महाशिवरात्रि पूजन सामग्री(Mahashivratri Pujan Samagri): जानिए पूरी लिस्ट

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mahashivratri pujan samagri list

यहाँ महाशिवरात्रि पूजन में प्रयुक्त होने वाली कुछ अन्य सामग्रियों की सूची तालिका के रूप में दी गई है। आप इसमें और भी सामग्री अपनी आवश्यकतानुसार जोड़ सकते हैं:

महाशिवरात्रि 2024 में पूजन सामग्री

सामग्रीविवरण
प्रतिमा/पूजन स्थलचौकी, पीला वस्त्र, भगवान शिवजी की सहपरिवार तस्वीर, शिवलिंग
तरल पदार्थजल, गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, गुलाब जल
पुष्प-पत्रआक के फूल, माला, बिल्वपत्र, धतूरा का फल, शमी के पत्ते, लाल-पीले फूल, सफेद फूल, आम/अशोक के पत्ते (अष्टदल), कुशा, आम, गेहूं और जौ की बालियां, हरा चना या हरे चने की डालियाँ, भांग (पत्ते, चूर्ण या भांग की गोली के रूप में), पान (मुखशुद्धि के लिए)
कंद-मूल-फलबेर, ऋतु फल (केला, सेब, संतरा, अनार आदि), गन्ना/ईख के टुकड़े, आंवला, गाजर, शकरकंद
भोगमिष्ठान्न, पञ्चामृत, नारियल, पंचमेवा, अन्य सात्विक भोजन
अन्य पूजन सामग्री और बर्तनपूजा की थाली, कलश/जल पात्र, धूप, दीप, हल्दी, कुमकुम, चन्दन, अक्षत, अगरबत्ती, कर्पूर, रुद्राक्ष माला, घंटी, घी का दीपक
माता पार्वती की पूजन सामग्रीसोलह श्रृंगार की सामग्री, चुनरी
भगवान गणेश जी की पूजन सामग्रीजनेऊ, दूर्वा, इत्र
कलश स्थापनातांबे का कलश, शुद्ध जल, लाल कलावा या मौली, दो साबुत लौंग, दो साबुत सुपारी, दो इलायची, एक हल्दी की गांठ, सिक्का

अतिरिक्त सामग्री

  • अभिषेक के लिए – शहद, दही, घी, शक्कर, इत्र
  • शिवलिंग को सजाने के लिए – रुई, मौली (लाल धागा), सफेद वस्त्र

महाशिवरात्रि का महत्व

  • सृजन और संहार का प्रतीक: भगवान शिव सृष्टि के संहारक भी हैं और सृजन के पोषक भी। माना जाता है कि उनका तीसरा नेत्र संहार का प्रतीक है और महाशिवरात्रि का संबंध उनकी रौद्र शक्ति से भी है। इस दिन उनकी पूजा करके भक्त शिवजी से अपने कष्टों का अंत करने का आशीर्वाद मांगते हैं।
  • मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग: महाशिवरात्रि पर व्रत और शिवजी की भक्ति से भक्तों के सांसारिक बंधनों का नाश होता है और उन्हें मोक्ष के मार्ग की ओर अग्रसर माना जाता है।
  • मनोकामना पूर्ति: सच्ची श्रद्धा और विश्वास से की गई महाशिवरात्रि की पूजा भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण करती है।
  • विवाह योग्य कन्याओं के लिए: मान्यता है कि कुंवारी कन्याओं को इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से उन्हें मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। इसी दिन माता पार्वती ने अपनी तपस्या और उपवास से शिवजी को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया था।

भक्तों की सफलता की कहानियाँ

  • नीरज का बदला जीवन: नीरज कई गलत आदतों और बुरी संगत में पड़ा हुआ था। एक बार महाशिवरात्रि पर उसने सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा की और उनकी कृपा से उसे एक साल के अंदर ही एक सामाजिक संगठन द्वारा सहायता मिली और उसका जीवन पूरी तरह से बदल गया।
  • शालिनी की संतान प्राप्ति: कई वर्षों से शालिनी माँ बनने की इच्छा रखती थी। उसने महाशिवरात्रि व्रत रखा और पूजा की। अगले वर्ष उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।
  • विजय की बीमारी से मुक्ति: विजय को एक गंभीर बीमारी हो गई थी। उसने महाशिवरात्रि व्रत में पूरी श्रद्धा से शिवजी को याद किया और उसकी बीमारी धीरे-धीरे ठीक हो गई।

पूजन-सामग्री का महत्व

पूजन सामग्री को भी भगवान का स्वरूप माना जाता है। जैसे दूध और शहद से अभिषेक सुख-समृद्धि को आमंत्रित करता है, बिल्वपत्र तीन गुणों (सत,रज,तम) का प्रतीक हैं, फूल मन की पवित्रता को दर्शाते हैं और फल हमारे अच्छे कर्मों का प्रतीक माने जाते हैं। इस प्रकार प्रत्येक सामग्री के पीछे एक आध्यात्मिक अर्थ छिपा होता है।

ध्यान दें:

  • यह सूची एक मार्गदर्शिका है। आप इसमें सामग्री जोड़ या कम कर सकते हैं।
  • सबसे महत्वपूर्ण है आपकी भक्ति और समर्पण की भावना।

आपको महाशिवरात्रि 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं!


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