ॐ जय जगदीश हरे आरती(Om Jai Jagdish Hare): अर्थ, महत्व,और लाभ

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

om jai jagdish hare

नमस्कार दोस्तों! क्या आप दैनिक जीवन की चिंताओं से कुछ पल शांति पाने के लिए तरसते हैं? यदि हाँ, तो ‘ॐ जय जगदीश हरे’ आरती की मधुर धुन शायद आपके लिए ही है। भक्ति और सरलता का एक सुंदर संगम, यह आरती हिंदू धर्म में बहुत प्रिय है। आइए, इस मंत्र के अर्थ, महत्व और इसके आध्यात्मिक लाभों में गहराई से गोता लगाएँ।

ॐ जय जगदीश हरे आरती

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥

ॐ जय जगदीश हरे आरती: अर्थ

इस आरती का भावार्थ सरल और सुंदर है। यह ‘जगदीश,’ यानि पूरे संसार के स्वामी, भगवान विष्णु की स्तुति है। भक्त भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे उनके कष्टों को दूर करें। स्त्रोत में भगवान विष्णु की शक्ति और भव्यता का वर्णन भी किया गया है। यह आरती भगवान की कृपा और आशीर्वाद पाने की प्रबल इच्छा को दर्शाती है।

ॐ जय जगदीश हरे आरती: महत्व

हिंदू धर्म में आरती महत्वपूर्ण है, और यह ॐ जय जगदीश हरे आरती पर भी लागू होता है। इसे गाने के अनेक लाभ हैं:

  • भगवान से जुड़ाव: यह आरती हमें ईश्वर और उनकी सर्वव्यापी शक्ति से जोड़ती है।
  • शांति प्राप्ति: इसके मधुर स्वर और भक्ति से भरे भाव मन को शांत करते हैं।
  • सकारात्मकता का संचार: यह आरती आशा, विश्वास, और हमारे जीवन में दिव्य मार्गदर्शन की उपस्थिति की पुष्टि करती है।
  • आध्यात्मिक शुद्धिकरण: विष्णु की प्रार्थना को हृदय और विचारों की शुद्धि से जोड़ कर देखा जाता है।

ॐ जय जगदीश हरे आरती: कैसे गाएं

आरती गाने की पारंपरिक विधि इस प्रकार है:

  1. घर में एक साफ जगह चुनें।
  2. भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  4. श्रद्धा से आरती गाएं।
  5. भगवान विष्णु को पुष्प अर्पित करें।
  6. प्रसाद बांटें।

ॐ जय जगदीश हरे आरती गाने के लाभ

  • भगवान विष्णु से जुड़ाव: यह आरती हमें भगवान विष्णु से जोड़ती है और उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करती है।
  • मन की शांति: आरती का मधुर स्वर और भक्ति भाव मन को शांति प्रदान करते हैं और तनाव कम करते हैं।
  • आत्म-जागरूकता: आरती हमें आत्म-जागरूकता और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद करती है।
  • नकारात्मकता दूर करना: आरती का गायन नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करने में सहायक होता है।
  • भक्ति भाव में वृद्धि: आरती भक्ति भाव में वृद्धि और भगवान के प्रति समर्पण की भावना को विकसित करती है।
  • तनाव कम करना: आरती का गायन तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायक होता है।
  • एकाग्रता में सुधार: आरती का गायन एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार करता है।
  • मनोबल में वृद्धि: आरती का गायन मनोबल और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: आरती का गायन सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और वातावरण को शुद्ध करता है।
  • एकता और भाईचारा: आरती का गायन लोगों को एकजुट करता है और भाईचारे की भावना को बढ़ाता है।
  • सांस्कृतिक विरासत: आरती हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और इसे गाने से हम अपनी संस्कृति को जीवित रखते हैं।
  • सकारात्मक वातावरण: आरती का गायन परिवार और समाज में सकारात्मक वातावरण का निर्माण करता है।

भक्तों की कहानियां और उनका अनुभव

एक गृहिणी, जो कई वर्षों से आर्थिक और पारिवारिक परेशानियों से जूझ रही थी, ने ॐ जय जगदीश हरे आरती का नियमित रूप से गायन शुरू किया। कुछ ही महीनों में, उसने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव देखे। उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और उसके परिवार में शांति और समृद्धि का आगमन हुआ।

एक युवक, जो गंभीर बीमारी से पीड़ित था, ने ॐ जय जगदीश हरे आरती का गायन शुरू किया।

उसने भगवान विष्णु से प्रार्थना की और आरती का गायन करते हुए अपनी पूरी श्रद्धा और भक्ति भगवान को अर्पित कर दी।

कुछ समय बाद, वह चमत्कारिक रूप से बीमारी से मुक्त हो गया।

एक छात्र, जो अपनी परीक्षा को लेकर चिंतित था, ने ॐ जय जगदीश हरे आरती का गायन शुरू किया।

उसने परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना की और आरती का गायन करते हुए अपनी एकाग्रता और मनोबल को बढ़ाया।

परिणामस्वरूप, उसने परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और सफलता प्राप्त की।

एक साधक, जो आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ना चाहता था, ने ॐ जय जगदीश हरे आरती का नियमित रूप से गायन शुरू किया।

आरती का गायन करते हुए उसे भगवान विष्णु के प्रति गहन भक्ति और प्रेम का अनुभव हुआ।

समय के साथ, उसकी भक्ति भाव में वृद्धि हुई और वह आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में सफल हुआ।

एक व्यक्ति, जो अपने जीवन में नकारात्मक विचारों और भावनाओं से परेशान था, ने ॐ जय जगदीश हरे आरती का गायन शुरू किया।

आरती का गायन करते हुए उसे शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हुआ।

समय के साथ, उसके नकारात्मक विचारों और भावनाओं का स्थान सकारात्मकता ने ले लिया और उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगे।

निष्कर्ष:

ॐ जय जगदीश हरे आरती गाने के अनेक लाभ हैं। यह आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, और सामाजिक एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। यदि आप शांति, प्रेम और भक्ति की तलाश में हैं, तो ॐ जय जगदीश हरे आरती गाने का प्रयास करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ॐ जय जगदीश हरे आरती भगवान विष्णु की स्तुति है। इसका अर्थ है “हे जगदीश, हे विश्व के स्वामी, हम आपकी स्तुति करते हैं।”

यह आरती किसी भी समय गाई जा सकती है, लेकिन इसे आमतौर पर सुबह और शाम को गाने का प्रचलन है।

यह आरती विशेष रूप से भगवान विष्णु के जन्मदिन और अन्य त्योहारों पर भी गाई जाती है।

आप इस आरती को YouTube, online resources, या किसी धार्मिक गुरु से सीख सकते हैं।

आप इस आरती के बारे में अधिक जानकारी online resources, धार्मिक पुस्तकों, या किसी धार्मिक गुरु से प्राप्त कर सकते हैं।

  • आरती गाते समय स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें।
  • आरती गाते समय मन को एकाग्र रखें।
  • आरती गाते समय भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें।
  • आरती की पुस्तिका या गीत
  • दीपक और अगरबत्ती
  • फूल
  • प्रसाद

ॐ जय जगदीश हरे आरती गाने के लिए कोई शुल्क नहीं है। यह एक मुफ्त और सरल प्रार्थना है जिसे कोई भी कर सकता है।

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