फुलेरा दूज (Phulera Dooj): रंगों का उत्सव, प्रेम का संगम

पर Shreya Dwivedi द्वारा प्रकाशित

phulera dooj

फुलेरा दूज: फूलों की होली का शुभ अवसर

नमस्कार दोस्तों! बसंत के आगमन की खुशियां चारों ओर फैलने लगी हैं। रंग-बिरंगे फूल खिल उठे हैं, और शीतल हवा इस सुहाने मौसम को और भी मनमोहक बना रही है। ऐसे में, फुलेरा दूज का त्योहार आने वाला है। यह पर्व प्रेम, उल्लास, और भगवान कृष्ण के प्रति असीम भक्ति का प्रतीक है।

फुलेरा दूज क्या है?

“फुलेरा” शब्द का अर्थ है “फूल”, जो उत्सव के केंद्रीय विषय की ओर इशारा करता है। भगवान कृष्ण के मंदिरों और घरों को फूलों की माला और सुंदर सजावट से सजाया जाता है। फुलेरा दूज पर भक्त फूलों से होली खेलते हैं, जो उनकी भक्ति और प्रेम का प्रतीक है।फुलेरा दूज हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। “फुलेरा” शब्द का अर्थ है “फूलों से खिलना”। यह पर्व भगवान कृष्ण को समर्पित एक खास दिन है, जब फूलों से उनकी पूजा की जाती है और भक्त फूलों से होली खेलते हैं।भक्ति और आस्था का प्रतीक फुलेरा दूज, कृष्ण के प्रति असीम प्रेम और आस्था का दिन है। भगवान को अर्पित की जाने वाली पूजाएँ , भक्ति गीत, फूलों से होने वाली होली- यह उत्साह और आध्यात्मिक हर्ष का त्योहार है ।

इससे जुड़ी पौराणिक कथा

फुलेरा दूज से अनेक पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं। एक प्रचलित कथा के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने गोकुल में राधा और अन्य गोपियों के साथ फूलों की होली खेली थी। रंग और गुलाल के बजाय, प्रेम के प्रतीक के रूप में फूलों की बौछार की गई। एक अन्य कथा के अनुसार, फुलेरा दूज मथुरा और वृंदावन में राधा और कृष्ण के पुनर्मिलन का उत्सव है। यहीं से फूलों की होली के साथ होली के त्योहार की शुरुआत मानी जाती है।

फुलेरा दूज का महत्व क्यों है ?

  • विवाह के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है: हिंदू पंचांग के अनुसार, फुलेरा दूज विवाह के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है। इसे “अबूझ मुहूर्त” भी कहा जाता है, अर्थात् ऐसा मुहूर्त जिसके लिए पंडित से तिथि और नक्षत्रों का मिलान करने की आवश्यकता नहीं होती। इस दिन कई विवाह संपन्न होते हैं।
  • भक्ति और उत्साह का पर्व: यह दिन भगवान कृष्ण के प्रति अटूट भक्ति, प्रेम और उत्साह का प्रतीक है। मंदिरों में अद्भुत झांकियां सजाई जाती हैं और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।

तिथि और शुभ मुहूर्त

तिथि:

  • दिन: 12 मार्च 2024, मंगलवार
  • द्वितीया तिथि प्रारंभ: 11 मार्च 2024, सोमवार, 10:44 AM
  • द्वितीया तिथि समाप्त: 12 मार्च 2024, मंगलवार, 7:13 AM

शुभ मुहूर्त:

  • पूजा का मुहूर्त: 12 मार्च 2024, मंगलवार, सुबह 9:32 AM से दोपहर 2:00 PM तक
  • गोधूलि मुहूर्त: 12 मार्च 2024, मंगलवार, शाम 6:25 PM से 6:50 PM तक

विशेष मुहूर्त:

  • अभिजीत मुहूर्त: 12 मार्च 2024, मंगलवार, सुबह 12:04 PM से 12:52 PM तक
  • विजय मुहूर्त: 12 मार्च 2024, मंगलवार, सुबह 10:55 AM से 11:43 AM तक

ध्यान दें:

  • उपरोक्त मुहूर्त सामान्य जानकारी के लिए दिए गए हैं।
  • सटीक मुहूर्त आपके स्थान के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
  • पूजा करने से पहले पंचांग या ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है।

फुलेरा दूज की पूजा विधि

  1. सुबह जल्दी उठें और स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान कृष्ण और राधा रानी की मूर्तियों या चित्र को फूलों से सुंदर ढंग से सजाएं।
  3. धूप, दीप, चंदन, रोली (कुमकुम), अक्षत (चावल), पुष्प, नैवेद्य (मिठाई या भोग), जल आदि से भगवान की पूजा करें।
  4. फुलेरा दूज की कथा को श्रद्धा से सुनें या पढ़ें।
  5. भगवान कृष्ण को तुलसी के पत्ते अवश्य अर्पित करें।
  6. इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  7. मंदिरों में दर्शन के लिए जाएं और प्रसाद ग्रहण करें।

फूलों का विशेष महत्व

फुलेरा दूज पर फूलों का विशेष महत्व है। पूजा और सजावट में रंग-बिरंगे, सुगंधित फूलों का प्रयोग किया जाता है। भक्त भगवान को फूल अर्पित करते हैं और एक दूसरे पर भी प्यार से फूल बरसाते हैं।

उपसंहार

मित्रों, फुलेरा दूज प्रेम, उमंग, और भक्ति का अनूठा संगम है। आइए, इस दिन भगवान कृष्ण का स्मरण करें और अपने जीवन में प्रेम एवं आनंद के रंग भरें!

आप सभी के जीवन में फुलेरा दूज ढेरों खुशियां लाए, यही मेरी कामना है!


फुलेरा दूज ( FAQs)

1. फुलेरा दूज कैसे मनाया जाता है?

  • लोग भगवान कृष्ण और राधा की पूजा करते हैं।
  • फूलों से होली खेली जाती है।
  • लोग एक दूसरे को फूलों की माला पहनाते हैं।
  • भक्ति गीत गाए जाते हैं।
  • विशेष भोजन तैयार किया जाता है।

2. फुलेरा दूज के दिन क्या करना चाहिए?

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • भगवान कृष्ण और राधा की पूजा करें।
  • फूलों से होली खेलें।
  • भक्ति गीत गाएं।
  • विशेष भोजन तैयार करें और प्रसाद ग्रहण करें।

3. फुलेरा दूज के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

  • मांस, मदिरा और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
  • क्रोध और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
  • दूसरों को परेशान न करें।

4. फुलेरा दूज के लिए कुछ शुभकामनाएं:

  • आपको और आपके परिवार को फुलेरा दूज की हार्दिक शुभकामनाएं!
  • भगवान कृष्ण आप सभी पर अपनी कृपा बरसाएं!
  • यह त्योहार आपके जीवन में खुशियां और समृद्धि लाए!

5. क्या फुलेरा दूज के दिन उपवास रखना आवश्यक है?

नहीं, फुलेरा दूज के दिन उपवास रखना आवश्यक नहीं है। यह आपकी इच्छा पर निर्भर करता है। यदि आप उपवास रखना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं।

6. क्या फुलेरा दूज के दिन मंदिर जाना आवश्यक है?

नहीं, फुलेरा दूज के दिन मंदिर जाना आवश्यक नहीं है। आप घर पर ही भगवान कृष्ण और राधा की पूजा कर सकते हैं।

7. क्या फुलेरा दूज के दिन फूलों से होली खेलना आवश्यक है?

नहीं, फुलेरा दूज के दिन फूलों से होली खेलना आवश्यक नहीं है। यह आपकी इच्छा पर निर्भर करता है। आप फूलों से होली खेल सकते हैं या अन्य तरीकों से इस त्योहार का आनंद ले सकते हैं।

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