महाशिवरात्रि पर शिवलिंग अभिषेक (Shivling Abhishek)
महाशिवरात्रि आ रही है, और हर साल की तरह इस साल भी भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उत्सुक हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का अभिषेक करना विशेष रूप से शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से किया गया अभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करता है और आपके कल्याण का आशीर्वाद देता है।
तो फिर देर किस बात की? आइए जानते हैं महाशिवरात्रि पर शिवलिंग अभिषेक करने का सरल विधान
महादेव को रिझाना चाहते हैं? जानें महाशिवरात्रि पर शिवलिंग अभिषेक का सरल विधान!
शुभ शुरुआत
महाशिवरात्रि की सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें और वहां शिवलिंग स्थापित करें या मंदिर में जाकर दर्शन करें.
अभिषेक का विधान
सामग्री:
सामग्री | मात्रा |
---|---|
गंगाजल | 1 लीटर |
दूध | 1/2 लीटर |
दही | 1/2 कप |
शहद | 1/4 कप |
घी | 1/4 कप |
बेलपत्र | 11 |
धतूरे के फूल | 11 |
भांग | 1/4 कप |
आंकड़े के फूल | 11 |
चंदन | 1 छोटा चम्मच |
धूप | 1 अगरबत्ती |
दीपक | 1 |
विधि:
- स्नान: सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं।
- अभिषेक:
- दूध, दही, शहद और घी को मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरे के फूल, भांग और आंकड़े के फूल चढ़ाएं।
- जलाभिषेक करते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- पूजन:
- शिवलिंग पर चंदन का टीका लगाएं और धूप जलाएं।
- दीपक जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
- भोग:
- आप भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजें जैसे भांग, धतूरा और बेलपत्र का भोग भी लगा सकते हैं।
मंत्र:
- महामृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।”
- शिव पंचाक्षर मंत्र: “ॐ नमः शिवाय”
अभिषेक करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- अभिषेक के दौरान आपको स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।
- जलाभिषेक करते समय मंत्र का जाप करते रहें।
- अभिषेक के बाद शिवलिंग को अच्छी तरह से पोछ लें।
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक करना एक बहुत ही फलदायी पूजा है। यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।
आरती और भोग
अभिषेक के बाद शिवलिंग का विधिवत रूप से पूजन करें। शिवलिंग पर चंदन का टीका लगाएं और धूप जलाएं। इसके बाद दीपक जलाकर भगवान शिव की आरती करें। आप भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजें जैसे भांग, धतूरा और बेलपत्र का भोग भी लगा सकते हैं।
आरती: महाशिवरात्रि पर आप कोई भी शिवजी की आरती कर सकते हैं। जय शिव ओंकारा, करपूर गौरम जैसी लोकप्रिय आरतियां आसानी से उपलब्ध हैं।
प्रसाद: शिव पूजा के बाद भोग के रूप में अर्पित फल तथा प्रसाद उपस्थित भक्तजनों में वितरित करें। स्वयं भी इसे ग्रहण करें।
कुछ अतिरिक्त बिंदुओं पर ध्यान दें:
- भगवान शिव को सात्विक भोग लगता है। यदि आप नमकीन, मसालेदार या तामसिक चीजों का भोग लगाते हैं, तो शिवलिंग पर उसे न चढ़ाएं, बल्कि थोड़ी दूरी पर रखकर भगवान को अर्पित कर सकते हैं।
- भोग की शुद्धता का ध्यान रखें। किसी भी खाद्य सामग्री का पहला शुद्ध कौर भगवान को लगाने की परंपरा है।
- भोग अपनी श्रद्धा अनुसार लगाएं। यदि आप ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो एक ताजा फल या एक बेलपत्र भी सच्चे मन से चढ़ाया जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं।
भक्तों के अनुभव
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक करने के अनेक लाभ हैं। देश भर में लाखों श्रद्धालु इस दिन शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। कई भक्तों का मानना है कि सच्चे मन से किया गया अभिषेक उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।
यहाँ कुछ भक्तों के अनुभव दिए गए हैं:
- श्रीमती रमा देवी, दिल्ली: “मैं पिछले 10 सालों से महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक कर रही हूँ। जब मैंने पहली बार अभिषेक किया था, तब मैं अपने जीवन में कुछ मुश्किलों का सामना कर रही थी। लेकिन अभिषेक के बाद, मेरे जीवन में धीरे-धीरे सकारात्मक बदलाव आने लगे।”
- श्री राजेश कुमार, मुंबई: “मैं एक व्यवसायी हूँ और मेरे व्यवसाय में कुछ परेशानी चल रही थी। मैंने एक पंडित से सलाह ली और उन्होंने मुझे महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक करने की सलाह दी। मैंने अभिषेक किया और धीरे-धीरे मेरे व्यवसाय में सुधार होने लगा।”
- श्रीमती नीलम गुप्ता, चेन्नई: “मैं एक गृहिणी हूँ और मेरे परिवार में कुछ कलह चल रहा था। मैंने महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक किया और धीरे-धीरे मेरे परिवार में शांति और सुख वापस आ गया।”
यह केवल कुछ भक्तों के अनुभव हैं। शिवलिंग का अभिषेक करने से आपको भी अनेक लाभ हो सकते हैं।
यहाँ कुछ अन्य लाभ दिए गए हैं:
- मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति
- रोगों से मुक्ति
- ग्रहों की बाधाओं से मुक्ति
- सफलता और समृद्धि की प्राप्ति
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक करना एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण पूजा है। आप इसे घर पर भी आसानी से कर सकते हैं। शुद्ध मन और श्रद्धा के साथ किया गया जलाभिषेक निश्चित रूप से भगवान शिव को प्रसन्न करेगा।
तो इस महाशिवरात्रि, भगवान शिव का अभिषेक कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करे|
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQs)
- महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
- महाशिवरात्रि के दिन किसी भी समय अभिषेक किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से शुभ मुहूर्त के दौरान करना अधिक फलदायी माना जाता है। आप अपने क्षेत्र के किसी भी पंडित से शुभ मुहूर्त के बारे में पता कर सकते हैं।
2. महाशिवरात्रि पर शिवलिंग अभिषेक करने का क्या महत्व है?
महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन शिवलिंग का अभिषेक करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से किया गया अभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करता है और आपके कल्याण का आशीर्वाद देता है।
3. महाशिवरात्रि पर शिवलिंग अभिषेक करने की विधि क्या है?
- स्नान: सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करें: इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें और वहां शिवलिंग स्थापित करें या मंदिर में जाकर दर्शन करें.
- अभिषेक:
- गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
- पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल) से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- पूजा:
- शिवलिंग पर चंदन का टीका लगाएं।
- धूप और दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
- भगवान शिव को भोग लगाएं।
4. क्या महिलाएं भी महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक कर सकती हैं?
हां, महिलाएं भी महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक कर सकती हैं।
5. यदि मैं घर पर शिवलिंग का अभिषेक नहीं कर सकता, तो क्या मैं मंदिर में जाकर कर सकता हूँ?
हां, आप मंदिर में जाकर भी शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं।
6. महाशिवरात्रि पर शिवलिंग अभिषेक करने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
- अभिषेक करते समय आपको स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।
- जलाभिषेक करते समय मंत्र का जाप करते रहें।
- अभिषेक के बाद शिवलिंग को अच्छी तरह से पोछ लें।
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