श्रीदेवीजी की आरती
परिचय
आज हम आपको श्रीदेवीजी की आरती से परिचित कराना चाहते हैं, जो माँ दुर्गा और माँ लक्ष्मी का एक सुंदर स्तवन है। यह आरती नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दीपावली और अन्य विशेष अवसरों पर गाई जाती है। इसमें माँ से आशीर्वाद मांगा जाता है कि वे हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और सुरक्षा प्रदान करें।
श्रीदेवीजी माँ दुर्गा और माँ लक्ष्मी का ही एक स्वरूप हैं। वे शक्ति और समृद्धि की देवी हैं। हिंदू धर्म में, माना जाता है कि श्रीदेवीजी ब्रह्मांड की रचयिता, पालनकर्ता और विनाशक हैं। वे देवताओं की रक्षा करती हैं और असुरों का नाश करती हैं।
श्रीदेवीजी की आरती:
जगजननी जय! जय!!
माँ! जगजननी जय! जय!!
भयहारिणि, भवतारिणि,
माँ भवभामिनि जय! जय ॥
जगजननी जय जय..॥तू ही सत-चित-सुखमय,
शुद्ध ब्रह्मरूपा ।
सत्य सनातन सुन्दर,
पर-शिव सुर-भूपा ॥
जगजननी जय जय..॥
आदि अनादि अनामय,
अविचल अविनाशी ।
अमल अनन्त अगोचर,
अज आनँदराशी ॥
जगजननी जय जय..॥
अविकारी, अघहारी,
अकल, कलाधारी ।
कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि,
हर सँहारकारी ॥
जगजननी जय जय..॥
तू विधिवधू, रमा,
तू उमा, महामाया ।
मूल प्रकृति विद्या तू,
तू जननी, जाया ॥
जगजननी जय जय..॥
राम, कृष्ण तू, सीता,
व्रजरानी राधा ।
तू वांछाकल्पद्रुम,
हारिणि सब बाधा ॥
जगजननी जय जय..॥
दश विद्या, नव दुर्गा,
नानाशस्त्रकरा ।
अष्टमातृका, योगिनि,
नव नव रूप धरा ॥
जगजननी जय जय..॥
तू परधामनिवासिनि,
महाविलासिनि तू ।
तू ही श्मशानविहारिणि,
ताण्डवलासिनि तू ॥
जगजननी जय जय..॥
सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या,
तू शोभाऽऽधारा ।
विवसन विकट-सरुपा,
प्रलयमयी धारा ॥
जगजननी जय जय..॥
तू ही स्नेह-सुधामयि,
तू अति गरलमना ।
रत्नविभूषित तू ही,
तू ही अस्थि-तना ॥
जगजननी जय जय..॥
मूलाधारनिवासिनि,
इह-पर-सिद्धिप्रदे ।
कालातीता काली,
कमला तू वरदे ॥
जगजननी जय जय..॥
शक्ति शक्तिधर तू ही,
नित्य अभेदमयी ।
भेदप्रदर्शिनि वाणी,
विमले! वेदत्रयी ॥
जगजननी जय जय..॥
हम अति दीन दुखी माँ!,
विपत-जाल घेरे ।
हैं कपूत अति कपटी,
पर बालक तेरे ॥
जगजननी जय जय..॥
निज स्वभाववश जननी!,
दयादृष्टि कीजै ।
करुणा कर करुणामयि!
चरण-शरण दीजै ॥
जगजननी जय जय..॥
जगजननी जय! जय!!
माँ! जगजननी जय! जय!!
भयहारिणि, भवतारिणि,
माँ भवभामिनि जय! जय ॥
जगजननी जय जय..॥
इस आरती को गाने के लाभ:
- श्रीदेवीजी की आरती गाने से मन शांत होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- माँ की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और सुरक्षा आती है।
- आरोग्य और दीर्घायु प्राप्त होती है।
- मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता बढ़ती है।
पूजा विधि:
श्रीदेवीजी की पूजा घर पर विधि-विधान के साथ की जा सकती है। इसके लिए आपको निम्न पूजन सामग्री की आवश्यकता होगी:
- श्रीदेवीजी की मूर्ति या तस्वीर
- सिंदूर
- अक्षत (चावल)
- फूल
- दीपक और घी/तेल
- अगरबत्ती या धूपबत्ती
- गंगाजल
- फल और मिठाई (प्रसाद)
पूजा के चरण:
- सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
- पूजा स्थल को साफ करें और वहां श्रीदेवीजी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
- दीपक जलाएं और धूप या अगरबत्ती लगाएं।
- श्रीदेवीजी को सिंदूर और अक्षत अर्पित करें।
- फूल और प्रसाद अर्पित करें।
- गंगाजल छिड़कें और श्रीदेवीजी की आरती करें।
- ध्यान करते हुए कुछ देर मां श्रीदेवी के स्वरूप के बारे में सोचें और फिर प्रसाद ग्रहण करें।
श्रीदेवीजी की आरती का महत्व:
श्रीदेवी जी की आरती करने के कई आध्यात्मिक और धार्मिक फायदे हैं:
- मन को शांति मिलती है: आरती करने से वातावरण में सकारात्मकता आती है, जिससे मन शांत और प्रसन्न होता है।
- जीवन में सुख समृद्धि आती है: माँ लक्ष्मी का रूप श्रीदेवीजी धन और समृद्धि प्रदान करती हैं। ऐसी मान्यता है कि उनकी आरती करने से घर में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती।
- इच्छाएं पूरी होती हैं: सच्चे मन से श्रीदेवीजी की आरती करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद मिलता है।
- दिव्य सुरक्षा प्राप्त होती है: माँ दुर्गा की स्वरूप श्रीदेवीजी अपने भक्तों पर सदैव कृपा करती हैं और उनकी रक्षा करती हैं।
भक्तों की कहानियां:
श्रीदेवीजी की महिमा अपरंपार है। भारत में ऐसे कई भक्त हैं, जिन्होंने उनकी भक्ति करके अपने जीवन में अद्भुत बदलाव अनुभव किए हैं। ऐसी ही कुछ कथाएं इस प्रकार हैं:
- एक बहुत गरीब महिला थी, जिसके पास खाने तक के पैसे नहीं थे। एक बार उसके घर एक साधु आए और उन्होंने उसे श्रीदेवीजी की आरती करने के लिए कहा। महिला ने पूरी श्रद्धा से श्रीदेवीजी की आरती करना शुरू किया और कुछ ही दिनों में उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगे। उसे पैसा मिलने लगा और उसका जीवन सुखमय हो गया।
- एक भक्त को बहुत दिनों से नौकरी नहीं मिल रही थी। उसने नवरात्रि के समय श्रीदेवीजी की आरती और व्रत किया। थोड़े ही दिनों में उसे एक बहुत अच्छी नौकरी मिल गई।
लाभ:
श्रीदेवीजी की आरती के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- मन प्रसन्न होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
निष्कर्ष:
प्रिय भक्तों, मैं आशा करती हूं कि आपको श्रीदेवीजी की आरती, महत्व, और पूजन विधि जानकर प्रसन्नता हुई होगी। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि आप भी इस सुंदर आरती को अपनी दैनिक साधना में शामिल करें और माँ श्रीदेवी की कृपा से अपने जीवन को सुखमय बनाएं।
जय जगजननी जय! जय माँ श्रीदेवी जय!
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