विनय चालीसा: नीब करौरी बाबा की कृपा से जीवन में लाएं सकारात्मक बदलाव

पर purva gudekar द्वारा प्रकाशित

Vinay Chalisa - Baba Neeb Karori

परिचय

नमस्ते दोस्तों! क्या आपके जीवन में कभी ऐसा समय आया है जब आपने असहाय महसूस किया हो, जैसे चुनौतियां कभी खत्म नहीं होंगी? यदि उत्तर हां है, तो चिंता न करें! आप अकेले नहीं हैं। हम सब समय-समय पर संघर्षों का सामना करते हैं। ऐसे में आध्यात्मिक साधनों की ओर मुड़ने से सांत्वना, मार्गदर्शन और आंतरिक शक्ति मिल सकती है। आज हम एक शक्तिशाली प्रार्थना, ‘विनय चालीसा’ के बारे में जानेंगे जो नीब करौरी बाबा को समर्पित है।

नीब करौरी बाबा, जिन्हें महाराजी के नाम से भी जाना जाता है, 20वीं सदी के एक महान भारतीय संत थे। उनका व्यक्तित्व करुणा, असीम ज्ञान और चमत्कार करने की क्षमता से ओतप्रोत था। भक्तों का मानना है कि वे भगवान हनुमान के अवतार थे। महाराजी की शिक्षाएं सरल थीं, जो प्रेम, सेवा और सच्चाई पर आधारित थीं। उन्होंने भक्तों को उनकी सांसारिक समस्याओं से मुक्ति पाने और सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान की राह पर चलने में मार्गदर्शन किया।

विनय चालीसा (हिंदी में)

॥ दोहा ॥
मैं हूँ बुद्धि मलीन अति ।
श्रद्धा भक्ति विहीन ॥
करूँ विनय कछु आपकी ।
हो सब ही विधि दीन ॥॥ चौपाई ॥
जय जय नीब करोली बाबा ।
कृपा करहु आवै सद्भावा ॥

कैसे मैं तव स्तुति बखानू ।
नाम ग्राम कछु मैं नहीं जानूँ ॥

जापे कृपा द्रिष्टि तुम करहु ।
रोग शोक दुःख दारिद हरहु ॥

तुम्हरौ रूप लोग नहीं जानै ।
जापै कृपा करहु सोई भानै ॥4॥

करि दे अर्पन सब तन मन धन ।
पावै सुख अलौकिक सोई जन ॥

दरस परस प्रभु जो तव करई ।
सुख सम्पति तिनके घर भरई ॥

जय जय संत भक्त सुखदायक ।
रिद्धि सिद्धि सब सम्पति दायक ॥

तुम ही विष्णु राम श्री कृष्णा ।
विचरत पूर्ण कारन हित तृष्णा ॥8॥

जय जय जय जय श्री भगवंता ।
तुम हो साक्षात् हनुमंता ॥

कही विभीषण ने जो बानी ।
परम सत्य करि अब मैं मानी ॥

बिनु हरि कृपा मिलहि नहीं संता ।
सो करि कृपा करहि दुःख अंता ॥

सोई भरोस मेरे उर आयो ।
जा दिन प्रभु दर्शन मैं पायो ॥12॥

जो सुमिरै तुमको उर माहि ।
ताकि विपति नष्ट ह्वै जाहि ॥

जय जय जय गुरुदेव हमारे ।
सबहि भाँति हम भये तिहारे ॥

हम पर कृपा शीघ्र अब करहु ।
परम शांति दे दुःख सब हरहु ॥

रोक शोक दुःख सब मिट जावै ।
जपै राम रामहि को ध्यावै ॥16॥

जा विधि होई परम कल्याणा ।
सोई सोई आप देहु वरदाना ॥

सबहि भाँति हरि ही को पूजे ।
राग द्वेष द्वंदन सो जूझे ॥

करै सदा संतन की सेवा ।
तुम सब विधि सब लायक देवा ॥

सब कुछ दे हमको निस्तारो ।
भवसागर से पार उतारो ॥20॥

मैं प्रभु शरण तिहारी आयो ।
सब पुण्यन को फल है पायो ॥

जय जय जय गुरुदेव तुम्हारी ।
बार बार जाऊं बलिहारी ॥

सर्वत्र सदा घर घर की जानो ।
रूखो सूखो ही नित खानो ॥

भेष वस्त्र है सादा ऐसे ।
जाने नहीं कोउ साधू जैसे ॥24॥

ऐसी है प्रभु रहनी तुम्हारी ।
वाणी कहो रहस्यमय भारी ॥

नास्तिक हूँ आस्तिक ह्वै जावै ।
जब स्वामी चेटक दिखलावै ॥

सब ही धर्मन के अनुयायी ।
तुम्हे मनावै शीश झुकाई ॥

नहीं कोउ स्वारथ नहीं कोउ इच्छा ।
वितरण कर देउ भक्तन भिक्षा ॥28॥

केही विधि प्रभु मैं तुम्हे मनाऊँ ।
जासो कृपा-प्रसाद तव पाऊँ ॥

साधु सुजन के तुम रखवारे ।
भक्तन के हो सदा सहारे ॥

दुष्टऊ शरण आनी जब परई ।
पूरण इच्छा उनकी करई ॥

यह संतन करि सहज सुभाऊ ।
सुनी आश्चर्य करई जनि काउ ॥32॥

ऐसी करहु आप अब दाया ।
निर्मल होई जाइ मन और काया ॥

धर्म कर्म में रूचि होई जावे ।
जो जन नित तव स्तुति गावै ॥

आवे सद्गुन तापे भारी ।
सुख सम्पति सोई पावे सारी ॥

होय तासु सब पूरन कामा ।
अंत समय पावै विश्रामा ॥36॥

चारि पदारथ है जग माहि ।
तव कृपा प्रसाद कछु दुर्लभ नाही ॥

त्राहि त्राहि मैं शरण तिहारी ।
हरहु सकल मम विपदा भारी ॥

धन्य धन्य बड़ भाग्य हमारो ।
पावै दरस परस तव न्यारो ॥

कर्महीन अरु बुद्धि विहीना ।
तव प्रसाद कछु वर्णन कीन्हा ॥40॥

॥ दोहा ॥
श्रद्धा के यह पुष्प कछु ।
चरणन धरी सम्हार ॥
कृपासिन्धु गुरुदेव प्रभु ।
करी लीजै स्वीकार ॥

विनय चालीसा क्या है?

‘विनय’ शब्द का अर्थ है ‘विनम्रता,’ और ‘चालीसा’ चालीस छंदों वाली एक भक्ति कविता को दर्शाता है। विनय चालीसा एक मार्मिक प्रार्थना है जो नीम करोली बाबा की स्तुति के रूप में लिखी गई है। भक्तों का मानना है कि इसे पूरी श्रद्धा के साथ पाठ करने से बाबा की दिव्य कृपा प्राप्त होती है।

चालीसा का महत्व

  • मन की शांति: विनय चालीसा का पाठ करने से मन को असीम शांति की प्राप्ति होती है। यह प्रार्थना चिंता, तनाव और नकारात्मकता को दूर करके आंतरिक शांति को बढ़ावा देती है।
  • समस्याओं का निवारण: भक्तों का यह दृढ़ विश्वास है कि विनय चालीसा पढ़ने से जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याओं का भी समाधान हो सकता है। बाबा की कृपा से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
  • आध्यात्मिक उन्नति: भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने में विनय चालीसा अत्यंत सहायक है। यह भक्तों के हृदय में प्रेम और करुणा के बीज बोती है।
  • इच्छाओं की पूर्ति: माना जाता है कि जो कोई भी सच्चे मन से विनय चालीसा का पाठ करता है, नीब करौरी बाबा उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

विनय चालीसा पूजा विधि

विनय चालीसा का पाठ किसी भी दिन, कभी भी किया जा सकता है। हालांकि, मंगलवार और शनिवार इसके लिए सबसे शुभ दिन माने जाते हैं। यहां पूजा करने के कुछ सरल उपाय दिए गए हैं:

  1. सुबह जल्दी उठें और स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. नीब करौरी बाबा की प्रतिमा या तस्वीर को एक साफ चौकी पर स्थापित करें।
  3. एक घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  4. बाबा को फूल और फल अर्पित करें।
  5. पूरी श्रद्धा और एकाग्रता के साथ विनय चालीसा का पाठ करें।
  6. पूजा के अंत में बाबा की आरती करें।

नीब करौरी बाबा से जुड़ी भक्तों की कथाएं

असंख्य भक्तों ने नीम करोली बाबा के चमत्कारों और असीम अनुग्रह का अनुभव किया है। ये कथाएं हमारी आस्था को दृढ़ करती हैं और हमें याद दिलाती हैं कि ईश्वर की कृपा से कुछ भी संभव है। [यहां कुछ प्रेरक कथाएं आप शामिल कर सकते हैं]

विनय चालीसा के लाभ

  • बाधाओं का निवारण
  • संकटों से रक्षा
  • शांति और स्थिरता में वृद्धि
  • भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति
  • मनोकामनाओं की पूर्ति

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  • विनय चालीसा का पाठ करने का सबसे अच्छा समय क्या है? सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है|
  • क्या मुझे विनय चालीसा का पाठ करते समय कोई विशेष नियमों का पालन करने की आवश्यकता है? शुद्धता और श्रद्धा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
  • मैं विनय चालीसा का पाठ किसके सामने कर सकता हूं? आप इसे नीब करोरी बाबा की तस्वीर या मूर्ति के सामने कर सकते हैं, या मानसिक रूप से भी इसका जाप कर सकते हैं।

निष्कर्ष

प्रिय मित्रों, विनय चालीसा श्रद्धा और भक्ति का मार्ग है। इसके नियमित पाठ से हृदय में नीब करौरी बाबा का दिव्य प्रकाश जगमगाता है। यदि आप कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं या आध्यात्मिक मार्ग में आगे बढ़ना चाह रहे हैं, तो पूर्ण समर्पण के साथ विनय चालीसा के पावन छंदों का जाप करें। याद रखें, विश्वास में अटूट शक्ति होती है। बाबा की कृपा निश्चित ही आप पर बरसेगी!


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