शनि चालीसा पाठ विधि (Shani Chalisa Pujan Vidhi)

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शनि चालीसा शनिदेव के भक्तों के मध्य अत्यंत लोकप्रिय है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव न्याय के देवता हैं जो मनुष्य को उसके कर्मों का फल देते हैं। यह माना जाता है कि शनि चालीसा का श्रद्धापूर्वक पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन के सभी कष्टों को दूर कर देते हैं।

शनि चालीसा पाठ विधि

शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि चालीसा का पाठ निम्नलिखित विधि से किया जाता है:

  1. शुभ मुहूर्त: शनि चालीसा का पाठ हमेशा शनिवार के दिन करना चाहिए। आप चाहें तो इस चालीसा का पाठ हर रोज भी कर सकते हैं।
  2. स्नान व स्वच्छ वस्त्र: पाठ करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
  3. शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर: यदि संभव हो तो शनिदेव की एक प्रतिमा या फिर उनकी तस्वीर के सामने बैठकर पाठ करें।
  4. पूजा सामग्री: पूजा के लिए एक दीपक, तेल या घी, धूप या अगरबत्ती, काले फूल, काले तिल, और सरसों के तेल की व्यवस्था करें।
  5. पाठ की शुरुआत: सबसे पहले दीपक जलाएं और अगरबत्ती या धूप जलाएं। फिर हाथ जोड़कर शनिदेव का ध्यान करें और पूरी श्रद्धा के साथ शनि चालीसा का पाठ आरंभ करें।
  6. अर्पित करें: शनि चालीसा का पाठ सफलतापूर्वक समाप्त होने के बाद शनिदेव को फूल अर्पित करें। इसके बाद शनिदेव को प्रसाद का भोग लगाएं।

शनि चालीसा पाठ के लाभ

  • शनि चालीसा का पाठ करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • शनि दोष और साढ़ेसाती जैसे कष्टों का प्रभाव कम होता है।
  • शनि चालीसा का विधिवत पाठ करने से मनुष्य को उसके अच्छे कर्मों का फल प्राप्त होता है।

अन्य उपयोगी जानकारी

  • यदि संभव हो तो शनि चालीसा का पाठ शनि मंदिर में या पीपल के वृक्ष के नीचे करें।
  • शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करने व सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी शनि का कुप्रभाव कम होता है।

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