विन्ध्येश्वरी आरती: सुन मेरी देवी पर्वतवासनी 

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Vindhyeshwari Aarti

नमस्कार दोस्तों!

नवरात्रि के पावन अवसर पर, आइए हम सब मिलकर विन्ध्येश्वरी देवी, शक्ति के अवतार, की उपासना करें। माँ विन्ध्येश्वरी, जिन्हें दुर्गा माँ का भी रूप माना जाता है, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर ज़िले के विंध्याचल पर्वत पर विराजमान हैं।

विन्ध्येश्वरी देवी:

माँ विन्ध्येश्वरी को शक्ति, समृद्धि, और विद्या की देवी माना जाता है। उनका नाम विंध्य पर्वत के नाम पर रखा गया है, जहाँ उनका मंदिर स्थित है। भक्तजन माँ विन्ध्येश्वरी की भव्य आरती “सुन मेरी देवी पर्वतवासनी” गाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

“सुन मेरी देवी पर्वतवासनी” आरती:

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥

पान सुपारी ध्वजा नारियल ।
ले तेरी भेंट चढ़ायो माँ ॥

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥

सुवा चोली तेरी अंग विराजे ।
केसर तिलक लगाया ॥

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥

नंगे पग मां अकबर आया ।
सोने का छत्र चडाया ॥

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥

ऊंचे पर्वत बनयो देवालाया ।
निचे शहर बसाया ॥

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥

सत्युग, द्वापर, त्रेता मध्ये ।
कालियुग राज सवाया ॥

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥

धूप दीप नैवैध्य आर्ती ।
मोहन भोग लगाया ॥

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥

ध्यानू भगत मैया तेरे गुन गाया ।
मनवंचित फल पाया ॥

सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।
कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥

आरती का अर्थ:

इस श्लोक में, भक्त माँ विन्ध्येश्वरी से प्रार्थना करते हैं, उन्हें “पर्वतवासनी” कहकर संबोधित करते हैं। उनका कहना है कि कोई भी माँ की महिमा को पूरी तरह से नहीं समझ सकता।

इस श्लोक में, भक्त माँ विन्ध्येश्वरी को विभिन्न भोग अर्पित करते हैं, जैसे कि पान, सुपारी, ध्वजा, और नारियल।

विन्ध्येश्वरी देवी: पूजन विधि और महत्व

  • आध्यात्मिक विकास: विन्ध्येश्वरी देवी की पूजा हमें दैवी शक्ति से जोड़ती है, जिससे हमारा आध्यात्मिक विकास होता है।
  • मनोकामनाओं की पूर्ति: माना जाता है कि माँ विन्ध्येश्वरी भक्तों की सच्ची मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
  • विघ्न-विनाश: विन्ध्येश्वरी देवी की पूजा से जीवन में आने वाली बाधाएं और विघ्न दूर होते हैं।

पूजन विधि:

1. संकल्प (Resolve):

सबसे पहले, भक्त माँ विन्ध्येश्वरी की पूजा करने का संकल्प लेते हैं।

2. आवाहन (Invocation):

फिर, माँ विन्ध्येश्वरी को पूजा स्थल पर आमंत्रित किया जाता है।

3. स्नान (Bathing):

माँ विन्ध्येश्वरी की मूर्ति को जल, दूध, और पंचामृत से स्नान कराया जाता है।

4. वस्त्र (Clothing):

माँ विन्ध्येश्वरी को सुंदर वस्त्र पहनाए जाते हैं।

5. आभूषण (Jewelry):

माँ विन्ध्येश्वरी को सोने, चांदी, और मोतियों के आभूषण पहनाए जाते हैं।

6. सिंहासन (Throne):

माँ विन्ध्येश्वरी को एक सुंदर सिंहासन पर विराजमान कराया जाता है।

7. भोग (Offering):

माँ विन्ध्येश्वरी को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं, जैसे कि फल, मिठाई, और पान।

8. आरती (Aarti):

माँ विन्ध्येश्वरी की आरती उतारी जाती है।

9. प्रार्थना (Prayer):

भक्त माँ विन्ध्येश्वरी से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।

10. दक्षिणा (Dakshina):

अंत में, भक्त माँ विन्ध्येश्वरी को दक्षिणा अर्पित करते हैं।

पूजन सामग्री (続き):

  • कुमकुम
  • धूप, अगरबत्ती
  • दीपक, घी, रुई
  • नैवेद्य (प्रसाद)
  • फल
  • अन्य पूजा सामग्री आवश्यकतानुसार

कथा: भक्ति की कहानियां

प्रचलित कथा 1:

[यहाँ विन्ध्येश्वरी देवी से जुड़ा एक लोकप्रिय कथा लिखें]

प्रचलित कथा 2:

[एक दूसरी, शायद कम प्रसिद्ध कहानी चुनें और उसका वर्णन करें]

वास्तविक जीवन के अनुभव (वैकल्पिक):

यदि आपको प्रामाणिक प्रशंसापत्र मिलते हैं, तो 1-2 लघु अनुभव शामिल करें जो भक्तों के जीवन पर आरती के प्रभाव को उजागर करते हैं। उदाहरण के लिए, कोई बता सकता है कि कैसे आरती ने उन्हें मुश्किल समय के दौरान ताकत और साहस दिया।

आरती करने के लाभ

आध्यात्मिक लाभ:

  • दैवीय स्त्री शक्ति के साथ जुड़ाव
  • अपनी आंतरिक शक्ति और भक्ति का विकास

संभावित भावनात्मक लाभ:

  • शांति और कल्याण की भावना
  • सुरक्षित और संरक्षित महसूस करना

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1: विन्ध्येश्वरी आरती करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

  • A: शुभ मुहूर्त जैसे सुबह, शाम, और नवरात्रि के दौरान विन्ध्येश्वरी आरती करने के लिए विशेष रूप से अनुकूल हैं।

Q2: क्या मैं बिना मंदिर जाए घर पर विन्ध्येश्वरी देवी की पूजा कर सकता हूँ?

  • A: हाँ, आप अपने घर में एक छोटा सा पूजास्थल बनाकर माँ विन्ध्येश्वरी की पूजा कर सकते हैं और आरती कर सकते हैं।

Q3: … [2-3 अन्य सामान्य प्रश्नों को शामिल करें।]

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों, आइए हम विन्ध्येश्वरी देवी के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें और उनकी आरती के माध्यम से उनके आशीर्वाद पाएं। इस आरती को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ गा कर हम माँ विन्ध्येश्वरी की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जय विन्ध्येश्वरी माँ!


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