संत तुकाराम आरती का महत्व और लाभ

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

Tukaram Aarti

परिचय

संत तुकाराम का जन्म 1608 में महाराष्ट्र के देहू गांव में हुआ था। वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे और उनकी आजीविका चलाने के लिए एक छोटी सी दुकान थी। हालांकि, उनका जीवन कठिनाइयों से भरा था। उन्हें अपने व्यापार में लगातार असफलताओं का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ। उन्होंने अपने बेटे को भी खो दिया।

इन कठिन समयों में, संत तुकाराम भगवान विट्ठल के प्रति अपनी भक्ति में गहरे डूब गए। उन्होंने अपना सारा दुख भगवान को समर्पित कर दिया और उनसे मार्गदर्शन की प्रार्थना की। उनकी भक्ति इतनी प्रबल थी कि भगवान विट्ठल ने उन पर कृपा की और उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया।

संत तुकाराम ने अपने अनुभवों और भगवान विट्ठल के प्रति प्रेम को अपने भजनों में व्यक्त किया। उनके भजन सरल मराठी भाषा में लिखे गए थे और उनमें भक्ति, आत्मसमर्पण और भगवान के प्रेम की भावनाएँ थीं। ये भजन आज भी महाराष्ट्र की संस्कृति का एक अनिवार褌 अंग हैं और दुनिया भर के भक्तों द्वारा गाए जाते हैं।

संत तुकाराम आरती पाठ

आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥

आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥

राघवे सागरात ।
पाषाण तारीले ॥
तैसे हें तुकोबाचे ।
अभंग उदकी रक्षिले ॥
आरती तुकाराम ॥

आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥

तुकिता तुलनेसी ।
ब्रह्म तुकासी आले ॥
म्हणोनि रामेश्वरे ।
चरणी मस्तक ठेविले ॥

आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥

आरती तुकाराम ।
स्वामी सद्गुरु धाम ॥
सच्चिदानंद मूर्ती ।
पाय दाखवी आम्हा ॥

संत तुकाराम आरती के लाभ

भगवान विट्ठल की भक्ति से प्रदर्शित संत तुकाराम आरती को करने से भक्तों को अनेक लाभ होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • मन की शांति: आरती करने से मन शांत और एकाग्र होता है। भक्ति की भावना से भरे संत तुकाराम के शब्दों से चिंता व भय दूर होते हैं।
  • सुख और समृद्धि: माना जाता है कि संत तुकाराम आरती करने वाले भक्तों को सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  • दैवीय सुरक्षा: संत तुकाराम आरती का जाप करने से भक्तों पर भगवान विट्ठल की कृपा प्राप्त होती है, जो उन्हें हर बुराई व बाधाओं से बचाते हैं।
  • मोक्ष प्राप्ति: विश्वास किया जाता है कि संत तुकाराम आरती भगवान विट्ठल के प्रति समर्पण और भक्ति की भावना विकसित करने में मदद करती है, जो अंततः मोक्ष की ओर ले जाती है।

संत तुकाराम से जुड़ी कथा

कहा जाता है कि एक बार संत तुकाराम के भजन सुनकर भगवान विट्ठल इतने प्रसन्न हुए कि वे पंढरपुर से चलकर देहू आए और उनके साथ किर्तन में भाग लिया। यह कथा भगवान विट्ठल और भक्त तुकाराम के बीच के करीबी बंधन को दर्शाती है।

संबंधित प्रश्न (FAQs)

1. आरती किस समय करनी चाहिए?

  • संत तुकाराम आरती सुबह या शाम, किसी भी शुभ समय पर की जा सकती है। हालांकि, कई भक्त शाम को आरती करना पसंद करते हैं।

2. क्या मुझे आरती मराठी में ही करनी चाहिए?

  • यदि आप मराठी से अच्छी तरह से परिचित नहीं हैं, तो आप आरती का अनुवाद अपनी मातृभाषा में कर सकते हैं। हालांकि, आरती के मूल मराठी पाठ में एक विशेष लय और काव्य सौंदर्य है। यदि आप शब्दों का अर्थ समझते हैं तो आरती मूल मराठी में करने का प्रयास करें।

3. संत तुकाराम आरती के अलावा और कौन से मंत्र हैं, जो मैं दैनिक पूजा के लिए कर सकता हूं?

  • आप भगवान विट्ठल के इन अन्य मंत्रों को भी अपनी दैनिक पूजा में शामिल कर सकते हैं:
    • विट्ठल विट्ठल जय हरी विट्ठल
    • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

4. क्या ऐसे संसाधन हैं, जिनसे मैं संत तुकाराम के बारे में अधिक जान सकता हूं?

  • हां, कई किताबें, वेबसाइट और अन्य संसाधन हैं जो संत तुकाराम के जीवन और भजनों के बारे में अधिक जानकारी देते हैं।

निष्कर्ष

संत तुकाराम आरती, भगवान विट्ठल की स्तुति करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सुंदर और शक्तिशाली तरीका है। इस आरती के नियमित जाप से व्यक्ति शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति की भावना पैदा कर सकता है।

क्या आप अपने जीवन में संत तुकाराम आरती की शक्ति का अनुभव करना चाहते हैं? क्यों न आज से ही इस आरती का जाप करना शुरू करें और अपने जीवन में होने वाले सकारात्मक बदलावों को खुद महसूस करें!


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