखती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बरसाती हैं।

लक्ष्मी आरती करने के लिए, इन सरल चरणों का पालन करें:

  1. शुद्धिकरण: स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थान की सफाई करें।
  2. संकल्प: एक संकल्प लें (पूजा करने का संकल्प)
  3. आसन: एक आसन (चटाई) पर बैठें और पूर्व या उत्तर की ओर मुख करें।
  4. लक्ष्मी प्रतिमा: देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को चौकी पर स्थापित करें।
  5. प्रज्वलित दीपक: एक घी का दीया जलाएं और उसे देवी के सामने रखें।
  6. पूजा सामग्री: फूल, चावल, हल्दी, कुमकुम, अगरबत्ती और नैवेद्य (प्रसाद) देवी को अर्पित करें।
  7. लक्ष्मी आरती का पाठ करें: श्रद्धा और भक्ति के साथ लक्ष्मी आरती का पाठ करें।
  8. घंटी बजाएं: पूरी प्रक्रिया के दौरान एक छोटी घंटी बजाते रहें।
  9. आरती के बाद: आरती के अंत में माता लक्ष्मी से आशीर्वाद लें। प्रसाद बांटें।
  • दीप: आरती का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा दीप है। यह देवी लक्ष्मी के प्रकाश का प्रतीक है।
  • दीपक: दीप जलाने के लिए दीपक का उपयोग किया जाता है।
  • फूल: फूल देवी लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं।
  • अगरबत्ती: अगरबत्ती का उपयोग वातावरण को सुगंधित करने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए किया जाता है।
  • नारियल: नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक है।
  • फल: फल देवी लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं।
  • मिठाई: मिठाई देवी लक्ष्मी को भोग के रूप में अर्पित की जाती है।
  • पान: पान देवी लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है।
  • सुगंधित जल: सुगंधित जल देवी लक्ष्मी को स्नान कराने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • आरती थाली: आरती थाली में दीप, दीपक, फूल, अगरबत्ती, नारियल, फल, मिठाई, पान, और सुगंधित जल रखा जाता है।
  • चंदन: चंदन का उपयोग देवी लक्ष्मी को तिलक लगाने के लिए किया जाता है।
  • कपूर: कपूर का उपयोग आरती के दौरान जलाने के लिए किया जाता है।
  • घंटी: घंटी का उपयोग आरती आरंभ करने और समाप्त करने के लिए किया जाता है।
  • मंजीरा: मंजीरा का उपयोग आरती के दौरान बजाने के लिए किया जाता है।
  • नर्मदा नदी के किनारे स्थित दुकानों से: यदि आप नर्मदा नदी के पास रहते हैं, तो आप नर्मदा नदी के किनारे स्थित दुकानों से लक्ष्मीजी आरती सामग्री खरीद सकते हैं।
  • ऑनलाइन: आप ऑनलाइन भी लक्ष्मीजी आरती सामग्री खरीद सकते हैं। कई ऑनलाइन स्टोर हैं जो लक्ष्मीजी आरती सामग्री बेचते हैं।

लक्ष्मी आरती करने से धन, समृद्धि और आर्थिक लाभ प्राप्त होते हैं। देवी लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं, और आरती के माध्यम से उनकी भक्ति करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

लक्ष्मी आरती करने से घर में सौभाग्य और खुशहाली आती है। देवी लक्ष्मी, सुख-शांति और समृद्धि लाती हैं, और उनके आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

लक्ष्मी आरती के सकारात्मक कंपन नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाते हैं। आरती के दौरान दीपक की ज्योति और मंत्रों का उच्चारण घर में सकारात्मक वातावरण बनाते हैं।

लक्ष्मी आरती भक्ति की भावना पैदा करती है और भक्त को दिव्य के करीब लाती है। देवी लक्ष्मी की भक्ति करने से मन को शांति और आत्मा को सुकून मिलता है।

दीपावली के शुभ अवसर पर लक्ष्मी आरती विशेष महत्व रखती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बरसाती हैं।

श्रीमती रीना एक गृहिणी हैं जो कई सालों से लक्ष्मी आरती कर रही हैं। वे बताती हैं कि आरती करने से उनके घर में सकारात्मक बदलाव आए हैं। पहले उनके घर में आर्थिक तंगी थी, लेकिन आरती करने से धीरे-धीरे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरने लगी। अब उनके घर में सुख-शांति और समृद्धि है।

श्रीमान अमित एक व्यवसायी हैं। वे बताते हैं कि लक्ष्मी आरती करने से उनके व्यवसाय में सफलता मिली है। वे पहले भी व्यवसाय करते थे, लेकिन आरती करने से उनकी सफलता में वृद्धि हुई है। वे कहते हैं कि आरती करने से उन्हें शक्ति और प्रेरणा मिलती है।

श्रीमती रिया एक छात्रा हैं। वे बताती हैं कि लक्ष्मी आरती करने से उन्हें एकाग्रता और शांति मिलती है। वे कहती हैं कि आरती करने से उन्हें अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। वे आरती करने से पहले और बाद में अंतर महसूस करती हैं।

श्रीमान रवि एक सरकारी अधिकारी हैं। वे बताते हैं कि लक्ष्मी आरती करने से उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। वे कहते हैं कि आरती करने से उनके घर में खुशहाली और सकारात्मक वातावरण बनता है।

श्रीमती नीलम एक गायिका हैं। वे बताती हैं कि लक्ष्मी आरती करने से उन्हें अपनी आवाज में मधुरता और प्रभावशालीता मिलती है। वे कहती हैं कि आरती करने से उन्हें अपनी कला में निखार लाने में मदद मिलती है।

लक्ष्मी आरती, धन-समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी की भक्ति का एक सरल और प्रभावी तरीका है। यह भक्तों को आर्थिक लाभ, सौभाग्य, मन को शांति और आध्यात्मिक विकास प्रदान करती है। यदि आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो लक्ष्मी आरती को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना निश्चित रूप से फायदेमंद होगा।

  • लक्ष्मी आरती करने का सबसे अच्छा समय शुक्रवार की शाम को होता है, जो देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है।
  • आप इसे सुबह भी कर सकते हैं, खासकर सूर्योदय के बाद।
  • दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी आरती का विशेष महत्व होता है।
  • दीपक
  • घी
  • अगरबत्ती
  • फूल
  • फल
  • मिठाई
  • चावल
  • सिंदूर
  • जल
  • कपूर
  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थान को स्वच्छ करें।
  • दीपक जलाकर देवी लक्ष्मी को प्रणाम करें।
  • आरती के बोलों का स्पष्ट उच्चारण करें।
  • एकाग्रता और भक्ति के साथ आरती करें।
  • लक्ष्मी आरती एक शक्तिशाली साधन है, लेकिन यह तुरंत धन-समृद्धि प्रदान नहीं करती है।
  • इसके लिए निरंतर भक्ति और श्रद्धा आवश्यक है।
  • कर्म भी महत्वपूर्ण है।
  • नहीं, लक्ष्मी आरती केवल धन-समृद्धि के लिए ही नहीं की जाती है।
  • यह देवी लक्ष्मी की भक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी की जाती है।
  • लक्ष्मी आरती से मन को शांति और एकाग्रता प्राप्त होती है।
  • लक्ष्मी आरती के कई मंत्र हैं।
  • आप अपनी पसंद का कोई भी मंत्र चुन सकते हैं।
  • कुछ लोकप्रिय मंत्र हैं:
    • ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
    • श्रीं लक्ष्मी नमः
    • ॐ महालक्ष्मी नमः
  • नहीं, लक्ष्मी आरती करने से कोई दुष्प्रभाव नहीं हो सकता है।
  • यह एक सुरक्षित और लाभकारी साधन है।

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