चैत्र नवरात्रि 2024: जान लें पूजा सामग्री, करें सफल पूजा मार्च 3, 2024 मार्च 3, 2024 पर user द्वारा प्रकाशित
नवरात्रि पूजा सामग्री:
पूजा सामग्री :
सामग्री विवरण पूजा सामग्री चौकी लकड़ी या प्लास्टिक की चौकी, जिस पर माता की प्रतिमा रखी जाएगी आसन लाल या पीले रंग का आसन, जिस पर चौकी रखी जाएगी लाल वस्त्र माता को चढ़ाने के लिए लाल रंग का वस्त्र माँ दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति माँ दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति, जिसकी पूजा की जाएगी गणेश जी की मूर्ति गणेश जी की छोटी मूर्ति, जो माँ दुर्गा के साथ रखी जाएगी पान का पत्ता पूजा में उपयोग के लिए सुपारी पूजा में उपयोग के लिए कलावा या मौली पूजा में उपयोग के लिए धुप-अगरबत्ती-दीपक पूजा में उपयोग के लिए पूजा की थाली पूजा सामग्री रखने के लिए लाल-पीले या नारंगी रंग के फूल माता को चढ़ाने के लिए पुष्पमाला माता को चढ़ाने के लिए पूर्ण श्रृंगार का सामान माता के श्रृंगार के लिए प्रसाद के लिए ऋतुफल माता को चढ़ाने के लिए माता को चढ़ाने के लिए लाल चुनरी दुर्गा सप्तशती पूजा के लिए नारियल पूजा में उपयोग के लिए
आरती की थाली
सामग्री विवरण थाली साफ थाली, अधिमानतः (preferably) पीतल, तांबे, या चांदी की कुमकुम एक छोटी कटोरी में कुमकुम चन्दन एक छोटी कटोरी में चन्दन हल्दी एक छोटी कटोरी में हल्दी अक्षत (चावल) एक छोटी कटोरी में अक्षत जलपात्र एक छोटा जल से भरा पात्र कर्पूर कर्पूर के कुछ टुकड़े फूल देवी को अर्पित करने के लिए कुछ फूल दीपक घी या तेल से भरा दीपक, कुछ बाती के साथ घंटी पूजा के दौरान उपयोग के लिए एक घंटी
ध्यान दें:
कुमकुम, हल्दी, और अक्षत सूखे होने चाहिए।
आरती की थाली को फूलों और पत्तियों से भी सजाया जा सकता है|
अष्टदल कमल बनाने के लिए सामग्री
सामग्री विवरण अक्षत कुमकुम और हल्दी से रंगे चावल (आप साधारण सफेद अक्षत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं) थाली थाली पानी पानी कलश मिट्टी या तांबे का कलश मिट्टी स्वच्छ काली मिट्टी जौ जौ के दाने
निर्देश:
थाली में कुमकुम और हल्दी से रंगे चावल फैलाएं।
चावलों के बीच में एक छोटा सा गड्ढा बनाएं।
गड्ढे में पानी डालें।
गड्ढे में कलश रखें।
कलश के चारों ओर जौ के दाने बोएं।
कलश को चावलों से ढक दें।
कलश के ऊपर अष्टदल कमल बनाएं।
अष्टदल कमल बनाने की विधि:
अपनी हथेली में अक्षत लें।
अक्षत को अपनी उंगलियों से दबाकर आठ पंखुड़ियों का आकार दें।
पंखुड़ियों को एक साथ जोड़कर अष्टदल कमल बनाएं।
अष्टदल कमल को कलश के ऊपर रखें।
अष्टदल कमल का महत्व:
अष्टदल कमल का महत्व नवरात्रि पूजा में बहुत अधिक है।
अष्टदल कमल को माता दुर्गा का आसन माना जाता है।
अष्टदल कमल आठ दिशाओं का प्रतीक है।
अष्टदल कमल आठ देवी-देवताओं का प्रतीक है।
श्रृंगार सामग्री
सामग्री विवरण लाल चुनरी मां दुर्गा को अर्पित करने के लिए चूड़ियां कई रंगों की कांच की चूड़ियां इत्र मां दुर्गा के श्रृंगार के लिए नेलपॉलिश लाल या मैरून रंग की सिंदूर मां दुर्गा के माथे पर लगाने के लिए महावर (अलता) मां दुर्गा के चरणों को सजाने के लिए बिंदी माता के माथे पर लगाने के लिए मेहंदी मां की प्रतिमा पर हाथों में लगाने के लिए काजल मां दुर्गा की आंखों को सजाने के लिए कंघी मां दुर्गा के बाल सवारने के लिए मंगलसूत्र या कंठहार मां दुर्गा को पहनाने के लिए पायल मां दुर्गा के चरणों में पहनाने के लिए लिपस्टिक मां दुर्गा के होठों के लिए कान की बाली मां दुर्गा के कानों में पहनाने के लिए चोटी का रिबन या रबर बैंड माता की चोटी सजाने के लिए गजरा मां दुर्गा के बालों में लगाने के लिए नथ मां दुर्गा के लिए बिछिया मां दुर्गा के चरणों में पहनाने के लिए
कलश स्थापना के लिए सामग्री
सामग्री विवरण कलश मिट्टी या तांबे का कलश जल शुद्ध जल (गंगा जल का उपयोग करना शुभ माना जाता है) नारियल 1 नारियल (जिसमें 3 आंखें हों) आम के पत्ते 8 आम के पत्ते, एक साथ बांधे हुए (इसे अष्टदल कहा जाता है) चुनरी नारियल पर बांधने के लिए छोटी लाल चुनरी कलावा या मौली लाल कलावा या मौली (कलश को सजाने और बांधने के लिए) लौंग 2 साबुत लौंग सुपारी 2 साबुत सुपारी इलायची 2 इलायची हल्दी की गांठ 1 हल्दी की गांठ सिक्का 1 सिक्का अक्षत अक्षत (चावल)
अतिरिक्त सामग्री (वैकल्पिक)
सामग्री विवरण चंदन चंदन कुमकुम कुमकुम फूल फूल फल फल मिठाई मिठाई
सुझाव:
कलश स्थापना के लिए एक साफ और शुभ स्थान चुनें।
कलश को मिट्टी, गेहूं या चावल से भरे बर्तन में रखें।
कलश के ऊपर नारियल और अष्टदल रखें।
नारियल को लाल चुनरी से बांधें।
कलश को कलावा या मौली से सजाएं।
कलश में जल, लौंग, सुपारी, इलायची, हल्दी की गांठ और सिक्का डालें।
कलश के चारों ओर अक्षत (चावल) छिड़कें।
कलश स्थापना के बाद माता दुर्गा की पूजा करें।
यह भी ध्यान रखें:
कलश स्थापना के दौरान पूरे घर को साफ और शुद्ध रखना चाहिए।
पूजा करते समय ध्यान केंद्रित करें और सकारात्मक विचार रखें।
जौ बोने के लिए सामग्री
सामग्री विवरण कटोरा मिट्टी का बड़ा कटोरा कलावा या मौली कटोरे को सजाने के लिए मिट्टी स्वच्छ काली मिट्टी दाने जौ और गेहूं के दाने जल स्वच्छ जल
अतिरिक्त सामग्री (वैकल्पिक)
सामग्री विवरण चंदन चंदन कुमकुम कुमकुम फूल फूल फल फल मिठाई मिठाई
सुझाव:
जौ बोने के लिए एक साफ और शुभ स्थान चुनें।
कटोरे को मिट्टी से भरें।
कटोरे को कलावा या मौली से सजाएं।
कटोरे में जौ और गेहूं के दाने बोएं।
दानों को पानी दें।
दानों को नियमित रूप से पानी दें और उनकी देखभाल करें।
यह भी ध्यान रखें:
जौ बोने के दौरान पूरे घर को साफ और शुद्ध रखना चाहिए।
दानों की देखभाल करते समय ध्यान केंद्रित करें और सकारात्मक विचार रखें।
कन्या पूजन के लिए सामग्री
सामग्री विवरण पैर पखारने के लिए थाली बड़ी थाली जल स्वच्छ जल लोटा लोटा तिलक के लिए हल्दी हल्दी कुमकुम कुमकुम भोजन पकवान पुड़ी, चने या आलू की सब्जी, खीर या हलवा भेंट आपकी मनचाही वस्तु
सुझाव:
कन्या पूजन के लिए एक साफ और शुभ स्थान चुनें।
कन्याओं को आसन पर बैठाएं।
कन्याओं के पैर धोएं और उन्हें तिलक लगाएं।
कन्याओं को भोजन करवाएं।
कन्याओं को भेंट स्वरूप वस्तुएं दें।
कन्याओं का आशीर्वाद लें।
यह भी ध्यान रखें:
कन्या पूजन के दौरान पूरे घर को साफ और शुद्ध रखना चाहिए।
कन्याओं के प्रति सम्मान और प्रेम का भाव रखें।
हवन सामग्री
सामग्री विवरण हवन कुंड हवन कुंड हविष्य हविष्य (जौ, गेहूं, चावल) धूप धूप जौ जौ सूखा नारियल सूखा नारियल गुग्गल गुग्गल मखाना मखाना बेलपत्र बेलपत्र घी घी सुगंध सुगंध (इत्र) अक्षत अक्षत (चावल) अग्नि प्रज्जवलित करने के लिए रूई रूई आम की लकड़ी आम की लकड़ी चंदन की लकड़ी चंदन की लकड़ी कर्पूर कर्पूर माचिस माचिस घी घी
सुझाव:
हवन के लिए एक साफ और शुभ स्थान चुनें।
हवन कुंड को स्थापित करें और उसमें हविष्य डालें।
हवन कुंड में अग्नि प्रज्जवलित करें।
हवन सामग्री को मंत्रों के साथ अग्नि में डालें।
हवन के बाद, प्रसाद वितरित करें।
हवन के लाभ:
हवन करने से वातावरण शुद्ध होता है।
हवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
हवन से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
हवन से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
हवन से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
नोट:
उपरोक्त सामग्री सूची सामान्य है। आप अपनी सुविधानुसार इसमें बदलाव कर सकते हैं।
यदि आपको हवन सामग्री के बारे में कोई प्रश्न है, तो आप किसी पंडित से पूछ सकते हैं।
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