चैत्र नवरात्रि 2024: घटस्थापना विधि (Kalash Installation)से पाएं मां दुर्गा की विशेष कृपा
परिचय
नवरात्रि बस आने को हैं! इस शुभ समय में भक्तजन उत्साह से माता की आराधना में जुट जाते हैं। नवरात्रि में घटस्थापना का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। सही विधि से घटस्थापना करना बहुत ही शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कैसे घर पर घटस्थापना की जाती है और किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
घटस्थापना का महत्व:
- घटस्थापना को देवी दुर्गा के आगमन का प्रतीक माना जाता है।
- यह देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का प्रारंभिक बिंदु है।
- घटस्थापना से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
चैत्र नवरात्रि 2024 घटस्थापना शुभ मुहूर्त
नवरात्रि में घटस्थापना करने के लिए शुभ मुहूर्त का बहुत अधिक महत्व है। सही समय पर घटस्थापना करने से पूजा का पूर्ण फल मिलता है। यहां हम चैत्र नवरात्रि 2024 के लिए घटस्थापना के शुभ मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं:
- घटस्थापना तिथि: संभावित रूप से 10 अप्रैल, 2024 (कृपया पञ्चाङ्ग से निश्चित तिथि की पुष्टि कर लें।)
- घटस्थापना शुभ मुहूर्त: सुबह 06:11 बजे से 07:51 बजे तक (कुल अवधि लगभग 1 घंटा 40 मिनट)
- घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:48 बजे से 12:36 बजे तक (कुल अवधि लगभग 48 मिनट)
महत्वपूर्ण जानकारी:
- घटस्थापना हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रतिपदा तिथि पर की जाती है।
- घटस्थापना पूजा हमेशा दिन के पहले एक-तिहाई हिस्से में की जानी चाहिए, यानी सूर्योदय के बाद जितनी जल्दी हो सके।
- यदि आप किसी कारण से मुहूर्त के पहले नहीं कर पाते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं। अभिजीत मुहूर्त को सभी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
- पंचांग के अनुसार आपके क्षेत्र में घटस्थापना के सही मुहूर्त के लिए किसी ज्योतिषी या पंडित से सलाह लें।
कृपया ध्यान दें: घटस्थापना मुहूर्त स्थान के हिसाब से थोड़ा आगे-पीछे हो सकता है।
आवश्यक सामग्री
घटस्थापना की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- मिट्टी या तांबे का कलश
- मिट्टी का चौड़ा मुंह वाला पात्र
- कुमकुम, रोली
- पवित्र जल
- आम के 8 पत्ते
- अष्टदल (आठ पंखुड़ियों वाला कमल का फूल)
- एक साफ, लाल रंग का कपड़ा
- साबुत सुपारी
- इलायची
- सिक्के
- चावल
- एक ढक्कन
- एक नारियल
- कलावा (मौली)
घटस्थापना के नियम:
- घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना महत्वपूर्ण है।
- घटस्थापना पूजा स्थल के उत्तर-पूर्व दिशा में करनी चाहिए।
- पूजा करते समय स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मन को शांत रखें।
- पूजा सामग्री में मिट्टी का कलश, जौ, नारियल, मौली, पान के पत्ते, आम के पत्ते, फल, फूल, रोली, अक्षत, दीप, धूप, अगरबत्ती आदि शामिल हैं।
घटस्थापना विधि:
- पूजा स्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।
- चौकी को लाल कपड़े से ढककर उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें।
- चौकी पर माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- माता दुर्गा के बाएं ओर अष्टदल बनाएं।
- मिट्टी के कलश में गंगाजल, दूध, सिक्के, सुपारी, अक्षत, नारियल आदि डालें।
- कलश को अष्टदल पर स्थापित करें।
- कलश के चारों ओर जौ बोएं।
- दीप प्रज्वलित करें और धूप-अगरबत्ती लगाएं।
- माता दुर्गा की आरती करें।
- नवरात्रि के नौ दिनों तक नियमित रूप से कलश और जौ की पूजा करें।
पूजा की विधि
- सबसे पहले गणेश भगवान का पूजन करें।
- फिर मां दुर्गा को रोली, चावल, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
- इसके बाद कलश का पूजन करें, सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें।
कुछ अतिरिक्त टिप्पणियां :
- आप चाहें तो कलश को सजाने के लिए फूलों और मालाओं का उपयोग कर सकते हैं।
- आप नवरात्रि के नौ दिनों तक कलश के जल को बदल सकते हैं।
- नवरात्रि के अंतिम दिन, कलश को विसर्जित करना चाहिए।
नवरात्रि में घटस्थापना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक तरीका है।
घटस्थापना करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें।
- कलश स्थापना हमेशा शुद्ध और स्वच्छ जगह पर ही करें।
- यदि मिट्टी के पात्र में दरार हो या कलश में कोई खराबी हो, तो उनका प्रयोग न करें।
- नारियल के ऊपर वाला भाग मां दुर्गा का प्रतीक होता है, इसलिए उसको फोड़ें नहीं।
- पूजा करते समय मन में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें।
चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं! मां आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें!
क्या आपका घर में घटस्थापना करने का इससे अलग तरीका है? हमें नीचे बताएं!
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